प्रियंका गांधी ने इलाहाबाद में फूलचंद पासी के परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की

मृतकों के घरवालों ने गांव के ही एक दबंग परिवार पर रंजिश में वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया है. हालांकि पुलिस कई अन्य बिंदुओं पर भी जांच में जुटी है. किशोरी का शव नग्न हाल में मिला, ऐसे में सामूहिक दुष्कर्म की भी आशंका है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इलाहाबाद में फूलचंद पासी के परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की। उनके साथ में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू, पीएल पुनिया समेत कई दिग्गज नेताओं पहुंचे हैं। प्रियंका गांधी फाफामऊ के गोहरी गांव में सवा पांच बजे शाम को पहुंचीं। इस गांव में कल एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या हुई थी। करीब 40 मिनट तक मुलाकात और परिजनों से बातचीत के बाद प्रियंका गांधी रवाना हो गईं। फूलचंद पासी समेत परिवार के चार लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। पड़ोस के ही सामंती गुंडों पर हत्या का आरोप है। परिवार की महिलाओं ने कांग्रेस महासचिव से अपनी पीड़ा साझा की।

मीडिया स्वराज डेस्क

  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इलाहाबाद में फूलचंद पासी के परिवार से मिलकर पीड़ा साझा की
  • फूलचंद पासी समेत परिवार के चार लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी
  • पड़ोस के ही सामंती गुंडों पर हत्या का आरोप
  • परिवार की महिलाओं ने कांग्रेस महासचिव से अपनी पीड़ा साझा की
  • फूलचंद पासी के परिजनों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने गुंडों को संरक्षण दिया
  • परिजनों ने बताया कि हमारी बात नहीं सुनी जाती थी और स्थानीय प्रशासन खुलकर गुंडों का साथ देता था
  • प्रदेश में कानून व्यवस्था की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं: प्रियंका गांधी
  • इस सरकार में गरीबों, दलितों एवं वंचितों की कोई सुनवाई नहीं है: प्रियंका गांधी
  • आज संविधान दिवस है। न्याय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण मूल्य है। मैं न्याय की लड़ाई के साथ हूं: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इलाहाबाद में फूलचंद पासी के परिवार से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के फाफामऊ के गोहरी गांव में पहुंचकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की। प्रियंका गांधी के साथ में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू, पीएल पुनिया, वाराणसी के पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्र समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।

फूलचंद पासी समेत परिवार के चार लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। पड़ोस के ही सामंती गुंडों पर हत्या का आरोप है। परिवार की महिलाओं ने कांग्रेस महासचिव से अपनी पीड़ा साझा की। प्रयागराज में फूलचंद पासी के परिजनों ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने गुंडों को संरक्षण दिया। परिजनों ने बताया कि हमारी बात नहीं सुनी जाती थी और स्थानीय प्रशासन खुलकर गुंडों का साथ देता था।

पीड़ित परिवार से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस सरकार में गरीबों, दलितों एवं वंचितों की कोई सुनवाई नहीं है। प्रियंका गांधी ने याद दिलाया कि आज संविधान दिवस है। न्याय संविधान का सबसे महत्वपूर्ण मूल्य है इसलिए मैं न्याय की लड़ाई के साथ हूं।

प्रियंका गांधी ने सरकार पर बोला हमला

गोहरी गांव में चार लोगों की हत्या के बाद पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचीं प्रियंका गांधी ने परिवार के सदस्यों के साथ करीब 40 मिनट तक बातचीत की। इसके बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की लापरवाही से यह घटना हुई है। जब पीड़ित परिवार पुलिस के पास जाते थे उनको भगा दिया जाता था। उनका मजाक उड़ाया जाता था। पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं लेती थी। परिजनों को परेशान किया जाता था। दबंगों के द्वारा मारा पीटा जाता था।

उन्होंने कहा कि यह बहुत दर्दनाक घटना है। इस परिस्थिति को देखकर को देखकर कांग्रेस कैसे चुप रह सकती है। आज संविधान दिवस है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इस तरह के हादसे नहीं होने चाहिए। यदि हो रही है तो कार्रवाई होनी चाहिए। दलितों पर अत्याचार हो रहा है। संविधान दिवस मनाने का क्या मतलब है। 

2017, 2019, 2020 और सितंबर 2021 में भी आरोपियों के खिलाफ शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की गई। पूरे प्रदेश में दलितों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा है। अल्पसंख्यकों के लिए न्याय नहीं है। संविधान को नष्ट किया जा रहा है। संविधान को खत्म किया जा रहा है। करीब चालीस मिनट से बातचीत और मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी गोहरी गांव से रवाना हुईं। उन्होंने कहा कि दलितों और किसानों पर हमले बढ़े हैं। सरकार कुछ कर नहीं पा रही है। 

बता दें कि कथित तौर पर गांव के दबंगों ने फूलचंद पासी, उनकी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या कर दी थी। पुलिस पर आरोप है कि पीड़ित परिवार ने हत्या से कुछ दिन पहले शिकायत की थी और सुरक्षा मांगी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जानकारी के अनुसार स्थानीय दबंगों ने कुछ दिन पहले फूलचंद के घर जाकर धमकाया था, फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। मृतकों के घरवालों ने गांव के ही एक दबंग परिवार पर रंजिश में वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस कई अन्य बिंदुओं पर भी जांच में जुटी है। किशोरी का शव नग्न हाल में मिला, ऐसे में सामूहिक दुष्कर्म की भी आशंका है।

एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या

फाफामऊ के गोहरी गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। मृतकों में फूलचंद (50), उसकी पत्नी मीनू (45), बेटा शिव (10) और 17 वर्षीय बेटी शामिल हैं। सभी के खून से लथपथ शव सुबह घर के भीतर पड़े मिले। धारदार हथियार से हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारा गया।

दो दिन से उन्हें किसी ने नहीं देखा था। सुबह दरवाजा खुला होने की सूचना पर पड़ोस में रहने वाला भाई पहुंचा तो घटना की जानकारी हुई। घरवालों ने गांव के ही एक परिवार पर रंजिश में वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस कई अन्य बिंदुओं पर भी जांच में जुटी है। किशोरी का शव नग्न हाल में मिला, ऐसे में सामूहिक दुष्कर्म की भी आशंका है।

क्या है पूरा मामला

फाफामऊ के गोहरी गांव में एक ही परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतारने वाले हत्यारों के सिर पर खून सवार था। मौके और शवों की हालत उनकी दरिंदगी की दास्तां बयां कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मौके पर जो हालात थे, उससे इस बात की आशंका है कि हत्यारों ने पहले बरामदे में सो रहे दंपति व बेटे को मारा और फिर दरिंदगी के बाद कमरे में सो रही किशोरी का कत्ल कर दिया।

फाफामऊ में शांतिपुरम से होते हुए रेलवे क्रॉसिंग पार करते ही गोहरी गांव पड़ता है। इसी गांव में सड़क से लगभग सटे हुए मकान में फूलचंद व उसका परिवार रहता था। घर के दाहिनी ओर पशु औषधालय है जबकि बायीं ओर खाली प्लॉट पड़ा है। पीछे की ओर ईंट का भट्ठा है। पशु औषधालय की चहारदीवारी इतनी है कि आराम से इसे फांदकर घर में दाखिल हुआ जा सकता है।

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विपक्षी दलों ने यूपी की मौजूदा योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि उनके राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुका है। वहीं, जातीय उत्पीड़न चरम पर पहुंच चुका है। विपक्षी दलों का कहना है कि मथुरा में मंगलवार को हुआ गैंगरेप और गोहरी गांव में दलित फूलचंद परिवर के साथ हुई इन घटनाओं से साफ है कि योगी सरकार में, दलितों और महिलाओं का दमन बढ़ा है।

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