UP Election 2022: बीजेपी का दामन छोड़ सपा में आखिर क्यों जा रहे विधायक और मंत्री

UP Election 2022: इन दिनों भाजपा के कुछ विधायक व मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं और समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं.

UP Election 2022: यूपी विधानसभा 2022 (UP Election 2022) चुनाव को लेकर आपस में सभी राजनीतिक पार्टियों में गर्माहट का माहौल बना हुआ है. इस बार यूपी में किसकी सरकार बनेगी यह कहना काफी मुश्किल है. इन दिनों भाजपा (BJP) के कुछ विधायक व मंत्री इस्तीफा दे समाजवादी पार्टी में जाकर शामिल हो रहे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के उन विधायकों का अपनी पार्टी में स्वागत कर रहे हैं. अखिलेश यादव बीजेपी के उन विधायकों के साथ सोशल मीडिया पर फोटोज भी शेयर कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये हैं कि आखिर क्यों भाजपा के नेता साथ छोड़ सपा में शामिल हो रहे हैं.

सूत्रों की माने तो भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों व मंत्रियों को लेकर प्रदेश में तीन-तीन बार सर्वे कराए हैं. बीजेपी ने अपने इस सर्वे में पता लगया है कि इस बार जनता बीजेपी को 100 में से कितने नंबर देगी. ऐसा कहा जा रहा कि प्रदेश सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार ने भी इस बात का सर्वे कराया है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने पहले ही 150 लोगों की टिकट काटने का सोच लिया था. लेकिन फिर 100 लोगों की टिकट काटने की बात कहीं जा रही थी. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा रहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने 30 से 50 विधायकों की टिकट काट सकती है.

वहीं माना जा रहा कि जिन विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़ सपा में शामिल हुआ है उन्हे इस बार बीजेपी से टिकट नहीं मिलने वाला था. बीजेपी पहले से ही एक सूची बना रखी थी जो कही से लीक हो गया. और कुछ को पहले से ही कह दिया गया था कि उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा. लेकिन अभी बीजेपी के 3 बड़े मंत्री ने इस्तीफा दे सपा में शामिल हो गए. जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी है. वैसे बीजेपी नहीं चाहती थी कि ये तीनों नेता उनका साथ छोड़े. क्योंकि उनके जाने से बीजेपी के वोट बैंक पर काफी असर पड़ सकता है.

अगर स्वामी प्रसाद मौर्य की बात करे तो उनका अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपना एक अलग दबदबा है, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य चाहते हैं कि पडरौना से उनको समाजवादी का टिकट मिले.  साथ ही उनके बेटे को भी टिकट दिया जाए. वहीं समाजवादी पार्टी के बड़े नेता के तौर पर ऊंचाहार के मनोज पांडे को देखा जाता है वह दो बार स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को ऊंचाहार से हरा चुके हैं. जिसे लेकर सपा मनोज पांडे की टिकट को नहीं काट सकती है. वहीं कहा जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे को जौनपुर से सपा लड़ाना चाहेगी.

जबकि दूसरे मंत्री दारा सिंह चौहान मधुबन सीट से मऊ चुनाव लड़ते हैं. जनता की मानें तो उनकी इमेज बिल्कुल भी सही नहीं है. उन्होंने 5 साल तक अपने क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं किया है. कहा जा रहा है कि दारा सिंह चौहान बीजेपी से चाहते थे कि उन्हें मधुबन के बजाय घोसी से टिकट दे दिया जाए. बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी. जिसके बाद दारा सिंह ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया और सपा का दामन थाम लिया.

अगर वही मंत्री धर्म सिंह सैनी की बात करें तो यह चार बार विधायक रह चुके हैं. इन्होंने बीजेपी पर इल्जाम लगाया कि उन्हें यहां पर इज्जत नहीं दी जा रही थी. जिसके बाद यह समाजवादी पार्टी में आ गए. अगर बात करें फिरोजाबाद विधायक मुकेश वर्मा की तो उन्हें भी वहीं आरोप  लगया कि जो और नेताओं ने लगाए है.

जबकि मुकेश वर्मा के क्षेत्र के जनता का कहना है कि उनका इमेज बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी. उन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं किया है उनके जीतने की उम्मीद इस बार बहुत कम है. और ऐसा कहा जा रहा है कि बीजेपी की लिस्ट इनका भी नाम था, जिसके वजह से उन्होंने भी बीजेपी का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी का हाथ थाम लिया.

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