1669 में औरंगजेब ने ध्वस्त किया, 250 साल पहले अहिल्याबाई ने कराया पुन​र्निर्माण

औरंगजेब के फरमान के बाद 1669 में मुगल सेना ने भगवान विशेश्वर नाथ का मंदिर ध्वस्त कर दिया था। स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को कोई क्षति न हो, इसके लिए मंदिर के महंत शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे। हमले के दौरान मुगल सेना ने मंदिर के बाहर स्थापित विशाल नंदी की प्रतिमा को भी तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वे नंदी की प्रतिमा को नहीं तोड़ सके।

काशी विश्वनाथ मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। मुगल शासक औरंगजेब के फरमान के बाद मुगल सेना ने जब इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया था तब तकरीबन 250 साल पहले इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने इस काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण और पुर्नस्थापन पूरे विधि विधान से करवाया था। उसके बाद आज इतने वर्षों बाद एक बार फिर बाबा भोलेनाथ के इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है। इस दौरान मंदिर का विस्तारीकरण भी किया गया है, जिसमें कई बातों का खास ख्याल रखा गया है।

352 साल बाद ज्ञानवापी कूप विश्वनाथ धाम में शामिल

औरंगजेब के फरमान के बाद 1669 में मुगल सेना ने भगवान विशेश्वर नाथ का मंदिर ध्वस्त कर दिया था। स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को कोई क्षति न हो, इसके लिए मंदिर के महंत शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कुंड में कूद गए थे। हमले के दौरान मुगल सेना ने मंदिर के बाहर स्थापित विशाल नंदी की प्रतिमा को भी तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी वे नंदी की प्रतिमा को नहीं तोड़ सके।

तब से आज तक विश्वनाथ मंदिर परिसर से दूर रहे ज्ञानवापी कूप और विशाल नंदी को एक बार फिर विश्वनाथ मंदिर परिसर में शामिल कर लिया गया है। यह संभव हुआ है विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद। 352 साल पहले अलग हुआ यह ज्ञानवापी कूप एक बार फिर विश्वनाथ धाम परिसर में आ गया है।

धाम में खास मणिमाला भी तैयार

काशी विश्वनाथ धाम में 27 मंदिरों की एक खास मणिमाला भी तैयार की गई है। यह वे मंदिर हैं, जिनमें कुछ काशी विश्वनाथ के साथ ही स्थापित किए गए थे और बाकी समय-समय पर काशीपुराधिपति के विग्रहों के रूप में यहां बसाए गए थे। गंगा स्नान के बाद जल लेकर चलने वाले भक्त इस मणिमाला को साक्षी मानकर ही गर्भगृह तक जाएंगे और यहां से दर्शन के बाद इन विग्रहों की परिक्रमा कर धर्मलाभ लिया जा सकेगा। दूसरे चरण में 97 विग्रह व प्रतिमाओं की स्थापना और तीसरे चरण में 145 शिवलिंगों को स्थापित किया जाएगा।

पहले चरण का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी

काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। 13 दिसंबर को पीएम मोदी के हाथों पहले चरण की परियोजना लोकार्पित होगी। इसमें मंदिर परिसर के साथ ही मुमुक्षु भवन, यात्री सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, गंगा व्यू गैलरी, भोगशाला, फूड कोर्ट सेंटर, सुरक्षा केंद्र और मंदिर चौक सहित 19 भवन यात्री सुविधाओं के लिए तैयार किए गए हैं।

दूसरे चरण में ये काम होंगे पूरे

मंदिर चौक से विश्वनाथ धाम परिसर के साथ ही गंगा दर्शन किए जा सकेंगे। दूसरे चरण में जलासेन घाट और ललिता घाट से रैंप का निर्माण, एस्केलेटर, सांस्कृतिक केंद्र आदि का निर्माण किया जाना है। जलासेन घाट पर गंगा स्नान के बाद धाम में प्रवेश के लिए प्रस्तावित भव्य मुख्य द्वार का निर्माण किया जाना है। दूसरे चरण का निर्माण कार्य 60 करोड़ रुपये में पूरा होगा।

रवियोग में पीएम करेंगे बाबा धाम का लोकार्पण

अद्भुत, अद्वितीय और भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम जनता को 13 दिसंबर को समर्पित होगा। अगहन मास की दशमी तिथि को रवियोग में पीएम नरेंद्र मोदी धाम को जनता को लोकार्पित करेंगे। लोकार्पण के दिन सोमवार को बन रहा महा सिद्धियोग समूह दोषों को नष्ट करने वाला है। इस माह में किए गए सभी शुभ काम भगवान को अर्पित होते हैं।

दीपावली सा होगा पूरी काशी का नजारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे तो काशी में दीपावली सरीखा नजारा होगा। 54 हजार वर्गमीटर में फैले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर दीपक जलाकर लोग अपने घरों में भगवान शिव का आह्वान करेंगे। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर पूरा शहर रंगीन रोशनी से नहाएगा। घाट से लेकर गलियों तक रोशनी से सजावट होगी। शहर की सभी प्रमुख इमारतें रोशनी से सजाई जाएंगी। शहर से लेकर गांवों तक घरों में इसकी तैयारियां चल रही हैं। काशीपुराधिपति के धाम का वैभव पूरी दुनिया देखेगी।  

लेजर शो, आतिशबाजी के साथ रोशनी से समस्त मंदिर, शहर की गलियां, चौराहे व अन्य सार्वजनिक स्थान जगमग होंगे। शिव की नगरी में श्रद्धालु बाबा के धाम के लोकार्पण के उत्सव को भव्य बनाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। धाम के लोकार्पण के साथ ही 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक तीन दिवसीय शिव दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। 

दुनियाभर के मंदिरों और मठों में लोकार्पण का सजीव प्रसारण

भव्य काशी दिव्य काशी के आयोजन को देश ही नहीं पूरी दुनिया देखेगी। 13 दिसंबर की सुबह से ही दुनियाभर के मंदिरों और मठों में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण का सजीव प्रसारण किया जाएगा। इसमें देश के प्रमुख शैव संप्रदाय से जुड़े पीठाधीश्वर को आमंत्रित किया जाएगा। लोकार्पण उत्सव का साक्षी बनने के लिए देश भर से श्रद्धालुओं का काशी आगमन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण के बाद से ही चलो काशी नारे के साथ उत्सव मास की शुरुआत हो जाएगी।

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13 को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

देशभर के प्रमुख संतों और प्रबुद्धजनों से संवाद

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को मंदिर चौक में देशभर के प्रमुख संतों और प्रबुद्धजनों से संवाद करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मंच पर श्रीश्री रविशंकर और जग्गी वासुदेव भी मौजूद रहेंगे।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के हाथों कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद 14, 15 व 16 दिसंबर को काशी के सात लाख घरों में बाबा का विशेष प्रसाद पहुंचाया जाए।

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