कानूनी गारंटी लेकर रहेंगे किसान, 15 जनवरी को SKM करेगी भावी आंदोलन की घोषणा

378 दिन से चल रहे किसान आंदोलन के पहले चरण के समापन के लिए बधाई देते हुए किसान आंदोलन की जीत का श्रेय 715 शहीद किसानों तथा उन लाखों किसानों को दिया है, जिन्होंने 378 दिन तक लगातार सर्दी, गर्मी, बरसात झेलकर आंदोलन को कामयाब बनाया।

  • किसी भी देश में संसद द्वारा पारित कानूनों को जन आंदोलन से रद्द कराने की यह ऐतिहासिक घटना है
  • किसानों ने अडानी-अम्बानी की ताकत को जनशक्ति एकजुट कर केंद्र सरकार को परास्त कर दिया है।
  • किसानों की एकजुटता, शांतिपूर्ण आंदोलन तथा धैर्य के कारण जीत संभव हो सकी
  • MSP पर सरकार को खुद को साबित करना होगा
  • किसान कानूनी गारन्टी लेकर रहेंगे
  • 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा भावी आंदोलन की घोषणा की जाएगी

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 378 दिन से चल रहे किसान आंदोलन के पहले चरण के समापन के लिए बधाई देते हुए किसान आंदोलन की जीत का श्रेय 715 शहीद किसानों तथा उन लाखों किसानों को दिया है, जिन्होंने 378 दिन तक लगातार सर्दी, गर्मी, बरसात झेलकर आंदोलन को कामयाब बनाया। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता भागवत परिहार ने गुरुवार, 9 दिसंबर को मीडिया से यह जानकारी साझा की।

उन्होंने बताया कि किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनीलम ने कई अन्य बातें कहीं, जो इस प्रकार हैं—

  • किसानों ने अडानी-अम्बानी की ताकत को जनशक्ति एकजुट कर केंद्र सरकार को परास्त कर दिया है। अब कोई भी सरकार मनमाने तरीके से कानून जनता पर थोपने की हिंम्मत नहीं करेगी।
  • आंदोलन की जीत किसानों की एकजुटता, शांतिपूर्ण आंदोलन तथा आंदोलनकारियों के धैर्य के कारण संभव हो सकी है।
  • किसी भी देश में संसद द्वारा कानूनों को जन आंदोलन से रद्द कराने की यह पहली ऐतिहासिक घटना है।
  • इस आंदोलन ने देश के वंचित तबकों में यह आत्मविश्वास पैदा किया है कि वह अपने सवालों को शांतिपूर्वक आंदोलन चलाकर महाबली सरकारों से हल करवा सकते हैं।
  • एमएसपी की कानूनी गारंटी का मसला हल नहीं हुआ है लेकिन आंदोलन ने एमएसपी को लेकर जो जागरूकता और समझ पैदा की है, उसके चलते अब कोई भी सरकार किसानों को एमएसपी पाने से नहीं रोक सकेगी।
  • सरकार की कमेटी का स्वरूप (नाम) जाहिर होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि 3 महीने बाद कमेटी किस तरह की रिपोर्ट देगी।
  • किसान संघर्ष समिति, कमेटी के भरोसे नहीं बैठेगी। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, उन राज्यों में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने को लेकर अभियान चलाएगी।
  • केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी का मुद्दा देश के हर किसान के जेहन में बना रहेगा तथा यह मुद्दा आगामी चुनाव में उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में प्रमुख सवाल बनकर उभरेगा।
  • संयुक्त किसान मोर्चा बिजली बिल को वर्तमान स्वरूप में संसद में पेश होने से रोक देगा।
  • किसान सँघर्ष समिति ने कहा कि
    715 शहीद किसानों का दिल्ली में शहीद किसान स्मारक बनाने के लिए प्रयास जारी रखेगी। उल्लेखनीय है किसान सँघर्ष समिति ने जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के साथ मिलकर मिट्टी सत्याग्रह यात्रा निकाली थी और सभी सीमाओं पर शहीद स्मारक स्थापित किया था।
  • डॉ सुनीलम ने कहा कि मंदसौर के शहीदों की प्रेरणा से अखिल भारतीय किसान सँघर्ष समन्वय समिति ने सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति और डेढ़ गुना दाम के कानून संसद से पारित कराने का सँघर्ष करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने के लिए किया था। वह सफल हुआ है।
  • अब संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को होने वाली बैठक आंदोलन की आगामी रूपरेखा की घोषणा करेगा, जिसमें किसान सँघर्ष समिति भागीदारी करेगी।
  • मुलतापी में 12 जनवरी 2022 को 24वें शहीद किसान स्मृति सम्मेलन और 289वीं किसान पँचायत में किसान सँघर्ष समिति भावी कार्यक्रमों की घोषणा करेगी।

इसे भी पढ़ें:

PM मोदी के तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर संयुक्त किसान मोर्चा ने क्या कहा, आइए जानें

Leave a Reply

Your email address will not be published.

three × one =

Related Articles

Back to top button