लखीमपुर खीरी कांड: आशीष मिश्रा की जमानत हुई पर रिहाई आसान नहीं

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर

लखीमपुर खीरी कांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी (Ajay Mishra Teni) के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को हाईकोर्ट ने आज जमानत दे दी। यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने दिया है। बता दें कि कोर्ट ने 18 जनवरी 2022 को आशीष की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया था।

आशीष मिश्रा के वकील के मुताबिक़ हाईकोर्ट (High Court) से आदेश की कॉपी लेकर स्थानीय जेल प्रशासन को देकर बॉन्ड बनवाने में कल दोपहर तक का समय लगेगा। ऐसे में कल दोपहर बाद ही रिहाई सम्भव है। आशीष मिश्रा मोनू के वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस अपनी पूरी कहानी में यह बात स्थापित ही नहीं कर पायी कि आशीष उस थार गाड़ी में मौजूद था, जिस गाड़ी से कुचलकर किसान मारे गए।

आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से समर्थक खुश

लखीमपुर खीरी कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होते ही समर्थकों में जश्न का माहौल है, लेकिन जमानत मंजूर होने के बाद भी रिहाई में रोड़ा है, जिस पर चुनावी माहौल के चलते पर्दा डाला जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने हत्या के बजाय हादसा व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था और आशीष की तरफ से जमानत के लिए उन्हीं धाराओं में पैरवी की जा रही थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी ने विवेचना के दौरान हादसे की धारा को हत्या में तरमीम करने के साथ आशीष के खिलाफ साजिश रचने की धारा बढाते हुए 3 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की। रिहाई में यही सबसे बड़ा रोड़ा है।

लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri Case) को लेकर आशीष मिश्रा मोनू के वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव (Salil Kumar Srivastava) ने कहा कि पुलिस ने सही जांच नहीं की।

उन्होंने कोर्ट के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखा, जिस पर जमानत मिल गई है। उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष की ओर से 192 एफिडेविट फाइल किये गए थे, जिसमें सबने कहा कि आशीष घटनास्थल पर नहीं थे। मगर पुलिस ने अपनी जांच और चार्जशीट (Charge Sheet) में एफिडेविट शामिल ही नहीं किये।

आशीष के वकील ने धारा 302 व 120 बी में जमानत के लिए अर्जी ही नहीं दी थी, लिहाजा इन दोनों संगीन धाराओं में जमानत नहीं हुई। अब सत्ता के अर्दब में रिहाई हो तो अलग, वरना 302 व 120 बी में जमानत तक आशीष को जेल में रहना होगा।

जल्द रिहा होंगे आशीष मिश्रा- वकील

वकील सलिल कुमार श्रीवास्तव ने आगे कहा कि इसके अलावा पुलिस ने गोली चलाने की भी बात कही थी लेकिन जिन लोगों की मौत हुई, उसमें से किसी में भी फायर इंजरी नहीं पाई गई थी। जिस थार जीप से कुचलकर किसान मारे गए, वो आशीष का ड्राइवर हरिओम मिश्रा चला रहा था इसलिए गलती उसकी थी। आशीष एक-दो दिन में जेल से रिहा हो सकता है। आशीष मिश्रा के वकील के मुताबिक़ हाईकोर्ट से आदेश की कॉपी लेकर स्थानीय जेल प्रशासन को देकर बॉन्ड बनवाने में शुक्रवार दोपहर तक का समय लगेगा।

लखीमपुर कांड में अपनों को खोने वाले दुखी

जिन किसानों ने लखीमपुर कांड में अपनों को खोया है, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को बेल मिलने पर उन्होंने न्याय की उम्मीद छोड़ दी है। 19 वर्षीय गुरविंदर सिंह, जो बीते वर्ष 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचल दिया गया था, के पिता सुखविंदर सिंह कहते हैं कि आशीष मिश्रा को बहुत जल्दी बेल मिल रहा है। इसे एक अच्छा संकेत नहीं माना जाना चाहिये।

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वे कहते हैं कि हमें इस सरकार से कोई उम्मीद भी नहीं है। यहां तक कि अजय मिश्रा से आज तक मंत्री पद से इस्तीफा भी नहीं लिया गया है। किसानों के कई बार मांग करने के बावजूद केंद्रीय राज्य गृहमंत्री अजय मिश्र टेनी से अब तक इस्तीफा तक नहीं लिया गया। मोदी जी केंद्र में बैठकर एक पर एक राजनीतिक जुमले छोड़े जा रहे हैं, लेकिन वे अब तक अजय मिश्र से इस्तीफा नहीं ले पाये हैं।

लखीमपुर कांड में मारे गये चार किसानों के अलावा जिस पत्रकार रमन कश्यप की भी उस गाड़ी के नीचे आ जाने से मौत हो गयी थी, उनके भाई अमन कश्यप ने आशीष मिश्रा को बेल मिलने के बाद कहा कि बेल मिलने का मतलब यह नहीं है कि वह दोषमुक्त हो गया। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। आशीष मिश्रा को बेल मिल जाने का मतलब ये नहीं है कि यह केस ही खत्म हो गया है।

पीएम ने पहली बार मामले में तोड़ी चुप्पी

बता दें कि बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिये अपने साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुये कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने हर उस चीज के लिये अपनी सहमति दी है, जो भी सुप्रीम कोर्ट ने चाहा। सुप्रीम कोर्ट ने जिस जज के सामने इस मामले की सुनवाई किये जाने की बात की, उस पर भी राज्य सरकार ने अपनी सहमति दी। राज्य सरकार ने पूरी पारदर्शिता के साथ इस मुद्दे पर काम किया है।

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