मीडिया जगत
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अर्नब की लड़ाई मीडिया की आज़ादी की लड़ाई नहीं है !
🔊 सुनें श्रवण गर्ग वरिष्ठ पत्रकार कोई मीडिया प्रतिष्ठान चीन के साथ सीमा पर वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण सम्बन्धों…
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Tanishq Controversy and Emotions of Motherhood
We need to embrace the ideas of love , tenderness , forgiveness and respect towards others and if we have…
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क्या तनिष्क विवाद के बाद भी दोहराई जाएगी ‘विवेक’ कथा ?
जब किसी प्रतिष्ठित हिंदू संगठन के सम्मानित व्यक्ति द्वारा केवल एक समुदाय विशेष को लेकर ही इस तरह का कोई…
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जड़ें बहुत गहरी हैं टीआरपी फ़र्ज़ीवाड़े की!
🔊 सुनें श्रवण गर्ग वरिष्ठ पत्रकार क्या चिंता केवल यहीं तक सीमित कर ली जाए कि कुछ टीवी चैनलों ने…
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अर्णब से अब पूछ रहा है देश, क्या है यह गोरखधंधा?
🔊 सुनें नई दिल्ली। क्या पता था कि अर्णब के – पूछता है भारत – के लिए तिकड़में की जाती…
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लखनऊ पुलिस ने पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा घर में नज़रबंद किया
🔊 सुनें लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुल पति प्रोफ़ेसर रूप रेखा ने कहा है कि पुलिस ने उन्हें हाथरस कॉंड…
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फर्जी TRP का बड़ा रैकेट लगा हाथ-मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह
🔊 सुनें मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि फर्जी TRP का रैकेट चल…
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THE RDT SHOW : हाथरस कांड सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुँचा?
इस शो में बीबीसी के पूर्व संवाददाता राम दत्त त्रिपाठी सम सामयिक विषयों पर चर्चा करते हैं. उनसे बात करते…
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बाबरी विध्वंस : सुप्रीम कोर्ट, लिब्रहान और सेशंस कोर्ट के निष्कर्ष में अंतर क्यों?
🔊 सुनें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सेशंस कोर्ट ने पिछले हफ़्ते सभी अभियुक्तों को बाइज़्ज़त बरी कर दिया . अदालत ने कहा यह घटना सुनियोजित नहीं थी . अदालत ने इस कांड के लिए अराजक तत्वों को ज़िम्मेदार बताया. लाल कृष्ण आडवाणी के बारे में अदालत ने कहा कि वह मस्जिद को बचाने की कोशिश कर रहे थे जबकि वह बाबरी मस्जिद के ख़िलाफ़ आंदोलन के अगुआ थे . इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इसे आपराधिक कृत्य बताया था और जस्टिस लिब्रहान जॉंच आयोग ने सुनियोजित षड्यंत्र. पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार राम दत्त त्रिपाठी का विश्लेषण. छह दिसम्बर बानवे को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों द्वारा अचानक हुई घटना थी अथवा यह की सालों के सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम था? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. हमारे वेदों में कहा है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य एवं अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग अलग कोण से अलग दिखता और देखने वाले की नज़र से भी. बाबरी मस्जिद बनाम राम जन्मभूमि प्रकरण में मैं एक दर्शक रहा हूँ. चालीस साल से प्रत्यक्ष और उसके पहले का फ़ाइलों और पुस्तकों के ज़रिए. वास्तव में यह कहानी दिसम्बर उनचास से शुरू होती है, जब रात में पुलिस के पहरे में मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियाँ प्रकट हुईं. अथवा जैसा कि पुलिस रपट में है कि चोरी से रखकर मस्जिद को अपवित्र कर दिया गया. विवादित बाबरी मस्जिद अयोध्या एक धर्म के लोगों द्वारा जबरन दूसरे धर्म के प्रार्थना गृह में क़ब्ज़ा.…
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हाथरस में साज़िश के मुक़दमे, सुशांत मामले में शिव सेना का भाजपा पर पलटवार
🔊 सुनें जनादेश के आरडीटी शो में बीबीसी के पूर्व संवाददाता राम हत्त त्रिपाठी चर्चा कर रहे हैं हाथरस कांड…
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