बिहार में नीतीश सरकार के ये नये विद्वान मंत्री
राम अयोध्या सिंह
मैं भी यह मानता हूं कि तेजस्वी यादव सिर्फ आठवीं कक्षा पास हैं, और जिनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर अनेक लोगों ने बहुत कुछ कहा-सुना है।
लेकिन, अपने अब तक के छोटे-से राजनीतिक जीवन में तेजस्वी यादव ने ऐसा कुछ नहीं कहा या लिखा, जैसा सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री का शपथ लेने वाले नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के दोनों उप-मुख्यमंत्रियों ने अपने वक्तव्यों से अपनी शैक्षणिक योग्यता का खुला चिट्ठा पेश कर दिया है।
एक हैं कटिहार से पांचवीं बार विधायक बनने वाले तारा किशोर, जिन्होंने अपने पांडित्य का बखान करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बिहार के “पन्द्रह वर्षों से प्रधानमंत्री हैं”।
दूसरी हैं चंपारण से श्रीमती रेणु देवी , जिन्होंने ईस्वी सन् दो हजार बीस को ” बीस हजार बीस ” कहा।
क्या यही बिहार के उपमुख्यमंत्री की योग्यता है ?
बाकी कसर निकाल दी है शिक्षा मंत्री श्री मेवालाल चौधरी ने ,जिनके खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, और भागलपुर के न्यायालय में मामला लंबित है।
आर्थिक घोटालों सहित लेक्चरर की नियुक्ति में नियम- विरूद्ध अपने चहेतों की नियुक्ति करने की बात के साथ-साथ पैसे का खुलकर खेल भी खेला गया था, और जिसे अनुसंधानकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में सही पाया था।
एन डी टी वी की रिपोर्ट है कि बुधवार (18 नवंबर) को शेयर किए गए वीडियो के जरिए राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है और कहा है कि आखिर एक दागी को उन्होंने अपनी कैबिनेट में शामिल क्यों किया? मेवालाल चौधरी पर कृषि विश्वविद्यालय सबौर का कुलपति रहते हुए नियुक्ति में धांधली और भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने उन्हें इस मामले में निलंबित भी किया था।
उस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि मेवालाल चौधरी राष्ट्रध्वज फहराने के बाद राष्ट्रगान गाते-गाते बीच की पंक्तियां भूल गए हैं और उल्टा-पुल्टा गाकर उसे पूरा कर रहे हैं।जिस कार्यक्रम का यह वीडियो है, उस,में उनके चारों तरफ बच्चे हैं। उन्हीं में से कोई उनका वीडियो भी बना रहा है।
38 सेकेंड के वीडियो क्लिप में आखिर में मेवालाल को ‘भारत माता की जय’ कहते हुए भी देखा जा सकता है। वे वंदे कह रहे हैं और बच्चे उनके पीछे मातरम कह रहे हैं।
67 साल के डॉ. मेवालाल चौधरी तारापुर विधान सभा सीट से दूसरी बार जेडीयू के टिकट पर जीते हैं। 2015 में वे पहली बार इस सीट से विधायक चुने गए थे।
2017 में नीतीश कुमार की पार्टी ने उन्हें सबोर कृषि विश्वविद्यालय में जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और निर्माण कार्यों में धांधली के आरोप में नामजद होने पर पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।
ये सारी बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानकारी में है, और यह उन्हीं के पांचवें कार्यकाल की बात है। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अपने विकास के सारे वायदे इन्हीं जाहिल उपमुख्यमंत्रियों और भ्रष्ट शिक्षा मंत्री के सहारे और सलाह से पूरा करेंगे ? क्या भ्रष्टाचार का मामला सिर्फ तेजस्वी यादव के लिए ही उठाया गया था?
भ्रष्टाचार के आधार पर तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से हटाकर नीतीश जी ने राजनीतिक शुचिता, सुशासन और नैतिकता का परिचय दिया था। फिर आखिर क्या कारण है कि इस बार उन्होंने शपथ-ग्रहण के साथ ही भ्रष्टाचार के दोषी सिद्ध हुए, और न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई ?
राम अयोध्या सिंह
पूर्व प्रधानाचार्य, राजेन्द्र कालेज, छपरा