पुरानी पेंशन की बहाली के मुद्दे ने बीजेपी की नींद उड़ाई

यदि केंद्र की बीजेपी सरकार को लग रहा है कि उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कोई गलती हो गई है तो वे सुधार लें

कुमार भवेश चंद्र

कर्मचारी संगठन ने कहा कि बजट में ऐलान कर भूल सुधार करे मोदी
अखिलेश ने मुलायम की गलती सुधारी अब बीजेपी के पास अटल की गलती सुधारने का मौका

पुराने पेंशन पर सियासी तकरार के बीच इस मांग की लड़ाई लड़ने वाले राष्ट्रीय संगठन नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम यानी NMOPS (एनएमओपीएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा है कि यदि केंद्र की बीजेपी सरकार को लग रहा है कि उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कोई गलती हो गई है तो वे सुधार लें। केंद्र के लिए चुनाव आचार संहिता के लिए कोई बाध्यता भी नहीं है। यदि यदि नीयत सही है तो बीजेपी अपने उन राज्यों में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू कर सकती है इससे एक सकारात्मक संदेश जाएगा। एक फरवरी को बजट आन वाला है। मोदी सरकार के लिए यह भी एक अच्छा अवसर है।

दरअसल, 2004 में वाजपेयी सरकार ने नई पेंशन स्कीम लागू करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को पूरी तरह बदल दिया। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पेंशनधारी सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद बहुत ही कम पेंशन मिलता है। इतना कम कि अपने और परिवार के भरण पोषण की बात तो छोड़ दीजिए, जेब खर्च चलाना भी मुश्लिक हो रहा है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम यानी एनएमओपीएस और अटेवा(एटीईडब्ल्यूए) जैसे कई संगठन इसकी लड़ाई में जुट गए। उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के राजनीतिक दलों व जनप्रतिनिधियों से मिलकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गयी।

NMOPS और ATEWA लगातार ज्ञापन, धरना-प्रदर्शन सहित सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात को सरकारों और सियासी दलों के सामने रखता रहा। लेकिन किसी ने भी इस मांग की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया।

अटेवा के संघर्ष का परिणाम ही है कि उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने पहली बार इस मुद्दे पर संजीदगी दिखाते हुए इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश प्रदेश के शिक्षक कर्मचारियों के लिए समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए वे इस योजना के वित्तीय पहलुओं का अध्ययन कर चुके हैं और एक फंड की स्थापना के जरिए इस योजना को जमीन पर उतारेंगे।

सपा की इस घोषणा से प्रदेश के शिक्षक-कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इसके बाद से ही उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश मे शिक्षक-कर्मचारी एकजुट होकर पुरानी पेंशन बहाली करने वाले दल के पक्ष में एकजुट दिखायी दे रहे हैं। सपा की ये घोषणा फिलहाल यूपी के सियासी परिदृश्य को बदल दिया है। बीजेपी खेमें में बौखलाहट दिखाई दे रही है। गाजियाबाद में एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी। योगी ने कहा कि जिस समय यूपी में यह व्यवस्था लागू हुई उस वक्त अखिलेश यादव के अब्बाजान ही प्रदेश मुख्यमंत्री थे। ऐसे में यह मुद्दा बनता जा रहा है कि तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और अब बीजेपी के लिए गलें की फांस बनता जा रहा है।

अटेवा ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। उसका कहना है कि आज जब समाजवादी पार्टी ने इसकी महत्ता को स्वीकार कर एक मजबूत फैसला किया है दूसरे दलों को अपनी गलती का अहसास होने लगा है। अन्य दल पिछड़ते नजर आ रहे हैं। आज शिक्षक-कर्मचारी कह रहा है कि जो हमारे मुद्दे की बात करेगा, निश्चित ही आने वाले विधानसभा चुनाव में हम उसका समर्थन करेंगे। इस पर सत्तारूढ़ दल भी कूद पड़ा और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बयान देना पड़ा कि जो पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर रहे हैं, उन्होंने भी उत्तर प्रदेश में पिछले पाँच साल सरकार चलायी है। इस पर उत्तर प्रदेश का शिक्षक-कर्मचारी और आक्रोशित हैं। सोशल मीडिया पर यह मामला एक बार फिर बीजेपी के खिलाफ मुद्दा बनता जा रहा है।

माननीय मुख्यमंत्री जी के उस पत्र का हवाला सोशल मीडिया के माध्यम से दे रहा है, जो उन्होंने 2013 में सांसद रहते हुए तत्तकालीन केंद्र सरकार को लिखा था। उसका कहना है कि दुर्भाग्य की बात है पिछले पाँच वर्ष के शासन काल मे उन्हें एक बार भी पुरानी पेंशन की याद नही आई। इतना ही नहीं उन्होंने ज्ञापन तक लेना मुनासिब नहीं समझा। ज्ञापन देने वालों को घरों में कैद करने का भी काम किया।

NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ATEWA के अध्यक्ष विजय कुमार ‘बन्धु’ ने कहा पुरानी पेंशन बहाली के लिए हमने सभी के दरवाजे खटखटाए लेकिन हमारी बात को कहीं सुना नहीं गया। अब जब कि समाजवादी पार्टी द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के लिए न केवल घोषणा पत्र में रखने का वादा किया बल्कि, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार बनते ही पुरानी पेंशन बहाल करने का भरोसा दिया गया, और शिक्षक- कर्मचारी एकजुट हो गया है। तब माननीय मुख्यमंत्री जी की नींद खुली है।

अटेवा के प्रदेश महामंत्री, डॉ नीरजपति त्रिपाठी जी ने कहा हम लोग पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

अखिलेश यादव ने अपने पिता की गलती सुधार किया है तो अटल जी की गलती मोदी जी सुधार करके सभी के लिए लागू कर दे ।

इसे भी पढ़ें:

पुरानी पेंशन बहाली पर अखिलेश यादव ने उठाई आवाज

जिस समय नयी पेंशन व्यवस्था लायी जा रही थी उस वक्त कुछ शिक्षक-कर्मचारी संगठनों के मुखियाओं ने शिक्षक कर्मचारी के साथ धोखा करके नयी पेंशन व्यवस्था लागू कराने में महती भूमिका निभायी, और अफसोस कि बात यह है कि आज जब पुरानी पेंशन बहाली का संघर्ष चरम तक पहुंच गया है, तब भी कुछ तथाकथित शिक्षक-कर्मचारी नेता, शिक्षक कर्मचारियों के हित की अनदेखी करते हुए नयी पेंशन व्यवस्था की वकालत कर रहे हैं, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।समय आने पर वह माकूल जवाब देंगे। ध्यान रहे कर्मचारी बुद्धिजीवी है वह आपका उचित सम्मान करने को तैयार बैठा है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ राजेश कुमार ने बताया की इसका बहुत व्यापक असर पड़ेगा और पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा चुनाव की गुणा गणित को बनाने और बिगाड़ने का माद्दा रखता है। जब से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा घोषणा कि गयी है शिक्षकों कर्मचारियों में भारी उत्साह है और लामबंदी भी शुरू हो गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

3 × five =

Related Articles

Back to top button