अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा (AIKKS) का प्रथम उत्तर प्रदेश राज्य सम्मेलन सफल हुआ

सम्मेलन का उद्घाटन, ऐतिहासिक किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 से अधिक किसानों के स्मरण व महासचिव साथी प्रदीप सिंह ठाकुर के उद्घाटन भाषण से हुआ।

लखनऊ, 12 दिसंबर 2021: अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा (AIKKS) का पहला राज्य सम्मेलन, लखनऊ के इंदिरा नगर के सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज में संपन्न हुआ। राज्य सम्मेलन में पूर्वांचल, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र के संघर्षशील किसान प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन, ऐतिहासिक किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 से अधिक किसानों के स्मरण व महासचिव साथी प्रदीप सिंह ठाकुर के उद्घाटन भाषण से हुआ।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि गण- साथी बाबूराम शर्मा, पूर्व विधायक आचार्य रामलाल, क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष कॉमरेड सत्यदेव पाल, कॉमरेड वशिष्ठ (राज्य संयोजक, AIKKS, झारखंड), इंकलाबी मज़दूर केंद्र के साथी रामजी सिंह व आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल के अध्यक्ष साथी ओपी सिन्हा समेत विभिन्न बिरादराना संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी। उत्तर प्रदेश AIKKS के राज्य सचिव विमल ने मीडिया को यह जानकारी दी।

सम्मेलन का संचालन AIKKS के राज्य संयोजक साथी विमल त्रिवेदी ने किया। सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि
आज हमारे देश और उत्तर प्रदेश के किसान भारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं।

सम्मेलन का संचालन AIKKS के राज्य संयोजक साथी विमल त्रिवेदी ने किया। सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि
आज हमारे देश और उत्तर प्रदेश के किसान भारी संकट के दौर से गुजर रहे हैं। किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने और कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनवाने के लिए देश के किसानों के आन्दोलन ने सभी बाधाओं और मुश्किलों का सामना करते हुए बारह महीने से अधिक समय से चलते हुए कॉरपोरेट परस्त फासीवादी मोदी सरकार को झुकाया है।

यह आन्दोलन देश की मेहनतकश गरीब जनता की भोजन की सुरक्षा और घोर जनविरोधी कॉरपोरेट परस्त विकास के नाम पर होने वाले विनाश नीति को खारिज करने से भी जुड़ा हुआ है। कॉरपोरेट राज और फासीवादी राज के गठबंधन के खिलाफ ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत पर किसानों व देशवासियों को मुबारकबाद दी गई।

यह आन्दोलन देश की मेहनतकश गरीब जनता की भोजन की सुरक्षा और घोर जनविरोधी कॉरपोरेट परस्त विकास के नाम पर होने वाले विनाश नीति को खारिज करने से भी जुड़ा हुआ है। कॉरपोरेट राज और फासीवादी राज के गठबंधन के खिलाफ ऐतिहासिक किसान आंदोलन की जीत पर किसानों व देशवासियों को मुबारकबाद दी गई। प्रस्ताव में, दिल्ली की सीमाओं एवं हरियाणा व लखीमपुर खीरी (उत्तरप्रदेश) के 700 से भी अधिक किसानों की शहादत और देश भर में किसानों के साथ अन्य मेहनतकश वर्ग व प्रगतिशील जनता की कॉरपोरेट कंपनी राज तथा फासीवादी राज के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन ने मोदी सरकार को इन कानूनों की वापसी की घोषणा के लिए बाध्य किया है।

यह किसानों व तमाम प्रगतिशील ताक़तों की एक बड़ी जीत है। लेकिन लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार मंत्री अजय मिश्रा (टेनी) की बर्खास्तगी के साथ किसानों को न्याय भी दिलवाना है। किसान आंदोलन से जुड़े कई कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने के लिए उन पर दर्ज झूठे मुकदमों को भी वापस लेने हैं। उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादक किसानों, बंटाईदारों, खेत मजदूरों की अन्य कई समस्याएं भी हैं।

इस परिस्थिति में, किसान आन्दोलन को मुकम्मल जीत दिलाने, आंदोलन को मजबूत करने और प्रदेश के किसानों की आवाज को जोरदार ढंग से बुलंद करने के लिए क्रांतिकारी किसान आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया गया।

इस परिस्थिति में, किसान आन्दोलन को मुकम्मल जीत दिलाने, आंदोलन को मजबूत करने और प्रदेश के किसानों की आवाज को जोरदार ढंग से बुलंद करने के लिए क्रांतिकारी किसान आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया गया। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में भीषण बेरोजगारी, मज़दूर विरोधी नए श्रम कोड व शिक्षा के बाज़ारीकरण व भगवाकरण के लिए थोपे गए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खिलाफ तथा फाफामऊ प्रयागराज में दलित परिवार की जघन्य हत्याकांड व सामुहिक दुष्कर्म के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित किया गया।

सम्मेलन ने सर्वसम्मति से 29 सदस्यीय राज्य परिषद का चुनाव किया। राज्य कमेटी के अध्यक्ष कॉमरेड बाबूराम व राज्य सचिव के रूप में कॉमरेड विमल चुने गए। आयोजन समिति के अध्यक्ष कॉमरेड एम एल आर्या ने सम्मेलन के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में साथी रामफिर, तुहिन, अक्षय, राममूरत, कलीम खान, आदियोग ने जन गीत प्रस्तुत किया।

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