पंचायती राज संशोधन सभी राज्यों में लागू नहीं

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह जी ने इस बात पर दुख जताया कि पंचायती राज सम्बंधी 1993 का संशोधन सभी राज्यों में लागू नहीं हो पाया है। यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित डॉ चंद्रशेखर प्राण की पुस्तक “ग्राम पंचायत सदस्यनामा ” के लोकार्पण के बाद देशभर से आए पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मंत्री ने पंचायतों की मजबूती के लिए संवाद की जरूरत बताई।

‘तीसरी सरकार अभियान’ के डॉ. चंद्रशेखर प्राण की पुस्तक ‘उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत सदस्यनामा’ के लोकार्पण एवं संगोष्ठी- आयोजन की अध्यक्षता राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने की।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस तरह की पुस्तक और अभियान आने वाले समय में पंचायती राज्य व्यवस्था को सुदृद्ध करने में विशेष भूमिका रखने वाले हैं। सदस्यनामा जैसी पुस्तकें पंचायतों के लिए मार्गदर्शिका की काम करेंगी। उन्होंने, पंचायती राज व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए प्रधानमंत्री के विशेष ध्यान और प्रयास के मुख्य बिंदुओं की चर्चा की। गिरिराज सिंह ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंचायत की भूमिका की प्रासंगिकता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बदलते समय के मुताबिक, पंचायतों को तकनीक अपनाने एवं विकास प्रक्रिया से लगातार जुड़े रहने को कहा। केंद्रीय मंत्री ने जम्मू कश्मीर में पंचायतों के जिम्मे ढेर सारे अधिकार मिलने के लिए वहां के उप राज्यपाल की प्रशंसा की।

वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय

आयोजन के अध्यक्ष पद से वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने मंत्री की इस बात से असहमति जताई कि पंचायतों को आगे बढ़ाने के लिए कोई कैप्सूल की तरह उपाय नहीं है। श्री राय ने कहा कि उनके पास एक कैप्सूल है और वह ये है कि पंचायतों को देश के 715 जिलाधिकारियों से मुक्त कर दिया जाय। उन्होंने ‘तीसरी सरकार अभियान एवं इंडिया पंचायत फाउंडेशन के आयोजन को पंचायत समवेत कहा। राय ने कहा कि ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ करना महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देना है क्यों कि वे पंचायतों को ही सत्ता का केंद्र बनाने के पक्षधर थे। ऐसा करना हजारीबाग के बुजुर्ग वरुण साहू को श्रद्धा समुमन अर्पित करने की तरह है, जिन्होंने अपने निधन के पहले पंचायत चुनाव में वोट डालने की इच्छा जताई और मतदान के आधे घंटे बाद ही वे चल बसे।

विशिष्ट अतिथि एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास संस्थान के अध्यक्ष एवं राज्यसभा के पूर्व सदस्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने अभी तक ग्राम पंचायतों के सही मायने में धरती पर नहीं होने की तरफ ध्यान आकृष्ट किया।

इंदिरा गांधी कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने चंद्रशेखर प्राण की पुस्तक को पंचायतों के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की तरह बताया।

चंद्रशेखर प्राण

इंडिया पंचायत फाउंडेशन के ट्रस्टी रामचंद्र राव, वरिष्ठ पत्रकार अरुण तिवारी एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र शैक्षणिक इकाई के प्रो. अरुण भारद्वाज ने भी आयोजन को संबोधित किया।

इस कार्यक्रम में देश के 10 राज्यों के विभिन्न वर्ग व समुदाय के 250 से अधिक प्रतिनिधि शामिल रहे।

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