अयोध्या जमीन घोटाला जनता की आस्था के साथ खिलवाड़: प्रियंका गांधी
प्रियंका ने यह भी साफ किया है कि जितने बड़े स्तर पर ये घोटाले किये हैं, उसकी जांच जिला स्तर के पदाधिकारियों के वश की बात नहीं हो सकती, वो भी यूपी में। यह मामला अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अंतर्गत भी नहीं रह जाता, बल्कि इस पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी बात रखनी चाहिये थी। साथ ही, मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान में लिया जाना चाहिये और जांच का दायरा भी अब राज्य स्तरीय न होकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ही किये जाने चाहिए।
- अयोध्या जमीन घोटाले पर कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस
- अयोध्या जमीन घोटाले पर बोलीं कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा
- अयोध्या जमीन घोटाला जनता की आस्था के साथ खिलवाड़
- कांग्रेस ने पेश किये अयोध्या जमीन घोटाले के कई सबूत
- गरीबों, मजलूमों की आस्था के साथ हुआ है खिलवाड़, पीएम मोदी और सुप्रीम कोर्ट को लेना चाहिए संज्ञान
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के 5 किलोमीटर के दायरे में जमीन की खरीद फरोख्त में हुये घोटाले का मामला अब जोर पकड़ रहा है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस करके कई सबूत पेश किये हैं, जो दर्शाते हैं कि यह घोटाला ट्रस्ट और संबंधित अधिकारियों ने मिलकर किया है।
उन्होंने इस बात के भी सबूत पेश किये हैं, जो दर्शाते हैं कि राम जन्मभूमि के करीब की जमीन दुनिया में सबसे तेजी से महंगी हुई जमीन है।
कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले को गंभीरता से उठाने के पीछे जो सबसे बड़ी वजह बताई, वह यह है कि यह आम लोगों, गरीबों, मजलूमों की आस्था और विश्वास से जुड़ा सवाल है। उनके साथ धोखा हुआ है, जिन्होंने अपना पेट काट काटकर की गई बचत को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को मंदिर निर्माण के लिये दिया था, न कि इस तरह के घोटाले करने के लिये।
प्रियंका ने यह भी साफ किया है कि जितने बड़े स्तर पर ये घोटाले किये हैं, उसकी जांच जिला स्तर के पदाधिकारियों के वश की बात नहीं हो सकती, वो भी यूपी में। यह मामला अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अंतर्गत भी नहीं रह जाता, बल्कि इस पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी बात रखनी चाहिये थी। साथ ही, मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान में लिया जाना चाहिये और जांच का दायरा भी अब राज्य स्तरीय न होकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से ही किये जाने चाहिए।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे और मीडिया को उन्होंने मामले से संबंधित सबूत विस्तार से दिखाये।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रियंका ने इस मामले की गंभीरता को लेकर कई सबूत पेश किये हैं। सारी जानकारी लेने के लिये देखें प्रेस कांफ्रेस का यह वीडियो…
उधर, मायावती ने गुरुवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘यह मामला गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. हमारी पार्टी चाहेगी कि उच्चतम न्यायालय इसमें दखल दे.” उन्होंने कहा कि अगर जमीन की खरीद-फरोख्त में कुछ गड़बड़ हुई है तो राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और केंद्र सरकार को भी इस मामले में हस्तक्षेप करके राज्य सरकार को निर्देश देना चाहिए कि अगर ऐसा कुछ हुआ है तो जमीन की खरीद-फरोख्त को रद्द किया जाए.
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बता दें कि बुधवार को यूपी की योगी सरकार ने अयोध्या में अफसरों, नेताओं व मेयर के रिश्तेदारों द्वारा कम कीमत पर जमीन लेने के मामले की जांच कराने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा को यह जांच कार्य सौंपा गया। उनसे पांच दिनों में जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई। हालांकि, अब विपक्षी पार्टियां मामले को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाकर इसकी जांच का जिम्मा भी उच्चतम न्यायालय को देना चाहती हैं।
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