बीजेपी से नाराज मौर्य समर्थकों का इस्तीफा जारी, सामने आई स्वामी की नाराजगी की वजह…

बीजेपी से नाराजगी की ये है वजह

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक ओर जहां बीजेपी से नाराज मौर्य के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने की चर्चा गर्म है वहीं दूसरी ओर एक एक कर लगातार बीजेपी से मौर्य समर्थकों का इस्तीफा भी जारी है।

बीजेपी से नाराज मौर्य समर्थकों और स्वामी प्रसाद मौर्य के विधायकों का बीजेपी से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने से यूपी की राजनीति में बीजेपी लगातार कमजोर और सपा लगातार मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। आज जसवंत नगर सीट से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी मनीष यादव पत्रा ने भी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खेमे के विधायक ने भाजपा पर समाज के लोगों को अपमानित, तिरस्कृत और उचित सम्मान न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जहां स्वामी प्रसाद मौर्य जाएंगे, वहीं हम भी उनके साथ कंधे से कंधा मिला साथ खड़े रहेंगे। बता दें कि मनीष पत्रा की गिनती जनपद इटावा के जनाधार वाले युवा नेताओं में होती है।

इससे पहले बीजेपी से इस्तीफा देने वाले बांदा के तिंदवारी सीट से विधायक बृजेश प्रजापति ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य हमारे नेता हैं। 14 तारीख का बैठक के बाद किस पार्टी में जाना है, इसका निर्णय लिया जायेगा। अभी किसी भी पार्टी में जाने का निर्णय नहीं लिया गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य जिस पार्टी में जायेंगे, हम सब उसी पार्टी में साथ जायेंगे।

वहीं, बिधूना के विधायक विनय शाक्य के भी बीजेपी छोड़ने पर बृजेश प्रजापति ने कहा कि विनय शाक्य लंबे समय से बीजेपी छोड़ना चाहते थे। उन्होंने मुझे खुद बुलाकर कहा था कि मैं बीजेपी छोड़ना चाहता हूं। वह बोले कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अच्छे व्यक्ति हैं। समाज उनकी तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, लेकिन आखिरी फैसला मौर्य को करना है। फिलहाल उन्होंने अपना फैसला नहीं लिया है। राजनीति में हमेशा आप्शन खुले रहते हैं।

इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य की बीजेपी से नाराजगी की वजह भी छन छनकर सामने आ रही है।

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी से जाने के पीछे वजह है विधायकों को दिये जाने वाला टिकट। असल में, स्वामी प्रसाद मौर्य चाहते थे कि उनके साथ 2017 में आए सभी विधायकों के टिकट रिपीट किए जाएं। साथ ही दो अन्य नामों को भी वे आगे बढ़ा रहे थे कि उन्हें भी टिकट दिया जाए, लेकिन बीजेपी ने इसे मानने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उनमें से कई ऐसे विधायक हैं, जो सर्वे में चुनाव हार रहे थे। ऐसे में बीजेपी ने टिकट देने से इनकार किया था।

यही नहीं, मौर्य के एक समर्थक पर कुछ मुकदमे भी थे, जिसे बीजेपी खत्म नहीं करना चाहती थी। आचारसंहिता लगने से पहले वे खत्म नहीं हो पाए हालांकि उन्हें आश्वासन दिया गया कि चुनाव के बाद इसे कर दिया जाएगा। इस मामले में भी पिछले एक हफ्ते से लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य और बीजेपी नेताओं के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन मौर्य नहीं माने।

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मौर्य के इस्तीफे के बाद बीजेपी अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने का जिम्मा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सौंपा है। केशव प्रसाद मौर्य इस्तीफा देने वाले दूसरे असंतुष्ट विधायकों को भी मनाने में जुटे हैं। यही नहीं, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल को भी इस काम में लगाया गया है। आज मंत्री दारा सिंह चौहान को दिल्ली बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक शीर्ष नेताओं से उनकी बातचीत हो सकती है।

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