स्मार्ट युवा फिल्म फेस्टिवल : मलिन बस्तियों के बच्चों द्वारा बनाई गई प्रेरणादायक फिल्में

स्मार्ट युवा फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत लखनऊ की मलिन बस्तियों के युवाओं द्वारा बनाई गई प्रेरणादायक फिल्मों का प्रदर्शन मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय, समाज कार्य विभाग के राधाकमल मुक़र्जी सभागार में किया गया।
स्मार्ट युवा कार्यक्रम, यूनिसेफ, समाज कार्य विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) एवं विज्ञान फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में की गई एक पहल है जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के वॉलंटियर द्वारा लखनऊ की विजय खेड़ा, श्रम विहार, गढ़ी कनौरा, हड्डी खेड़ा, करेहटा एवं पूर्विदीन खेड़ा बस्तियों में युवाओं को सकारात्मक एवं प्रेरणादायक फिल्में बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। इसके फलस्वरूप युवाओं द्वारा बाल संरक्षण, कोविड एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर आधारित सत्य कहानियों पर विडियो बनाए गए।
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संचार विशेषज्ञ श्री भाई शैली ने कहा, “स्मार्ट युवा कार्यक्रम लखनऊ, कानपुर एवं प्रयागराज में शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के 75 NSS के युवाओं ने 14 मलिन बस्तियों में कार्य किया। प्रत्येक युवा ने बस्तियों के यूथ वॉलंटियर के साथ मिल कर किशोर किशोरियों, अभिभावकों, शिक्षकों, फ्रंटलाइन वर्कर, पार्षद आदि की ऐसी कहानियाँ ढूँढी जिन्होने बाल संरक्षण, कोविड, तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबन्धित मुद्दों पर काम किया और कुछ सराहनीय कदम उठाए। ऐसी कहानियों को स्मार्ट फोन के माध्यम से शूट किया और आज इन्हीं में से कुछ फिल्मों को इस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया”।
युवाओं द्वारा बनाई गई फिल्में बस्तियों में दिखाई गई एवं फिल्मों में दिखाये गए मुद्दों पर चर्चा भी की गई।
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने युवाओं द्वारा बनाई गई फिल्मों की प्रशंसा करते हुए कहा,”स्मार्ट युवा कार्यक्रम संयुक्त प्रयासों का एक बहुत अच्छा उदाहरण है जिसमें विश्वविद्यालय, यूनिसेफ एवं NSS ने मिल कर युवाओं को समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया है।  इस कार्यक्रम ने युवाओं के भावनात्मक गुण को विकसित करने का कार्य किया है। युवाओं ने बस्तियों में जा कर जीवन की सच्चाई को देखा और वहाँ के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का एक प्रयास किया।”
यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के प्रोग्राम मैनेजर डॉ अमित महरोत्रा ने कहा, ” यूनिसेफ ने कोविड के समय शहरी मलिन बस्तियों में कार्य किया। सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के लोगो के लिए 46 योजनाएँ चलाई जा रही हैं किन्तु लोगों को इसका ज्ञान नहीं है। स्मार्ट युवा कार्यक्रम में युवाओं ने एक सेतु के रूप में कार्य किया है और आगे भी ऐसे प्रयास होते रहेंगे।”
आई पी एस रुचिता चौधरी ने कहा, ” युवाओं द्वारा बनाई गई फिल्मों को अधिक से अधिक लोगों से साझा करना चाहिए ताकि वे इससे प्रेरणा ले सकें। स्मार्ट युवा कार्यक्रम स्मार्ट फोन के सदुपयोग का एक अच्छा उदाहरण है।
NSS के क्षेत्रीय निदेशक श्री अशोक श्रोती ने कहा, ” स्मार्ट फोन का उपयोग सभी युवा करते हैं किन्तु यदि उसका उपयोग किसी को लाभ पहुंचा सके तो बहुत अच्छा है। स्मार्ट युवा कार्यक्रम ने इसी का एक नमूना पेश किया है।”
NSS वॉलंटियर द्वारा बनाई गई फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का चयन निर्णायक द्वारा किया गया एवं NSS मैंटर उदय मिश्रा, प्रशांत पांडे, दीपक गुप्ता, महिमा वर्मा, आस्था सिंह और श्वेता त्रिपाठी को  कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानूशासक प्रो. राकेश द्विवेदी जी ने बताया कि समाज कार्य विभाग गत कई वर्षों से यूनिसेफ के साथ मिलकर बाल संरक्षण, बाल शिक्षा एवं लिंग समानता जैसे गंभीर मुद्दों पर कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक प्रो. रूपेश कुमार, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन चीफ प्रोवोस्ट प्रो. अनूप सिंह, एवं लखनऊ विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से संबंधित राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं बच्चों ने प्रतिभाग किया।

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