अवैध मदिरा की बिक्री पर सरकार ने अपनायी जीरो टाॅलरेंस की नीति

विषाक्त मदिरा से होने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध होगी कड़ी कार्रवाई

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध मदिरा की बिक्री पर ‘जीरो टाॅलरेंस’ की नीति अपनायी है। प्रदेश में अवैध मदिरा की बिक्री करने वालों को अब किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।
ये विचार प्रदेश के आबकारी मंत्री श्री रामनरेश अग्निहोत्री ने आज यहाँ गन्ना संस्थान स्थित सभागार में विभागीय मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि यदि किसी जनपद में विषाक्त मदिरा से होने वाली जनहानि की घटना की पुनरावृत्ति होती है तो उस संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। इसके साथ ही अनुज्ञापी का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जायेगा।
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि पिछले दिनों अवैध शराब की बिक्री से हुई कई घटनाओं से राज्य सरकार की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। मुख्यमंत्री ने भी इन घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से सख्त निर्देश दिये हैं कि वे अपने अधीनस्थों को भी निर्देशित करें कि वे मदिरा की दुकानों पर निरंतर नजर रखें और अनुज्ञापियों को इस प्रकार के कार्य में संलिप्त पाये जाने पर उनके विरुद्ध आपराधिक मामलों की भांति कार्यवाही सुनिश्चित करें।
आबकारी मंत्री ने कहा कि अक्टूबर माह तक 14,465 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। जून से अक्टूबर महीने तक के विगत वर्ष के सापेक्ष 20 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है, जो अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विभाग को अपने सूचनातंत्र को और अधिक विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे अवैध शराब बिक्री की घटनाओं पर अंकुश लग सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और इस प्रकार की घटनाओं को पूर्णतया रोका जा सके।
आबकारी मंत्री ने कहा कि अवैध मदिरा की बिक्री को रोकने के लिए प्रयास में दुकानों के अनुज्ञापियों और उनके सेल्समैनों की कार्य प्रणाली पर भी कड़ी नजर रखी जाए। यदि कोई प्रतिकुल मामला संज्ञान में आता है तो, ऐसे अनुज्ञापियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही करने में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय आर.भूसरेड्डी ने कहा कि आने वाले दिनों में मदिरा की बिक्री बढ़ेगी तथा अवैध मदिरा का कारोबार करने वाले इसका फायदा भी उठा सकते हैं। इन परिस्थितियों में विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में कोई कोताही न बरतें। विभाग की छवि निखारने में अधिकारियों की महती भूमिका है।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि जिस प्रकार राजस्व बढ़ाने में प्रयास किये गये हैं उसी प्रकार के प्रयास अवैध मदिरा के व्यापार को समूल नष्ट करने में किये जायें। इसके अतिरिक्त विभाग की अन्य गतिविधियों यथा एथनाल की आपूर्ति, सेनिटाइजर की आपूर्ति, आबकारी दुकानों का निरीक्षण, बार अनुज्ञापनों के लाइसेंस दिये जाने की कार्यवाही एवं आगामी वर्ष हेतु विचार-विमर्श कर दुकानों के व्यवस्थापन एवं आगामी आबकारी नीति के संबंध में अधिकारीगण अपना पूर्ण योगदान देना भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अनुज्ञापियों की प्रतिभूति वापसी में विलम्ब की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं इस ओर तत्काल ध्यान देकर नियमानुसार प्रतिभूति वापसी की कार्रवाई की जाए।
बैठक के दौरान श्री भूसरेड्डी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रवर्तन कार्य को और कारगर बनाया जाये और अवैध मदिरा के उत्पादन पर पूरी तरह से नियंत्रण लगाते हुए दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये सभी जनपदीय अधिकारी नियमित रूप से दुकानों का निरीक्षण करें, जिससे कि अवैध मदिरा व अन्य अवैध कार्यों पर तत्काल रोक लगाई जा सके।
विभागीय समीक्षा करते हुए आयुक्त आबकारी श्री पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि माह अक्टूबर 2020 में 2403.20 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई, जो गत वर्ष प्राप्ति की तुलना में 685.76 करोड़ रुपये अधिक है। प्रवर्तन कार्य की जानकारी देते हुए श्री गुरु प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर माह में कुल 32,927 अभियोग पकड़े गए। इसी अवधि में 10.4लाख लीटर अवैध मदिरा पकड़ी गई। इसके साथ ही 397 वाहन पकड़े गए तथा 3431 व्यक्तियों को जेल भेजा गया।
बैठक में अपर आयुकत आबकारी श्री दिव्य प्रकाश गिरि, विशेष सचिव आबकारी श्री योगेश कुमार शुक्ला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button