बनवासी सेवा आश्रम में दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य सम्मेलन का समापन

आदिवासी समाज का जीवन असली संस्कृति का जड़

सोनभद्र में नैतिकता की दूसरी आजादी की लड़ाई का अलख जगाने के उद्देश्य के साथ गोविन्दपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्ष में आयोजित दो दिवसीय ग्राम स्वराज्य सम्मेलन सोमवार को संपन्न हो गया। गाँवो को स्वावलम्बी और प्रदूषण मुक्त समाज का निर्माण करने के संकल्प के साथ यह सम्मेलन सम्पन्न हुआ। यह जानकारी बनवासी सेवा आश्रम, गोविन्दपुर के देवनाथ भाई ने दी।

अपने संबोधन में दुध्दी विधायक हरि राम चेरो ने कहा कि आज सोनभद्र में नैतिकता और भ्रष्टाचार मुक्त समाज निर्माण की दूसरी आजादी की लड़ाई की आवश्यकता है। कहा कि सोनभद्र के आदिवासियों के विकास में स्वर्गीय प्रेम भाई का देन है। लेकिन अब कमीशन खोरी, शराब से मुक्ति की मुहिम चलानी होगी। कहा कि आज आदिवासी पिछड़े हैं तो उसका मूल कारण शराब है।

पीवी राजगोपाल ने जमीन से जुड़े आंदोलनों की विस्तार से चर्चा की। कहा कि दुनिया भर में आज आदिवासियों की जमीन की चर्चा है। दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि चंद्रशेखर प्राण ने गांधी के सपनों का ग्राम स्वराज्य लाने के लिए तीसरी सरकार की वकालत करते हुए कहा कि ग्राम सभा को मजबूत करना होगा। राम धीरज भाई ने किसानों के हक और वर्तमान परिस्थितियों की चर्चा की, और कहा कि दूसरी दुनिया में कॉरपोरेट कृषियोग्य जमीन खरीद रही है। हमें सचेत रहना होगा।

शुभा प्रेम ने आश्रम द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों और क्षेत्र में स्वास्थ्य, जैविक खेती, ऐरा प्रथा, स्वावलंबन की विस्तार से बात कही।

शुभा प्रेम ने आश्रम द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों और क्षेत्र में स्वास्थ्य, जैविक खेती, ऐरा प्रथा, स्वावलंबन की विस्तार से बात कही। डॉ लखन राम जंगली ने कविता के माध्यम से प्रदूषण की समस्या रखी और प्रेम भाई रागिनी बहन को याद किया। डॉ विभा ने स्वास्थ्य चेतना कार्यक्रमों की जानकारी दी।सम्मेलन को पूर्व मंत्री सुभाष खरवार, देवनारायण खरवार, श्याम सुंदर, रामजतन, आदि ने संबोधित किया।

अध्यक्षता करते हुए पंडित अजय शेखर ने लोगो का आह्वान किया कि संस्कृतिक चेतना को मजबूत करें और सावधान रहें, अन्यथा शिक्षा, स्वास्थ्य की अनदेखी हम सब पर भारी पड़ेगी। मौके पर रमेश शर्मा प्रोबेशन अधिकारी गायत्री, नीलम सिंह, सतेंद्र सिंह, जितेंद्र भारद्वाज, आशीष द्विवेदी, अरुण ताड़े, रघुनाथ भाई, विजय कनौजिया, रीना, शिवनारायण यादव, कैलाश समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। संचालन शिवशरण सिंह ने किया।

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