Tek Fog: इस ऐप के जरिये भाजपा आईटी सेल फैलाता है नफरत की आग
Tek Fog: बीजेपी आईटी सेल द्वारा देश में नफरत और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए एक ऐप जारी किया है.
Tek Fog: इन दिनों बीजेपी फिर से घिर चुकी है. देश के वरिष्ठ खोजी पत्रकारिता संस्था ‘द वायर’ ने दो साल की पड़ताल के बाद बीजेपी का भंडाफोड़ किया है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. इसका कारण है बीजेपी आईटी सेल द्वारा देश में नफरत और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए एक ऐप जारी किया है. ‘द वायर’ ने अपने इस खोज में बीजेपी को आईटी सेल आखिरकार रंगे हाथ पकड़ लिया है. सोशल मीडिया पर बीजेपी आईटी सेल (BJP IT Cell) का काम लोगों के बीच नफरत फैलाना, झूठी बातों को हवा देना और नॉर्मल ट्रेंड के साथ छेड़छाड़ करना है.
इसे समझने के लिए आपको ये जनना होगा कि साल 2020 में जब देश में अप्रैल और मई की महीने में लॉकडाउन लगा था, उस दौरान सभी राज्यों से प्रवासी मजदूर सड़क पर पैदल अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े थे. उस वक्त केंद्र में मोदी सरकार को चारों ओर से घेर लिया गया था. फिर उस बीच ट्विटर (twitter trends) पर सबसे ज्यादा हेशटैग कांग्रेस के विरोध में हो रहे थे. मतलब जब केंद्र के फैसले के कारण मजदूर सड़क पर उतर आए थे तब ट्रेंड में ‘कांग्रेस अगेंस्ट लेबर्स’ यानी मजदूर विरोधी कांग्रेस ट्रेंड कर रहा था. उसी बीच अप्रैल 2020 में एक आरती शर्मा नाम की यूज़र ने ट्वीट कर खुद को बीजेपी आईटी सेल की कर्मचारी बताया. उसने यह भी बताया कि साल 2014 में वह बीजेपी आईटी सेल के लिए काम कर रही थी. उस ने ट्विटर पर लिखा कि साल 2018 में उसे कहा गया था कि केंद्र में जब दोबारा बीजेपी की सरकार बनेगी तो उसे सरकारी नौकरी दी जाएगी.
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आरती शर्मा ने 28 अप्रैल 2020 को पहली बार बीजेपी आईटी सेल से असंतुष्ट होकर ‘टेक फॉग’ (Tek Fog ) नामक एक गोपनीय ऐप का जिक्र किया. आरती के मुताबिक यह ऐप रीकैप्चा को बायपास कर जाता है और इसका उपयोग ऑटोमेटिक ट्रेंड के लिए किया जाता है. जिसके बाद मीडिया ‘द वायर’ के जर्नलिस्ट ने आरती शर्मा को खोजा और उनसे लगातार पूरे 2 साल तक संपर्क में रहीं. 2 साल के खोजबीन के दौरान बीजेपी के अगेंस्ट कई सारे खुलासे हुए हैं.
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आरती शर्मा ने ‘द वायर’ को बताया कि भाजयुमो का नेशनल आईटी प्रमुख देवांग दावे था. जब इस बात की जांच की गई तो पता चला कि सच में टेक फॉग नाम का एक ऐप है जो सोशल मीडिया पर गलत बातें व अफवाहों को फैलाने का काम करता है. इस ऐप के जरिए ट्रेंड्स को हाईजैक किया जाता है. बीजेपी से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाते हैं इसके अलावा एक टॉस्क के माध्यम से जो लोग बीजेपी की आलोचना करते हैं उन पत्रकारों को ऑनलाइन उत्पीड़ित किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार इन बातों में कितनी सच्चाई है इसके लिए इस संगठन में अभी काम कर रहे लोगों से भी बात की गई.
यहां काम कर रहे कर्मचारियों ने कई स्क्रीनशॉट भेजें और नियुक्त द्वारा काम के बदले दिए गए पैसों का भी विवरण साझा किए. इन सबूतों को आपस में जोड़ने के बाद बीजेपी के अगेंस्ट पर्दाफाश करने में बहुत बड़ी कामयाबी मिली. रिपोर्ट के अनुसार इस ऐप का उपयोग दक्षिणपंथी प्रोपेगेंडा को बहुत ज्यादा फैलाने झूठें कंटेंट को सोशल मीडिया के व्यापक और अलग-अलग यूजर्स के बीच पहुंचाने के लिए किया जाता है. जांच में पता चला कि बीजेपी आईटी सेल में काम कर रहे लोगों को कांग्रेस अगेंस्ट लेबर्स ट्रेंड कराने के टास्क दिए गए थे. जिसका टारगेट 55000 फर्जी ट्वीट जनरेट करना था. लेकिन कुछ समय पर ही 57 हजार यानी कि टारगेट से दो हजार ज्यादा ट्वीट जनरेट हो गए.
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इस स्क्रीनशॉट में बताया गया है कि किस तरह से काम करने से पहले ही 1,700 खातों का इस्तेमाल करते हुए हैशटैग को पोस्ट किया जाता था. इससे ने केवल सिर्फ फर्जी ट्वीट किए जाते थे बल्कि सोशल मीडिया के लिए फर्जी हैंडल्स भी बनाए जाते थे. वहीं इससे ऑटो पोस्ट. कमेंट और शेयर भी की जाती है.
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आपको बताते चलें कि 1 जनवरी 2021 से लेकर 31 अप्रैल 2021 के बीच ट्विटर पर सबसे अधिक रिट्वीट होने वाली 280 महिला पत्रकारों की सोशल अकाउंट पर 46 लाख कॉमेंस्ट का जांच किया गया. जिसमें पता चला कि 8 लाख से अधिक कमेंट टेक फॉग द्वारा चलाए गए छह अकाउंट से किए गए थे. जिसमें महिला पत्रकारों के लिए अशब्द का प्रयोग किया गया था.