मगावा को स्वर्ण पदक मिला

मगावा
पंकज प्रसून, वरिष्ठ पत्रकार

आठ बरस के मगावा ने इतिहास रचा है। उसे इस वर्ष स्वर्ण पदक से नवाजा गया है। उसने कंबोडिया में अपना कमाल दिखाया है।

मगावा धरती के भीतर छिपी बारूदी सुरंगों का पता लगाने में माहिर है।

विश्व में सबसे अधिक बारूदी सुरंगें कंबोडिया में हैं।

मगावा की विशेषता है कि टेनिस कोर्ट जितनी बड़ी जगह में छिपी बारूदी सुरंग का पता सिर्फ़ तीस मिनट में सूंघ कर बता देता है।

संवेदी मशीनों को इतना काम करने में चार दिन लगते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मगावा एक चूहा है। वह अफ्रीका में पाया जाने वाला जाइंट पौच नस्ल का चूहा है।

इस पुरस्कार की स्थापना 1917 में  ब्रिटेन की मारिया डिकिन ने की थी।

पीडीएस ए गोल्ड मेडल सन् 2002 से उन जानवरों को दिया जाने लगा, जिन्होंने असामान्य वीरता दिखाई होती है।

अभी तक तीस जंतुओं को यह मेडल मिल चुका है जिनमें सभी कुत्ते हैं।

पिछले वर्ष ब्रिटेन के बाका नामक कुत्ते को यह पुरस्कार मिला था, जिसने अपनी जान की परवाह किसे बगैर एक हमलावर को पकड़ लिया था।

मगावा पहला चूहा है जिसे यह गोल्ड मेडल मिला है।

उसे तंजानिया की संस्था अपोपो ने प्रशिक्षित किया है जो  सन् 1990 के दशक से चूहों को प्रशिक्षित कर रही है।

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