गंगोत्री से लेकर गौमुख तक कांवड यात्रा की धूम

गंगोत्री से गौमुख तक काँवड़ यात्रा का आगाज हो चुका है।इस वर्ष हरिद्वार में लाखों की संख्या में काँवड़ यात्रियों के जुटने की उम्मीद है।। उत्तर भारत के शिव मंदिरों में पवित्र गँगा जल से शिवलिंग में अर्पित करने की होड़ मची है।

गंगोत्री घाटी में कांवड यात्रियों की धूम
गंगोत्री घाटी में कांवड यात्रियों की धूम


शिव मंदिर हों या बारह ज्योतिर्लिंग सभी जगह माँ गँगा जी के ही जल से जलाभिषेक करने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है।।
गोमुख से लेकर गँगा सागर तक आजकल काँवड़ यात्रियों को बड़ी संख्या में माँ गंगा के किनारों पर आजकल भगवान भोलेनाथ पर गँगा जल अर्पित करने के लिए जल भरते हुए देखा जा सकता है।।
निन्यानबे फीसदी काँवड़ यात्री हरिद्वार से ही अपनी अपनी काँवड़ में गँगा जल भरकर ले जाते हैं।।लेकिन अति उत्साही काँवड़ यात्री हजारों लाखों की संख्या में गंगोत्री तक जल भरने पहुंच रहे हैं। औऱ हजारों काँवड़ यात्री माँ गँगा के उदगम गौमुख तक जल भरने पहुंच रहे है।

शिव मंदिरों में गंगा जल चढ़ाने की होड़
शिव मंदिरों में गंगा जल चढ़ाने की होड़

गंगोत्री औऱ गोमुख तक काँवड़ यात्री जुलाई के प्रथम सप्ताह से ही पहुंचने लगे थे। दरअसल गोमुख से काँवड़ में पवित्र जल भरकर काँवड़ यात्री हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर अपने अपने गंतव्य तक स्थित शिवालयों में पहुंचते है।श्रावण मास की शिवरात्रि के लिए इन दिनों प्रतिदिन हजारों कांवड़ यात्री गंगा जल भरने के लिए गंगोत्री धाम पहुंच रहे हैं।।जिनमें से करीब सौ डेढ़ सौ काँवड़ यात्री बम-बम भोले के जयकारों के साथ मां गंगा के उदग्म स्थल गोमुख पहुंच रहे है।।
आपको बताते चले कि गोमुख तक एक दिन में मात्र 150 यात्रियों को गोमुख तक जाने की विधिवत इजाजत है। यदि ये प्रतिबंध न होता तो हजारों की संख्या में यात्री, काँवड़ यात्री औऱ पर्यटक गोमुख पहुंचते थे।

कांवड यात्रियों की टोली
कांवड यात्रियों की टोली


गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी हरिद्वार तक कांवड़ भक्तों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। सड़कों पर कांवड़ भक्तों की टोली अभी से गंगाजल भरने के लिए गंगोत्री धाम और गोमुख पहुंचने लगे हैं।
कई तरह की होती हैं काँवड़ जिनमे मुख्यतः डाक कांवड़, सामान्य कांवड़ व खड़ी कांवड़ हैं। वैसे झांकी वाली काँवड़ भी होती हैं। भोलेनाथ के अनन्य भक्त तरह तरह की रंग विरंगी काँवड़ के साथ,पालकी के साथ, झूमते नाचते, पैरों में घुँघरू बांधे जब सड़कों पर निकलते हैं तो सम्पूर्ण नजारा देखने लायक होता है।

शिव के वेश में कांवड यात्री
शिव के वेश में कांवड यात्री


जगह जगह काँवड़ यात्रियों के मनोरंजन के लिए शिव पार्वती की वेशभूषा में भोलेनाथ के भजनों पर झूमते नाचने का कार्यक्रम भी चलता रहता है।।
भक्ति के माहौल में हर हर गंगे, हर हर महादेव के जयकारों से समूची गंगोत्री घाटी गुंजायमान है।।
काँवड़ यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने भी कांवड़ यात्रा के बेहतर संचालन के लिए व्यवस्थाएं पूरी तरह चाक चौबंद कर दी हैं।
इधर मौसम वैज्ञानिकों ने अगले आने वाले चार दिनों 18 से 22 जुलाई तक भारी बारिश हाईअलर्ट जारी कर चेतावनी दी है कि इन चार दिनों तक यात्री पहाड़ों के रुख न करें।

कांवड यात्रियों का स्वागत
कांवड यात्रियों का स्वागत


गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के यात्रा मार्ग में हजारों की संख्या में केसरिया वेशभूषा पहने कांवड़ भक्तों को देखा जा सकता है। पैदल काँवड़ यात्रियों को निशुल्क भोजन व्यवस्था, दवा आदि उपलब्ध कराने के लिए गंगोत्री से लेकर उत्तरकाशी , मनेरी, भटवाड़ी, हर्षिल, नाकुरी, गनेशपुर, गंगोरी, उजेली, डुंडा चिन्यालीसौड़, बड़ेथी, धरासू, डुंडा, रतूड़ीसेरा, हीना, नेताला, चिन्यालीसौड़ से लेकर हरिद्वार तक दर्जनों भंडारे लगे हैं।

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उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत पूरे यात्रा रूट को 6 सेक्टर में बांटा गया है। इन सेक्टरों पर पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है। उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रूहेला ने भी कहा है कि गोमुख से गंगा जल भरने के लिए एक दिन में केवल 150 कांवड़ भक्तों को जाने की अनुमति दी जाएगी।।

लोकेंद्र सिंह बिष्ट
लोकेंद्र सिंह बिष्ट

उत्तरकाशी से लोकेन्द्र सिंह बिष्ट

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