व्यापारियों की संस्था फैम ने सर्विस टैक्स विभाग द्वारा नोटिस भेजने का विरोध किया

नई दिल्ली .राष्ट्र के व्यापारियों की सर्वोच्च संस्था फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) द्वारा पूर्ववर्ती सर्विस टैक्स विभाग द्वारा नोटिस भेजे जाने का विरोध किया है और इस सम्बन्ध में एक पत्र भारत सरकार के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBITC ) के चेयरमैन को भेजा गया है।
 
फैम ने CBITC के चेयरमैन श्री ऍम अजीत कुमार से आग्रह किया है किं COVID-19 जैसी महामारी के चलते पूर्ववर्ती सर्विस टैक्स के 2014-17 वर्ष के समन एवं नोटिस जारी किय जा रहे है जो वर्तमान समय के हिसाम से बिलकुल भी अनुकूल एवं उचित नहीं है। फैम द्वारा CBITC के चेयरमैन को सूचित किया गया है किं कुछ नोटिस तो इतने बेमेल है किं उनपर सर्विस टैक्स की देयता थी हे नहीं जैसे डॉक्टर, शैक्षिक संस्थानों आदि। विभाग ने ईमेल आदि का जवाब देने का विकल्प नहीं दिया है, लेकिन वे इस महामारी की स्थिति के तहत भौतिक रूप से प्रस्तुत करने पर जोर देते हैं, किसी मामले में वे बिना किसी पूर्व पूर्व सूचना और दबाव निर्धारण के जारी किए बिना सीधे समन जारी करते हैं।
श्री वी के बंसल , राष्ट्रीय महामंत्री , फैम ने बताया किं उन्हे सूचित किया गया है किं कुछ मामलों में, जांच पहले से ही पूरी हो चुकी है या पहले जमा किए गए दस्तावेज, पर विभाग ने अपने स्वयं के दस्तावेजों को सत्यापित किये बिना ही समन इत्यादि भेज दिए है।
 
श्री वी के बंसल , राष्ट्रीय महामंत्री , फैम के अनुसार विभाग सर्विस टैक्स एवं आयकर की विवरणी के मिलान कर नोटिस जारी कर रहा है। सर्विस टैक्स विवरणी और आयकर विवरणी के लिए टर्नओवर में मिलान न होना स्वाभाविक है क्योंकि सर्विस टैक्स एवं आयकर के अनुसार टर्नओवर की गणना का आधार अलग अलग है। यदि करदत्त से मिलान करने को कहा जाय तो कोई भी करदत्त बहुत आसानी से अपना मिलान कर सकता है। परन्तु सर्विस टैक्स की खुद की वेबसाइट “https://cbic-gst.gov.in/cbec-portal-ui/” ठीक से काम नहीं करती है जिसके चलते विभाग को ऑनलाइन के माध्यम से सूचनाय देने में कठिनाई आ रही है।
 
 
फैम द्वारा CBITC के चेयरमैन से अनुरोध किया गया है ,कोविद -19 महामारी की स्थिति में कंपनियों / व्यक्तियों / पेशेवरों के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रतिनिधित्व करना बहुत मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं और आने जाने से बच रहे है, ऐसी स्थिति में सर्विस टैक्स के समन व नोटिस को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाय या पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

three × two =

Related Articles

Back to top button