विनोद राय का माफीनामा है ​दिवाली से पहले का ‘पॉलिटिकल धमाका’

2G स्पेट्रक्म घोटाला मामले में विनोद राय ने संजय निरुपम से मांगी माफी

विनोद राय का माफीनामा है ​दिवाली से पहले का ‘पॉलिटिकल धमाका’. पूर्व सीएजी विनोद राय का गुरुवार को अचानक पटियाला हाउस कोर्ट में कांग्रेस नेता संजय निरुपम पर 2G स्पेक्ट्रम घोटाले मामले में माफी मांगना दिवाली के पहले किए गए किसी बड़े ‘पॉलिटिकल धमाके’ की तरह है. जिस घोटाले ने कांग्रेस पार्टी, यहां ​तक कि मनमोहन सिंह जैसे साफ सुथरी छवि वाले नेता तक को संदेह के घेरे में ला दिया था, आठ साल बाद अब उससे अचानक मु​करने को एक राजनीतिक षड्यंत्र न कहा जाए तो फिर और क्या कहा जाए! तब कांग्रेस को सत्ता से हटाने में ऐसे ही कई घोटालों का भी कम बड़ा हाथ नहीं था.

मीडिया स्वराज डेस्क

साल 2014 में जब पूर्व कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) विनोद राय ने कांग्रेस नेता संजय निरुपम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2G स्पेक्ट्रम रिपोर्ट से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम हटाने का दबाव बनाया था. इसके बाद इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस, यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी खूब कीचड़ उछाला गया था. इसके बाद केंद्र से कांग्रेस की सत्ता भी जाती रही. इसके पीछे सीएजी के इस मामले को भी काफी हद तक जिम्मेदार माना गया, जिसने कांग्रेस पार्टी की खूब किरकिरी की थी. यहां तक कि साफ सुथरी छवि वाले मनमोहन सिंह को भी संदेह के दायरे में ला दिया था.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस कर, अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये विपक्षी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि विनोद राय के माफीनामे से साफ हो जाता है कि यह सब यूपीए सरकार को बदनाम करने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने की भारी साजिश थी, जिस पर से अब पर्दा उठ गया है. अब समय आ गया है कि मनमोहन सिंह सरकार, तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और देश की जनता के साथ की गई गलती को ठीक कर लिया जाए.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने विनोद राय के इस माफीनामे के बाद अपने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट्स रीट्वीट किए. ये ट्वीट्स सोशल मीडिया पर इस माफीनामे के बाद आम लोगों द्वारा उन्हें टैग करके ट्वीट किए गए थे.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, एक गंभीर आपराधिक षड्यंत्र से धीरे-धीरे पर्दा उठ रहा है, जो 2010 से 2014 के बीच तक रहा और इस आपराधिक षड्यंत्र से पहला पर्दा जो उठा, वो तब था जब CBI की विशेष अदालत ने 21 दिसम्बर 2017 को स्पष्ट तौर पर उन तमाम आरोपों की धज्जियाँ उड़ाई थी, जो विनोद राय ने लगाए थे.

एक गंभीर आपराधिक षड्यंत्र से धीरे-धीरे पर्दा उठ रहा है जो 2010 से 2014 के बीच तक रहा और इस आपराधिक षड्यंत्र से पहला पर्दा जो उठा वो तब था जब CBI की विशेष अदालत ने 21 दिसम्बर 2017 को स्पष्ट तौर पर उन तमाम आरोपों की धज्जियाँ उड़ाई थी जो विनोद राय ने लगाए थे : श्री @Pawankhera

एक अन्य ट्वीट जो उन्होंने किया, उसमें लिखा है कि जो आदमी अपनी किताब बेचने के लिए इतने बड़े झूठ का सहारा ले सकता है, सरेआम पूरे देश के सामने झूठ बोल सकता है; वो अपना और अपने आकाओं का एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए क्या-क्या नहीं कर सकता है

दिग्विजय सिंह ने भी दी प्रतिक्रिया

संजय निरुपम पर लगाए गए आरोपों को लेकर विनोद राय द्वारा माफ़ी मांगे जाने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यूपीए सरकार को बिना किसी ठोस प्रमाण के 2जी व कोयला ब्लॉक के मामलों में बदनाम किया. भाजपा को फायदा पहुंचाने पर भाजपा ने उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद इनाम भी दिया.

एक अन्य ट्वीट जो कांग्रेस पार्टी की ओर से किया गया, उसमें लिखा है कि जो आदमी अपनी किताब बेचने के लिए इतने बड़े झूठ का सहारा ले सकता है, सरेआम पूरे देश के सामने झूठ बोल सकता है; वो अपना और अपने आकाओं का एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए क्या-क्या नहीं कर सकता है

एक अन्य ट्वीट बेहद दिलचस्प है, जिसे पवन खेड़ा ने रीट्वीट किया है. इसमें लिखा है—
हम यह माँग करते हैं कठपुतली नम्बर 1 विनोद राय से कि वो देश से माफ़ी माँगें, सेवानिवृति के बाद जितनी भी सुविधाएँ लीं, वह सरकारी ख़ज़ाने में जमा कराएँ एवं अपनी बाक़ी ज़िंदगी खुल कर नागपुर में संघ कार्यालय में बिताएँ, जिनकी मदद यह अब तक छुप छुप कर कर रहे थे.

सारी कठपुतलियों को आका ने ईनाम दिया.
Black small squareवीके सिंह – मंत्री
Black small squareअरविंद केजरीवाल – मुख्य मंत्री
Black small squareकिरण बेदी – उप राज्यपाल
Black small squareअर्नब गोस्वामी – चैनल मालिक
Black small squareविनोद राय – चेयरमैन

और स्वयं आका बन गए प्रधान मंत्री।

कहाँ है लोकपाल?

सीएजी विनोद राय

पवन खेड़ा ने एक अन्य ट्वीट किया, जिसमें लिखा है—
विनोद राय के फर्जीवाड़ा से शुरु हुआ था अन्ना का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन।
वह आंदोलन कितना ईमानदार था, अंदाज लगा लीजिए।
डा. मनमोहन सिंह जैसे ईमानदार व्यक्ति को बदनाम करने का पाप किया था CAG ने।

बता दें कि गुरुवार को नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पूर्व कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) विनोद राय ने कांग्रेस नेता संजय निरुपम से बिना शर्त माफी मांगी है. राय ने यह माफी निरुपम को उन सांसदों में से एक बताने के लिए मांगी है, जिन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर कैग की रिपोर्ट में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का नाम न देने के लिए राय पर दबाव बनाया था. राय ने इसका उल्लेख अपनी किताब में किया था और कई बार मीडिया में भी ये बात दोहराई थी.

तब पूर्व सीएजी विनोद राय ने साल 2014 में कांग्रेस नेता संजय निरुपम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने 2G स्पेक्ट्रम रिपोर्ट से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम हटाने का दबाव बनाया था। लेकिन अब विनोद राय ने कांग्रेस नेता से बिना शर्त माफ़ी मांगी है और कहा है मैंने गलती से संजय निरुपम का नाम ले लिया था.

विनोद राय ने अपने हलफनामे में कहा, मैंने अनजाने में और गलत तरीके से संजय निरुपम का नाम उन सांसदों में से एक बताया, जिन्होंने मुझ पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम पीएसी या जेपीसी की बैठकों के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर कैग की रिपोर्ट से बाहर रखने के लिए दबाव डाला था. पूर्व सीएजी राय ने कहा है कि निरुपम के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए बयान, जैसा कि टेलीविजन पर दिखाए या अखबारों में प्रकाशित किए गए हैं, वे तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.

राय ने अपने हलफनामे में कहा, मैं समझता हूं कि मेरे बयानों से संजय निरुपम, उनके परिवार और उनके शुभचिंतकों को दर्द और पीड़ा हुई है और इसलिए, संजय निरुपम, उनके परिवार, दोस्तों को मेरे इस तरह के बयानों से हुई चोट के लिए मैं बिना शर्त माफी मांगना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि संजय निरुपम मेरी इस बिना शर्त माफी पर विचार करेंगे और स्वीकार करेंगे और इस मुद्दे को बंद कर देंगे.

उधर, निरुपम द्वारा राय की माफी को स्वीकार करने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने गुरुवार को केस बंद कर दिया. निरुपम के वकील ने बताया कि राय ने निरुपम से माफी मांग ली है. ऐसे में उन्हें केस में बरी कर दिया गया.

पूर्व सीएजी विनोद राय ने अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा है कि उन्होंने अनजाने में और गलत तरीके से निरुपम के नाम का उल्लेख किया था. पूर्व सीएजी ने यह भी कहा है कि निरुपम के खिलाफ मैंने जो बयान दिए, जो कि टेलीविजन पर आए और प्रकाशित हुए, वह ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ हैं. मुझे उम्मीद है कि संजय निरुपम मेरी इस बिना शर्त माफी पर विचार करेंगे, इसे स्वीकार करेंगे और अब इस मामले को बंद करेंगे.


निरुपम ने कहा, इन फर्जी खबरों के लिए विनोद राय को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वे सही थे और पूर्व सीएजी ने उनके खिलाफ किए गए अपने गलत दावों के लिए माफी मांगी.

देश से माफी मांगें राय

निरुपम ने कहा, इन फर्जी खबरों के लिए विनोद राय को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि वे सही थे और पूर्व सीएजी ने उनके खिलाफ किए गए अपने गलत दावों के लिए माफी मांगी.

पूर्व सीएजी विनोद राय के द्वारा माफ़ी मांगे जाने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी. संजय निरुपम ने पूर्व सीएजी द्वारा दायर किए गए हलफनामे को ट्विटर साझा करते हुए लिखा कि अंततः पूर्व सीएजी विनोद राय ने पटियाला हाउस कोर्ट में मेरे द्वारा दायर किए गए मानहानि के मामले में मुझसे बिना शर्त माफ़ी मांगी है. अब उन्हें यूपीए सरकार द्वारा किए गए 2जी और कोयला ब्लॉक आवंटन के बारे में अपनी सभी फर्जी रिपोर्टों के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.

अपने हलफनामे में पूर्व सीएजी विनोद राय ने लिखा कि साल 2014 में एक इंटरव्यू के दौरान मैंने कांग्रेस नेता संजय निरुपम के खिलाफ बयान दिया था. जिसमें मैंने अनजाने और गलत तरीके से कांग्रेस नेता संजय निरुपम का नाम उन सांसदों में लिया था जिन्होंने मुझे पीएसी की मीटिंग के दौरान 2G ब्लॉक आवंटन मामले में बनाई गई सीएजी रिपोर्ट से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम हटाने का दबाव बनाया था। संजय निरुपम को लेकर इंटरव्यू में दिखाए गए बयान तथ्यात्मक रूप से गलत हैं.

टीवी इंटरव्यू में संजय निरुपम पर पूर्व सीएजी द्वारा लगाए गए आरोप कई न्यूज पेपर की भी सुर्खियां बने थे। इसके बाद विनोद राय ने अपनी किताब के लॉन्चिंग के मौके पर भी कांग्रेस नेता संजय निरुपम पर लगाया गया आरोप दोहराया था, जिसके बाद कांग्रेस नेता ने पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज किया था. बिना शर्त माफ़ी मांगे जाने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में विनोद राय को बरी कर दिया है.

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