उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा की अनुमति पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

योगी को कांवड़ यात्रा पर हाथ क्यों?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कोरोना वायरस के बीच कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के फैसले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से छह अगस्त के बीच प्रस्तावित है।कांवड़ यात्रा में हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं और इसमें जगह जगह भीड़ उमड़ने की आशंका रहती है. 

कोरोना वायरस का प्रकोप अभी पूरी तरह थमा नहीं है और विशेषज्ञ जल्दी ही तीसरी लहर की चेतावनी  दे  रहे हैं. 

जस्टिस रोहिंटन एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली में एक अख़बार में छपी खबर के आधार पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट इस मामले में 16 जुलाई को सुनवाई करेगा।

जस्टिस नरीमन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा,’आज अखबार देखने पर हमें इस बात पर परेशानी हुई कि कोविड-19 संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को जारी रखने का निर्णय लिया है, वहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।

लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के बारे में आगाह करने के बावजूद ऐसा हो रहा है।’

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने  इस वर्ष कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है, ऐसे में कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल लेने जाते हैं. अगर उन्हें वहाँ रोका गया तो टकराव भी हो सकता है.

एक विशेष चर्चा में राम दत्त त्रिपाठी के साथ शामिल हैं वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश शुक्ला और अमर उजाला के पूर्व सम्पादक कुमार भवेश चंद्र.

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