आजमगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव
आजमगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को लेकर यह खबर पुख्ता है कि वे आजमगढ़ से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जी हां, अपनी लोकसभा सदस्यता छोड़कर अखिलेश भी आगामी विधानसभा चुनाव में दो दो हाथ करते दिखेंगे। कुछ लोगों का कहना है कि आखिर अखिलेश ऐसा क्यों कर रहे हैं? तो आइये, जानते हैं अखिलेश ऐसा क्यों कर रहे हैं?
सुषमाश्री
जैसे जैसे उत्तर प्रदेश के चुनाव पास आ रहे हैं, राजनीतिक पार्टियों और राजनेताओं को लेकर कई नई बातें भी सामने आ रही हैं। ताजा खबर यह है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का मनोबल बढ़ाने के लिये उतरेंगे।
हालांकि, आज सवेरे ही प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये अखिलेश यादव ने कहा था कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसके लिये उन्हें आजमगढ़ की जनता से पूछना होगा। बता दें कि इस वक्त अखिलेश आजमगढ़ से लोकसभा सदस्य हैं।
अखिलेश आजमगढ़ से ही आजमायेंगे किस्मत
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में पहुंचे यूपी की राजनीति में जबरदस्त पकड़ रखने वाले व वेबसाइट 4 पीएम के संपादक संजय शर्मा ने यह खुलासा करते हुये कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ से ही अपनी किस्मत आजमायेंगे। इसके पीछे उन्होंने कई वजहें भी गिनाईं।
वरिष्ठ पत्रकार संजय शर्मा ने कहा कि अखिलेश जानते हैं कि यदि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है। भारतीय जनता पार्टी को इसके बाद एक बड़ा मुद्दा मिल जायेगा जिसके बल पर वह चुनाव में यह प्रचार करेगी कि अखिलेश को यकीन नहीं था कि वे जीत पायेंगे इसलिये वे चुनाव में नहीं उतरे। यकीनन इस वक्त सपा बीजेपी को एक भी ऐसा मौका नहीं देना चाहती, जिससे उनकी किरकिरी हो।
अखिलेश की विजय रथ यात्रा को मिला था बेहतरीन रेस्पोंस
यही नहीं, समाजवादी पार्टी जानती है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल एक अहम मुद्दा बन चुका है और बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा ने पहले ही गोरखपुर भेज दिया है ताकि वे पूर्वांचल में पार्टी को मजबूत बनाते हुये खुद भी जीत हासिल कर सकें। ऐसे में बहुत जरूरी था कि अखिलेश भी पूर्वांचल की ही किसी सीट से विधानसभा चुनाव में उतरें। ऐसे में आजमगढ़ उनके लिये सबसे उपयुक्त सीट मानी जा रही है। इसके अलावा अखिलेश की रथ यात्रा को भी पूर्वांचल में इस बार जनता का खूब साथ और प्यार मिल रहा था, जिसे कायम रखने के लिये अखिलेश का वहां जाना बीजेपी के लिये भी चुनौती होगी।
अखिलेश पूर्वांचल में रहते हैं तो उनकी पार्टी वहां और भी मजबूत होगी
एक तो अखिलेश पहले से ही यहां से सांसद हैं, दूसरे यहां यादव और अन्य कई पिछड़ी जातियों का भी बोलबाला है। उस पर बीजेपी छोड़कर अभी अभी सपा ज्वॉइन करने वालों में से स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी समेत सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर भी पूर्वांचल से ही आते हैं। ऐसे में अखिलेश के लिये यह सीट न केवल उपयुक्त मानी जा रही है बल्कि यह भी समझा जा रहा है कि अखिलेश अगर पूर्वांचल में रहते हैं तो उनकी पार्टी वहां और भी मजबूत होगी।
अमित शाह ने आजमगढ़ को बताया था कट्टरवादी सोच और आतंकवाद का गढ़
इसके अलावा अखिलेश के लिये आजमगढ़ सीट को और उपयुक्त इसलिये माना जा रहा है क्योंकि भाजपा के कई बड़े मंत्री पहले से ही आजमगढ़ जाकर समाजवादी पार्टी पर अलग अलग तरह से आरोप लगाते रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने तो अपनी रैली के दौरान यहां तक कह दिया था कि दुनियाभर में आजमगढ़ को कट्टरवादी सोच और आतंकवाद का गढ़ माना जाता है। यानी साफ है कि बीजेपी आजमगढ़ में अपने तुरुप का पत्ता चलने यानी धर्म को मुख्य मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
आजमगढ़ पूर्वांचल के केंद्र में रहने वाला है
यही नहीं, शाह ने आजमगढ़ की जनता को यह भरोसा भी जताया था कि बीजेपी उसे मां सरस्वती का धाम बनाने जा रही है। उन्होंने कहा था कि आगे से आजमगढ़ को लोग यहां की शिक्षा व्यवस्था के लिये जानेंगे। इतना ही नहीं, शाह ने पिछड़ी जातियों को बीजेपी के साथ जोड़ने के उद्देश्य से महाराजा सुहेलदेव के नाम पर यहां पहला विश्वविद्यालय खोलने की सलाह भी दी थी। साफ है कि आजमगढ़ पूर्वांचल के केंद्र में रहने वाला है। ऐसे में अखिलेश के लिये जरूरी है कि वे इसी सीट से चुनाव में उतरें ताकि वे बीजेपी के हर वार का सही और सटीक जवाब सही समय पर दे सकें।