1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, कोई बता दे तो पद्मश्री वापस कर दुंगी : कंगना रनौत

आजादी भीख में मिली वाले बयान के पक्ष में कंगना ने ‘जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट’ नामक पुस्तक की कुछ पंक्तियां सुनाईंं

बॉलीवुड क्वीन के नाम से प्रशंसकों के बीच अपनी अलग पहचान बना चुकीं अभिनेत्री कंगना रनौत आजादी भीख में मिलने वाले अपने बयान को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं। गुरुवार को बीजेपी सांसद वरुण गांधी के विरोध के बाद कंगना के इस बयान को कितने ही नेताओं और आम जनता के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

मीडिया स्वराज डेस्क

नेता, मंत्री, राजनीतिक पार्टियां, राज्य सरकारें और आम जनता भी उन्हें पद्मश्री वापस लौटाने को कह रहे हैं। इस विरोध को देखते हुए कंगना ने अपने ताजा बयान में कहा है कि अगर कोई उनके उस बयान को गलत साबित कर देगा तो वह पद्मश्री अवॉर्ड लौटा देंगी।

कंगना ने अपने बचाव में जो तर्क दिया है, वह और भी चौंकाने वाला है। बता दें कि पद्मश्री मिलने के एक दिन बाद ही कंगना ने विवादास्पद बयान दिया था। फिल्म अभिनेत्री ने कहा था कि असली आजादी तो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद मिली है। 1947 में मिली आजादी तो भीख में मिली थी। इसके बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है।

कंगना ने दिया था यह बयान

आजादी को भीख बताकर ट्रोल हो रहीं कंगना रनौत ने इस मामले में अपना पक्ष रखा है। कंगना ने कहा है कि वह अपना पद्मश्री सम्मान लौटा देंगी, अगर कोई उन्हें यह बताये कि 1947 में क्या हुआ था। कंगना रनौत ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर सभी ट्रोल करने वालों को जवाब दिया है। दरअसल, कंगना ने अपने विवादित बयान में कहा था कि भारत को 2014 में आजादी मिली थी, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी। 1947 में मिली आजादी भीख थी।

कंगना ने लिखा है, इंटरव्यू में मैंने सब कुछ बहुत स्पष्ट कर दिया था। 1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ शुरू हुई। 1857 की लड़ाई मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दुंगी और माफी भी मांगुंगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें।

किताब का नाम ‘जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट’

अब एक बार फिर कंगना ने भीख में मिली आजादी वाले अपने बयान को डिफेंड किया है। न्यूज 18 के मुताबिक, फिल्म अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक किताब के कुछ अंश साझा किए हैं। इस किताब का नाम ‘जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट’ है। कंगना ने लिखा है कि 1857 में आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। इसमें सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर ने हिस्सा लिया था। लेकिन 1947 में आजादी के लिए कौन सा युद्ध लड़ा गया था? मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी दे दे तो मैं माफी तो मांगूंगी ही, साथ ही पद्मश्री भी लौटा दूंगी।

कंगना लिखती हैं, ‘आखिर क्यों बंटवारे की रेखा एक अंग्रेज के द्वारा खींची गई? आजादी की खुशियां मनाने के बजाय भारतीय एक दूसरे को मार रहे थे। मुझे ऐसे कुछ सवालों के जवाब चाहिए जिसके लिए मुझे मदद की जरूरत है। जहां तक 2014 में आजादी की बात है, मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आजादी हमारे पास हो सकती है, पहली बार अंग्रेजी न बोलने या छोटे शहरों से आने या भारत में बने उत्पादों का उपयोग करने के लिए लोग हमें शर्मिंदा नहीं कर सकते। जो चोर हैं उनकी तो जलेगी। कोई बुझा नहीं सकता… जय हिंद।

कंगना के बयान पर कपिल सिब्बल का तंज

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी कंगना के 2014 में आजादी मिली है के बयान को लेकर उन पर तंज कसा है और उन तमाम मुद्दों को भी बताया जो कंगना राणावत के लिए आजाद भारत की रूपरेखा तय करते हैं। कांग्रेस वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कहा कि कंगना सोचती है कि भारत को 2014 में आजादी मिली है हां, यह आजादी गाली देने के लिए, हमारे सामाजिक ताने बाने को तोड़ने के लिए ,समुदायों को विभाजित करने के लिए ,फेक न्यूज़ फैलाने, जांच एजेंसियों को कमजोर करने और झूठे मुकदमे दर्ज करना।

कांग्रेस वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इन तमाम मुद्दों को गिनाते हुए कहा कि कंगना राणावत के लिए यही आजाद भारत है। दरअसल, ये वे तमाम मुद्दे हैं जिन को लेकर कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा के विरुद्ध अक्सर आरोपों की बौछार करते नजर आती है। अपने मुद्दों को लेकर कपिल सिब्बल ने अभिनेत्री कंगना राणावत और भारतीय जनता पार्टी दोनों के विरुद्ध निशाना साधा है।

भारत सरकार ने अवार्ड देने में भूल की है

अब भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने भी कंगना के अवार्ड देने को भारत सरकार की भूल बता दिया है। कंगना रनौत के ‘आजादी भीख में मिली’ को लेकर पूछे गए सवाल पर जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह कोई बड़ी हस्ती नहीं है, जिस पर टिप्पणी की जाए। लेकिन भारत सरकार ने अवार्ड देने में भूल की है। कंगना को दिया गया अवार्ड, अविलंब वापस लिया जाए।

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दिल्ली भाजपा के नेता प्रवीण शंकर कपूर बोले

दिल्ली भाजपा के नेता प्रवीण शंकर कपूर ने गुरुवार को इस बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि एक स्वतंत्रता सेनानी का बेटा होने और आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले परिवार से आने के नाते मैं कंगना रनौत के बयान को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का अपमान मानता हूं। मैं चाहता हूं कि भारतीय न्याय व्यवस्था इस मामले का खुद से संज्ञान ले। शुक्रवार को पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि निजी स्तर पर ट्वीट करके यह विरोध जताया है। वहीं महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने भी कंगना रनौत के बयान को गलत बताया है।

इंदौर में फूंका गया पुतला

वहीं इस बयान के बाद देशभर में कंगना का विरोध हो रहा है। इंदौर में स्वतंत्रता सेनानियों के एक ग्रुप ने कंगना का पुतला जलाया। एमजी रोड पर किए गए इस विरोध के बाद इसमें भाग लेने वाले आशा गोविंद खादीवाला ने कहा कि कंगना को अपने बयान को माफी मांगनी ही चाहिए। वहीं जोधपुर में एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता ने फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की प्रेसीडेंट मनीषा पंवार ने अपनी शिकायत में कहाकि कंगना ने आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के साथ-साथ देश के लोगों का भी अपमान किया है।

बता दें कि सोशल मीडिया पर फैंस कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है। उनपर कई केस दर्ज हो चुके हैं। कंगना ने गुरुवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।

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