छठ पर यमुना में झाग बना दिल्ली की AAP सरकार और BJP के बीच तूतू-मैंमैं का कारण
AAP नेता और दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने यमुना नदी पर उठे झाग को यूपी और हरियाणा सरकार की ओर से दिल्ली को उपहार बताया
छठ पूजा के मौके पर यमुना नदी के झागदार पानी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के नजारे से दिल्लीवाले और पर्यावरणविद गहरी चिंता में हैं. इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आप सरकार और आसपास के राज्यों में सत्तारूढ़ सरकारों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया.
मीडिया स्वराज डेस्क
मूल रूप से बिहार का माना जाने वाला छठ पूजा का त्योहार आज देश ही नहीं, पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है. ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली इससे अछूती कैसे रह सकती है भला! यहां हर साल बड़े स्तर पर लोग छठ पूजा करते हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने व्रतियों को पूजा अर्चना के लिए यमुना नदी पर जाने की छूट जब नहीं दी तो इसे लेकर दिल्ली सरकार और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया.
हालांकि आज शाम का अर्घ्य देने के लिए अब यमुना से झाग हटाने का काम तेजी से चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि छठ व्रती आसानी से यमुुना नदी के तट पर सूर्य को अर्घ्य दे पाएंगे, लेकिन जब इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से राघव चड्ढा ने समाचार एजेंसी एएनआई से क्या कहा, आइए जानें…
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने मंगलवार को कहा कि यमुना नदी पर उठा हुआ झाग दिल्ली को यूपी और हरियाणा सरकारों की ओर से उपहार है. दोनों ही राज्य आज तक अपने अपने राज्यों की नदियों के जल की सफाई को लेकर नाकामयाब हैं, जिसकी वजह से दिल्ली में यमुना की हालत इतनी बुरी हो चुकी है.
चड्ढा ने ANI से कहा, यमुना नदी पर जो झाग उठा हुआ है, वह ओखला बैरेज इलाके में आता है, जो यूपी सरकार के सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है. यमुना का दूषित जल दिल्ली की वजह से नहीं, यूपी और हरियाणा सरकार की नाकामी के कारण है. हर साल की तरह इस साल भी यूपी सरकार यमुना के पानी को साफ रखने में नाकाम साबित हुई है.
छठ पूजा के मौके पर यमुना नदी के झागदार पानी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं के नजारे से दिल्ली के लोग और पर्यावरणविद गहरी चिंता में हैं. इससे राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के राज्यों में सत्तारूढ़ आप सरकार के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया।
छठ पूजा के मौके पर यमुना नदी में छठ व्रती कैसे डुबकी लगाएंगे, यह बात दिल्लीवालों और पर्यावरणविदों को परेशान कर रही है. और यही मुद्दा दिल्ली की आप पार्टी सरकार और पडोसी राज्यों की सरकारों के बीच आरोप प्रत्यारोप का कारण बन हुआ है.
छठ पूजा के लिए जब दिल्ली सरकार की ओर से व्रत करने वालों को यमुना पर अरग देने की अनुमति नहीं दी गई तो भाजपा नेताओं ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने नदी की “दयनीय” स्थिति को छिपाने के लिए यमुना के तट पर छठ समारोह की अनुमति नहीं दी. जबकि आप नेता राघव चड्ढा ने यमुना के प्रदूषण और नदी में उठे झाग के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश में राज्य सरकारों को दोषी ठहराया.
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चड्ढा ने आगे कहा कि ओखला बैराज में हरियाणा में यमुना से लगभग 105 एमजीडी अपशिष्ट जल और यूपी में गंगा से लगभग 50 एमजीडी अपशिष्ट जल विलीन होता है. पानी में औद्योगिक अपशिष्ट, अनुपचारित डिटर्जेंट, अमोनिया है, जिससे फोम का निर्माण होता है. इसलिए यूपी और हरियाणा में भाजपा सरकारों को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए.
चड्ढा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने साल दर साल दोनों राज्यों से स्थिति को टालने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करने का आग्रह किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
उन्होंने कहा, “साल दर साल हमने यूपी सरकार को सिंचाई प्रौद्योगिकी, जैव कृषि पद्धति का उपयोग करने के लिए लिखा है, लेकिन भाजपा सरकारों ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया.”
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