सरकारी धान क्रय केंद्र के संचालन में हो रही है लापरवाही

किसान आधे मूल्य पर धान बेचने को मजबूर

रुपईडीहा, बहराईच। भारत नेपाल सरहदी क्षेत्र विकास खण्ड नवाबगंज के रुपईडीहा व आसपास के क्षेत्रों में इस बार सरकार द्वारा बनाये गये सहकारी धान क्रय केंद्र व सरकारी धान क्रय केंद्र का संचालन अभी तक शुरू नहीं हुआ था।

किसानों के विरोध करने पर अब बमुश्किल शुरू हुआ है पर किसान वहाँ नज़र नही आ रहे है वहाँ पर सन्नाटा पसरा है।

वहीं दूसरी ओर ब्यक्तिगत कांटा वाले धड़ल्ले से धान की खरीदारी कर रहे हैं। इससे किसान आधे दाम पर व्यक्तिगत क्रेता को धान बेचने को मजबूर हैं।

सरकार के द्वारा इस वर्ष धान की खरीद का निर्धारित मूल्य 1868 रुपये रखी है।

नयी फसल के उत्पादन के लिए किसानों को खाद, बीज, पानी के लिए पैसे की जरूरत है।

ऐसे में किसान अपना धान निजी व्यापारियों के हाथ 900 रुपये से अधिकतम 1100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचने को विवश है।

नवाबगंज क्षेत्र में बक्शी गांव,बेलवा भारी डगरा,बाबागंज आदि स्थानों में धड़ल्ले से निजी व्यापारी कम दामों में धान की खरीदारी कर किसानों का शोषण कर रहे हैं।

इस सम्बंध में सहकारी समिति प्रभारी राम विशाल शुक्ला से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मैं इस वक्त रायबोझा कांटा पर हूँ।

रुपईडीहा में प्रभारी इस वक्त कोई बनाया गया है, उसका नंबर भी मुझे पता नहीं है। रुपईडीहा के बारे में मुझे कोई जानकारी नही है।

खोजबीन करने पर पता चला कि रुपईडीहा धान क्रय केंद्र प्रभारी केवलपुर निवासी घनश्याम वर्मा को बनाया गया है।

उनसे संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि आज से खरीदारी शुरू किया है। अभी सिर्फ एक किसान से ही धान खरीदा है। धान में अभी नमी है इसलिए देर से खरीदारी शुरू किया है।

क्षेत्र के किसानों से इस सम्बंध में बात करने पर किसानों ने बताया कि सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से इलाके के किसान परेशान हैं।

हम लोग 900 रुपये व 1000 रुपये क्विंटल धान बेचने को विवश हैं। सरकार अखबारों व चैनलों पर धान का मूल्य तो 1868 रुपये बताती है परंतु जमीन पर केंद्र खुले ही नहीं हैं।

इसलिए किसान ब्यक्तिगत कांटों पर आधे मूल्य में धान बेचने को मजबूर है।

विपणन अधिकारी नवाबगंज ओम प्रकाश चौधरी ने बात करने पर बताया कि ब्लाक में 8 धान क्रय केंद्र है जिसमे कुछ तो संचालित हैं, कुछ शायद अभी संचालित नहीं हुए हैं।

मैंने सभी लोगों को केंद्र संचालित करने को कह दिया है। चौधरी ने माना कि सरकारी केंद्र नहीं खुलने से किसानों का बहुत नुकसान हो रहा है।

ब्लाक के वरिष्ठ किसान नेता बद्री सिंह व भारतीय किसान यूनियन भदोरिया गुट के जिला अध्यक्ष राम प्रसाद उपाध्याय का कहना है कि सहकारी केंद्रों पर धान क्रय नहीं  किया जा रहा है।

प्राइवेट कांटा वाले उन्हें आधे रेट से धान खरीद कर रहे हैं। धान तैयार है। किसानों को गेहूं की बुआई के लिए पैसे की आवश्यकता है।

सरकारी धान केंद्र पर खरीदारी हो नहीं रही है, इसलिए किसान साहूकारों को आधे मूल्य पर धान बेचने को मजबूर हैं।

इसलिए किसानों का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है। किसान हर तरफ से ठगा जारहा है। यदि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो संगठन के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

5 × 2 =

Related Articles

Back to top button