प्रियंका गांधी की प्रयागराज गंगा में बोटिंग देख लोग दंग

प्रियंका गांधी ने प्रयागराज गंगा में बोटिंग की अपनी साध मौनी अमावस्या पर पूरी की. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोक आस्था के पर्व मौनी अमावस्या पर प्रयागराज पहुँच कर पवित्र संगम में डुबकी लगाई.प्रियंका गांधी अरैल से संगम स्नान के लिए एक यात्री की तरह बोट पर सवार होकर गयीं. उन्होंने वहाँ आम लोगों के साथ गंगा में स्नान किया. इस अवसर पर उनका बेटा, बेटी और उनके दोस्त भी थे.

प्रियंका गांधी ने अपने बेटा बेटी के साथ आम लोगों की तरह प्रयागराज में गंगा स्नान किया
प्रियंका गांधी ने अपने बेटा बेटी के साथ आम लोगों की तरह प्रयागराज में गंगा स्नान किया

गंगा स्नान आओर सूर्य पूजा के बाद वापसी में प्रियंका गांधी ने नाविक से पतवार लेकर खुद चलायी. नाव बड़ी थी, सवारियाँ भी थीं, लेकिन एक कुशल नाविक की तरह प्रियंका को नाव चलाते देख लोग दंग थे.

कुछ लोग इसके राजनीतिक अर्थ लगाते हुए ज़ोर- ज़ोर से कहने लगे की वह इसी तरह देश भी चलायेंगी.

स्नान ध्यान और पूजन के बाद प्रियंका गांधी मनकामेश्वर मंदिर पर शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का दर्शन कर आशीर्वाद लिया .

स्वामी स्वरूपानंद आज़ादी की लड़ाई के दौरान जेल गए थे. उन्हें कांग्रेस विचारधारा का समर्थक और संघ परिवार का विरोधी कहा जाता है.

प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी से मेरी बचपन की स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने मेरे पिता के रहते हुए 1990 में हमारी गृह प्रवेश की पूजा करायी थी। आज उनके सानिध्य में देश और धर्म की उदारता और सद्भाव की चर्चा की.

इससे पहले प्रियंका गांधी ने आनंद भवन/ स्वराज भवन में स्थित अनाथालय में बच्चियों के संग कुछ समय बिताया.उन्होंने आनन्द भवन में अपने परदादा पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को याद करते हुए उस स्थान पर पुष्पांजलि अर्पित की जहाँ उनका अस्थि कलश विसर्जन के पूर्व रखा गया था।

पंडित नेहरू को पुष्प अर्पित किए

इस दौरे से प्रियंका गांधी का राजनीतिक संदेश यही है कि उनकी देश में गहरी जड़ें हैं और भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था.

राम दत्त त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ

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