बोधगया में ‘वाहिनी मित्र मिलन’ शुरू
बोधगया स्थित महाप्रज्ञा गेस्ट हाउस में साढ़े ग्यारह बजे मित्र मिलन शुरू हुआ। जेपी के चित्र पर किशोर (उड़ीसा), बोधगया क्षेत्र के जानकी दास, प्रदीप कुमार दीप, दिल्ली से आयीं मणिमाला, कंचन बाला (पटना) और गया के कारू जी ने क्षमाल्यार्पण किया। फिर कारू जी ने दूष्यंत कुमार ने 'धीरे धीरे यहां का मौसम बदलने लगा है' गाया। इसी के साथ उद्घाटन समारोह की शुरुआत हुई।
-श्रीनिवास
जयप्रकाश नारायण (जेपी) द्वारा गठित छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के पुराने मित्रों का जुटान इस बार बोधगया (बिहार) में हुआ है। ‘वाहिनी मित्र मिलन’ नाम से तीन दिवसीय आयोजन आज तीस दिसंबर को शुरू हो गया। समापन एक जनवरी 2022 को होगा।
बोधगया स्थित महाप्रज्ञा गेस्ट हाउस में साढ़े ग्यारह बजे मित्र मिलन शुरू हुआ। जेपी के चित्र पर किशोर (उड़ीसा), बोधगया क्षेत्र के जानकी दास, प्रदीप कुमार दीप, दिल्ली से आयीं मणिमाला, कंचन बाला (पटना) और गया के कारू जी ने क्षमाल्यार्पण किया। फिर कारू जी ने दूष्यंत कुमार ने ‘धीरे धीरे यहां का मौसम बदलने लगा है’ गाया। इसी के साथ उद्घाटन समारोह की शुरुआत हुई।
सम्मेलन कक्ष का नाम ‘महात्मा भाई सभागार’ रखा गया है। जीरादेई (सिवान) के महात्मा मित्र मिलन की धुरी रहे हैं। दो माह पहले उनका निधन हो गया।
इस मौके पर वाहिनी से जुड़े रहे लोग परिवार के साथ जुटते हैं। देश के हालात पर चिंतन-मनन और आगे के लिए साझा कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के अलावा इसका एक मकसद यह भी होता है कि उनके परिजन भीे परस्पर मिलें जुलें। वाहिनी की संस्कृति और संस्कार से परिचित हो सकें।
यह आयोजन हर दूसरे साल देश के अलग अलग स्थानों पर होता है। पिछला आयोजन 2018 में पुरी में हुआ था। बीते साल होना था, जो कोरोना के कारण नहीं हो सका। बताते चलें कि वर्ष 1995 में बोधगया में ही पहला मित्र मिलन हुआ था।
बोधगया में आयोजन का एक महत्व यह भी है कि यहीं संघर्ष वाहिनी की अगुवाई में वर्ष 1978 में बोधगया मठ के कब्जे की हजारों एकड़ जमीन की मुक्ति के लिए शांतिमय भूमि आंदोलन हुआ था। नतीजतन लगभग दस हजार एकड़ जमीन भूमिहीनों के बीच वितरित हुई थी।
मित्र मिलन संचालन समिति के संयोजक सतीश कुंदन (गिरिडीह) ने बोधगया से जानकारी दी है कि आज दोपहर तक लगभग 150 साथी पहुंच चुके थे। साथियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
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