4 साल बाद डॉ. कफील बर्खास्त, HC में दी चुनौती

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ हैं डॉ. कफील, जिन्हें चार साल बाद निलंबित कर दिया गया है.

मीडिया स्वराज डेस्क

BRD मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील को चार साल बाद बर्खास्त कर दिया गया है। वह कॉलेज में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद से निलंबित थे और डीजीएमई महानिदेशालय से संबद्ध चल रहे थे।

खबर के मुताबिक तब 63 बच्चों ने दम तोड़ दिया था क्योंकि सरकार ने O2 सप्लायरों को भुगतान नहीं किया था। इसके अलावा 8 डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों को निलम्बित कर दिया गया था। जबकि 7 अन्य को बहाल कर दिया गया।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील कहते हैं कि दुख की बात यह है कि कई जाँच और अदालत द्वारा चिकित्सा लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में क्लीन चिट मिलने के बावजूद मुझे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। मेरे माता पिता इंसाफ़ के लिए दर दर भटक रहे हैं। उन्हें आज भी इंतजार है कि न्याय अवश्य मिलेगा। अब आप ही यह तय करें कि यह न्याय है या अन्याय?

डॉ. कफील आगे कहते हैं कि सरकार से हमें उम्मीद तो शुरू से ही नहीं थी। हमेशा से न्यायालय पर भरोसा रहा कि जब मेरा कोई क़ुसूर नहीं तो इंसाफ़ आज नहीं तो कल मिलेगा। हम इस आदेश को भी न्यायालय में आधिकारिक पत्र मिलते ही चुनौती देंगे।

The fight for justice must go on. यकीनन न्याय करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे एक साधारण व्यक्ति निर्वाह नहीं कर सकता है.

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील को चार साल बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। वह कॉलेज में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद से निलंबित थे और डीजीएमई महानिदेशालय से संबद्ध चल रहे थे।

बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील को चार साल बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। वह कॉलेज में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद से निलंबित थे और डीजीएमई महानिदेशालय से संबद्ध चल रहे थे।

इस बीच अलग अलग मामले में हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने उनके बर्खास्त किये जाने की पुष्टि की है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में अगस्त 2017 में आक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 अगस्त को डॉ. कफील को निलंबित कर ​दिया गया। उनके खिलाफ जांच चल रही थी।

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डॉ. कफील ने अपने निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस बीच उनके खिलाफ दोबारा जांच के आदेश दिये गये हैं, जिसे उन्होंने कोर्ट में फिर से चुनौती दी है।

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