अमिताभ को नहीं मुहैया की जा रही न्यूनतम चिकित्सा, निष्पक्ष जाँच कमिटी गठित करने का अनुरोध

लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) की आज दिल्ली में हुए आत्मदाह प्रकरण में वीडियो कांफ्रेंसिंग पर सी.जे.एम. कोर्ट में रिमांड के लिए पेशी हुई. पेशी के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत काफ़ी ख़राब है परंतु कई बार निवेदन करने के बावजूद जेल प्रशासन द्वारा उनका समुचित इलाज नहीं कराया जा रहा है.

ग़ौरतलब है कि इस से पहले भी न्यायालय द्वारा अमिताभ के इलाज हेतु आदेश दिए गए थे, लेकिन न्यायालय के आदेश का भी जेल प्रशासन द्वारा लगातार उल्लंघन किया जा रहा है. अमिताभ की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने भी आज सी.जे.एम.कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है, जिसमें उन्होंने अमिताभ की ख़राब तबीयत को ध्यान में रखकर समुचित इलाज करने की बात कही है.

साथ ही यह भी कहा है कि जेल में उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. नूतन ने जेल में अमिताभ ठाकुर के ऊपर होने वाले उत्पीड़न व अमानवीय व्यवहार की जाँच हेतु एक निष्पक्ष कमिटी गठित करने का अनुरोध किया है.

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. इन्होंने यूपी के मंत्री आजम खान की भैंसों के चोर को पकड़ने वाले पुलिसकर्मियों को 100 रुपए का चैक भेजा था.

बता दें कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. इन्होंने यूपी के मंत्री आजम खान की भैंसों के चोर को पकड़ने वाले पुलिसकर्मियों को 100 रुपए का चैक भेजा था.

27 अगस्त 2021 को हुये थे गिरफ्तार

आपको याद दिला दें कि पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को बीते साल 27 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था. अमिताभ ठाकुर ने एक नए राजनैतिक दल ‘अधिकार सेना’ के गठन की घोषणा कर दी थी. इससे एक हफ्ते पहले अम‍िताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया था.

हालांकि, अमिताभ ठाकुर पहले भी विवादों में रह चुके थे. उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगाकर शिकायत दर्ज की थी. वे अक्सर अपनी बेबाक राय के लिए सुर्खियों में बने रहते थे. कई बार कुछ अलग तरीके अपनाकर भी वे चर्चाओं में रह चुके हैं.

कोई भी महिला आगंतुक कृपया अकेले मेरे कक्ष में प्रवेश न करे

गाजियाबाद की एक महिला द्वारा रेप का आरोप लगाए जाने के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपने ऑफिस के बाहर एक नोटिस लगा दिया था, जिसपर लिखा था… ‘कोई भी महिला आगंतुक कृपया अकेले मेरे कक्ष में प्रवेश न करे : आज्ञा से अमिताभ ठाकुर, संयुक्त निदेशक, नागरिक सुरक्षा, उ०प्र०।’

इस नोटिस की तस्वीर अपने फेसबुक वॉल पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, ‘मेरे ऑफिस के दरवाज़े पर लगाया नोटिस. साथ ही आज घर पर सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया ताकि भविष्य में गाजियाबाद की महिला की तरह कोई अन्य महिला ऐसा फूहड़ और झूठा आरोप न लगा दे.’

यूपी के बड़े मामलों में खुद ही जांच करने निकल जाते थे

अमिताभ ठाकुर अक्सर ऑफिस से छुट्टी लेकर कई बार यूपी के बड़े मामलों में खुद ही जांच करने निकल जाते थे और इसकी जानकारी सोशल साइट्स के माध्यम से शेयर कर विवाद भी खड़े कर देते थे.

सरकार ने जब अमिताभ ठाकुर को प्रमोशन देने से इनकार कर दिया था, तो ये इसके खिलाफ ट्रिब्यूनल में चले गए थे, जहां इन्हें दो प्रमोशन एक साथ मिले.

पुलिस द्वारा दिए जाने वाले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की आलोचना की थी

अमिताभ ठाकुर ने माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की भी आलोचना की थी. अमिताभ ने यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन को पत्र लिखकर मांग की कि सम्मान पाने वाले कुछ मंत्री आपराधिक पृष्ठभूमि के होते हैं, जिन्हें पुलिस को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देना पड़ता है, इसलिए इस सम्मान को बंद किया जाए.

फेसबुक पर भी एफआईआर दर्ज करा चुके हैं

सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर काफी सक्रिय रहने वाले अमिताभ ठाकुर फेसबुक पर भी एफआईआर दर्ज करा चुके हैं. फेसबुक पर ‘आई हेट गांधी’ नाम से किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक ग्रुप शुरू किया था. इस पेज पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अभद्र टिप्पणी की जा रहीं थी. अमिताभ ठाकुर ने इस पेज के खिलाफ फेसबुक में शिकायत की, लेकिन जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने फेसबुक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी.

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