फुटपाथ पर मर्यादा पुरुषोत्तम

संतराम - जीवन की पाठशाला

किसान, रिक्शा चालक और एक दार्शनिक संत राम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधान से क़रीब डेढ़ किलोमीटर दूर विक्रमादित्य मार्ग के फुटपाथ पर रहते हैं. वह शौचालय के लिए क़रीब डेढ़ किलोमीटर जाते हैं. लौटकर एक नाले से सटे बम्बे में नहाते धोते हैं. रोज़  ईंटे जोड़कर चूल्हा बनाते हैं और जो कुछ ईश्वर की कृपा से मिलता है, खाकर खुश रहते हैं. उम्र में बड़े लोग भी संत राम को गुरु की तरह मानते हैं. अस्सी साल के जवान रिक्शा चालक मिश्री लाल उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं. संत राम को नहीं पता की वह स्वयं एक संस्था हैं और उनका जीवन एक पाठशाला है. 

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