नेपाल में प्रदेश नंबर पांच हुआ लुंबिनी, राजधानी हुआ दांग

प्रदेशों के राजधानी मुख्यालय चयन में सत्ता पक्ष की राजनीतिक दृष्टि

काठमांडू। नेपाल में प्रदेशों की राजधानी और उसके नामकरण की शुरुआत हो गई है।

संविधान लागू होने के बाद नेपाल को जिन सात प्रदेशों में विभक्त किया गया है, उसके नाम अभी तक क्रम संख्या से थे और राजधानी भी अस्थायी।

स्थाई राजधानी तय करते वक्त सत्ता रूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने मैदानी और पहाड़ के समीकरण को ध्यान में रखा है।

इसके पीछे उसे अपने परंपरागत वोटरों को साधना था। पहाड़ी लोग कम्युनिस्ट पार्टी के परंपरागत वोटर रहे हैं।

नेपाल का प्रदेश नंबर पांच का बड़ा भूभाग यूपी के बड़े हिस्से को स्पर्श करता है।

अभी तक इस प्रदेश की अस्थायी राजधानी बुटवल है। बुटवल भारत सीमा से करीब 40 किमी की दूरी पर नेपाल में है।

अब इस प्रदेश की राजधानी दांग में होगी जो बुटवल से करीब 70 किमी दूर पश्चिम की ओर है।

यह क्षेत्र पहाड़ी बाहुल्य है।राजधानी तय करते वक्त विधानसभा के सदस्यों से गहन रायसुमारी की गई।

लेकिन जिस स्थान का चयन किया गया उसके पक्ष में सत्ता पक्ष तथा विपक्ष ने अपने सदस्यों को समर्थन और विरोध के लिए ह्वीप जारी किया था।

दांग को राजधानी बनाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में एक मत नहीं था।

केंद्र सहित अधिकांश प्रदेशों में चूंकि कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है, लिहाजा राजधानी के लिए स्थान चयन करने में सत्ता पक्ष को किसी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा।

मंगलवार को प्रदेश संख्या पांच की अस्थायी राजधानी बुटवल में विधानसभा की बैठक में प्रदेश की राजधानी, नामाकरण  पर मुहर लग गई।

प्रदेश सरकार ने प्रदेश  का नाम लुम्बिनी, राजधानी दांग में रखने का प्रस्ताव 2 अक्टूबर को ही पेश किया था।

विपक्ष खासतौर पर नेपाली कांग्रेस ने इसका भारी विरोध किया।चार दिन के गहमा गहमी के बीच 5 अक्टुबर को विधानसभा में कुर्सी मेज तक तोड़े गए।

6 अक्टूबर को दोनों पक्षों में चले लंबी बहस के बाद हुए  मतदान में ज्यादातर सदस्यों ने दांग को राजधानी बनाए जाने के पक्ष में मतदान किया।

हैरत है कि क्षेत्रवाद से प्रभावित दांग क्षेत्र के पांच नेपाली कांग्रेस के सदस्यों ने भी ह्वीप को नजरअंदाज करते हुए दांग के पक्ष में मतदान किया जबकि पार्टी का ह्वीप इसके विरोध में मतदान करने का था।

इसके पहले बहस में हिस्सा लेते हुए नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य विरेन्द्र कानोडिया ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनितिक दृष्टि से दांग को राजधानी बनाना चाह रही है।

कहा कि बुटवल सुविधा संपन्न शहर है। यहां से कुछ दूरी पर स्थित भैरहवा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार है और बुटवल से ही काठमांडू का सर्वसुलभ मार्ग है। शिक्षा,स्वास्थ्य की सुविधा के अलावा तमाम सरकारी कार्यालय यहां मौजूद है।

बावजूद इसके मात्र अपने राजनितिक फायदे के लिए सत्ता फक्ष दांग को राजधानी बनाने की जिद पर अड़ा है। दांग जिले के जिस जगह पर राजधानी प्रस्तावित है, वह एकदम उचाट है।

राजधानी के रूप में उस स्थल को व्यवस्थित करने में सरकार को अरबों रुपये अनावश्यक रूप से खर्च करना होगा।

आंतरिक मामला तथा कानूनमंत्री कुल प्रसाद केसी ने  बताया की प्रदेश संख्या पांच अव होगा लुंबिनी प्रदेश और इसकी राजधानी दांग होगा।

प्रदेश सभा मे कुल 87 सांसद हैं। दांग को राजधानी बनाने के लिए 83 विधायकों ने मतदान में हिस्सा लिया। 79 सदस्यों ने दांग को राजधानी बनाने के पक्ष में मतदान किया।

विधानसभा में नेपाली कांग्रेस के 19 में से 5 सदस्यों ने भी दांग के पक्ष में मतदान किया।

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