शक्तिपीठ पहुंचीं प्रियंका, बुंदेलखंड के पीड़ित किसान परिवारों का दुख बांटा
खाद की लाइनों ने ली बुंदेलखंड के किसानों की जान
आज प्रसिद्ध मां पीताम्बरा शक्तिपीठ पहुंचीं प्रियंका. वह बुंदेलखंड से लौट रही थीं. वहां उन चार किसान परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख बांटने की कोशिश की, जिन्होंने पिछले दिनों खाद न मिलने के कारण अपनी जान गंवा दीं. दो ने आत्महत्या कर ली तो दो लाइन में लगे लगे ही गुजर गए. दतिया के मां पीताम्बरा शक्तिपीठ पहुंचीं प्रियंका और वहां जाकर उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता की खुशहाली की कामना की.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज उत्तर प्रदेश के दतिया स्थित प्रसिद्ध मां पीताम्बरा शक्तिपीठ में पूजा अर्चना करती दिखीं. इससे पहले उन्होंने माता के दरबार में माथा भी टेका. फिर, उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना भी की, जो लंबे समय से किसी न किसी समस्या से घिरा दिख रहा है, खासकर वहां के किसानों के लिए बीते कुछ समय से खबरें बुरी ही सुनने को मिल रही हैं.
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज ललितपुर के पाली गांव स्थित उन चार किसान परिवारों से मिलने पहुंची थीं, जिनमें से दो की की मौत पिछले कई दिनों से खाद की लाइन में खड़े रहने के कारण हो गई जबकि अन्य दो ने कई दिनों तक लाइन में खड़े रहने के बावजूद खाद न मिलने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी.
प्रियंका ने आज उन चारों पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया. बता दें कि सोनी अहिरवार और बबलू पाल नामक दो किसान कई दिनों से खाद न मिलने के कारण परेशान थे. इसके बाद उन्होंने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी. वहीं, भोगी पाल और महेश कुमार बुनकर, नामक दो किसानों की जान अचानक चली गई. गांव वालों का कहना है कि दोनों की पिछले कई दिनों से खाद की लाइन में लगे रहने के बाद अचानक लाइन में खड़े खड़े ही मृत्यु हो गई.
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बता दें कि गांव के ज्यादातर किसानों पर भारी-भरकम कर्ज है. पीड़ित किसान फसल की बर्बादी और मुआवजा न मिलने जैसी समस्याओं से भी परेशान थे. प्रियंका गांधी ने इन सभी किसानों के परिजनों से मिलकर उनका दुख बांटा.
इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि यह समस्या नई नहीं है, चार किसानों की मौत के बावजूद पूरे बुन्देलखण्ड में यही हो रहा है. सरकार की क्रूरता चरम पर है.
इससे पहले लखीमपुर में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया था, और वह मंत्री अभी भी पद पर है, मंत्री के पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है.
बुन्देलखण्ड के किसानों की स्थिति चिंताजनक है. वहां के किसान अपने परिवार को पालने के लिए संघर्ष कर रहें हैं, उनकी समस्या सुनकर दिल दहल रहा है.
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भाजपा सरकार की कुनीतियों से किसान कर्ज में डूबता जा रहा है. खाद नहीं मिल पा रही है, बिजली नहीं आ रही है और बिल भरने पड़ रहे हैं. सरकार व अधिकारियों के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी की जा रही है, जिससे किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए.
इसके बाद यूपी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गांव के किसानों से यह वायदा किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो गेहूं व धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल और गन्ना 400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी जायेगी. यही नहीं, किसानों का सारा कर्जा भी माफ कर दिया जायेगा.