जगदम्बा प्रसाद निगम -समाजवादी नेता, उत्कृष्ट विधायक और अधिवक्ता


-डॉ सुनीलम


सोशल मीडिया से पता चला कि मध्य प्रदेश के वरिष्ठतम समाजवादियों में से एक पूर्व विधायक जगदम्बा प्रसाद निगम नहीं रहे। वे 94 वर्ष के थे। केरल के कार्यक्रम में होने के कारण मैं निगम जी की अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सका।
जब मुझे मुलताई के मतदाताओं ने विधायक बनाया था, तब मुझे विधानसभा सदस्य बनने पर पता चला कि जगदम्बा प्रसाद निगम जी कितने प्रभावी विधायक रहे हैं।
लोग प्यार से उन्हें बाबू जी कहकर बुलाते थे। वह ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया था और करीब दो सौ कार्यकर्ताओं सहित जेल गए थे। उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए रनगवा, गंगउ, बरियारपुर बांध का पानी पूरा उप्र को जाता था। उन्होंने लगातार संघर्ष कर वर्तमान की राजनगर विधानसभा क्षेत्र के किसानों को उनका हक दिलाया। उनके कारण सरकारों को तय करना पड़ा कि बांधों के पानी का कुछ हिस्सा छतरपुर जिले के किसानों को मिलेगा।
सरकार किसी की भी क्यों न रहे, मुख्यमंत्री कोई भी हो विधानसभा में उन्हें बहुत ध्यान से सुना जाता था। हालांकि विधानसभा सदस्य होने के पहले से ही मैं उन्हें ग्वालियर की छात्र राजनीति में सक्रिय होने के बाद से ही जान गया था। वे ग्वालियर के समाजवादियों के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में लगातार आया करते थे। जब मैं दिल्ली पहुंचा तथा दिल्ली के समाजवादी नेताओं के यहां पर आने जाने लगा तब श्री जॉर्ज फर्नांडिस, मधु दंडवते, रवि राय जी और पुरुषोत्तम कौशिक जी के यहां उनसे लगातार मुलाकात होते रहती थी। जनता पार्टी लोक दल, जनता दल में सक्रिय होने के कारण भी उनसे पार्टी के सम्मेलनों, बैठकों में भी लगातार मुलाकात होती रही।
जगदंबा प्रसाद निगम जी छतरपुर विधानसभा के तीन बार विधायक रहे, वे एक जुझारू समाजवादी नेता थे। समाजवादियों के बिखराव से वे अत्यंत दुखी हो गए और सक्रिय राजनीति से अलग हो गए। जब भी मैं छतरपुर जाता उनसे मुलाकात करता। वे हमेशा एक ही बात करते थे कि राजनीति अब मेरे जैसे लोगों की नहीं रही। राजनीति में पैसा और जातिवाद इतना हावी हो गया है कि इसमें अब मेरी कोई जरूरत दिखलाई नहीं देती हालांकि जगदम्बा प्रसाद मिश्र ने कभी भी राजनीति नहीं छोड़ी। अंतिम समय तक वे छतरपुर में होने वाले आंदोलनों को समर्थन देने जाया करते थे। मुझे याद है जब छतरपुर में मेडिकल कॉलेज खुलवाने को लेकर आंदोलन चल रहा था तब मंच पर हम एक साथ थे।
जगदम्बा प्रसाद निगम जी की खासियत यह थी कि वे जो भी काम करते थे, तन मन धन और पूरा सामर्थ लगाकर किया करते थे। वे कहते थे , जो भी काम हाथ में लिया जाए, उसमें अपना अधिकतम लगाया जाए। यह उनकी सोच का केंद्र बिंदु था। इसलिए जब तक वे विधायक रहे तब उन्होंने उत्कृष्ट विधायक के तौर पर कार्य किया और जब वकालत में समय लगाया तब उन्हें छतरपुर और बुंदेलखंड में ही नहीं पूरे प्रदेश के प्रमुख वकीलों में जाना जाने लगा।
वे कभी समाजवादी सिद्धांत और विचार से विचलित नहीं हुए। समाजवादी के तौर पर सार्वजनिक जीवन शुरू किया और अंतिम समय तक समाजवादी ही रहे। जगदम्बा प्रसाद निगम जी आने वाली पीढ़ियों को सैद्धांतिक समाजवादी राजनीति करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

15 − four =

Related Articles

Back to top button