रिहा होने पर महबूबा बोलीं, जो छीन लिया गया है, वह वापस लेंगे

श्रीनगर। पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती को 14 महीनों बाद मंगलवार रात को रिहा कर दिया गया।

महबूबा को पिछले साल 4 अगस्त को तब नजरबंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाते हुए जम्मू-कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने के साथ ही उसका विशेष दर्जा खत्म कर दिया था।

महबूबा की रिहाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने उनके घर जाकर उनसे मुलाकात की। फारुख और उमर को मार्च में रिहा किया गया था।

उमर ने ट्वीट कर कहा कि, मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि @MehboobaMufti साहिबा को एक साल से अधिक हिरासत में रखने के बाद रिहा किया गया है। उसका निरन्तर निरोध एक देशद्रोही कृत्य था और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ था। महबूबा का स्वागत करते हैं।

रिहाई के बाद बुधवार को महबूबा ने पीडीपी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।

रिहा होने के बाद महबूबा ने कहा, ‘अब हमें ये याद रखना है कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से हमसे क्या लिया था, हमें वो वापस चाहिए।’

महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से उनका एक ऑडियो मैसेज शेयर किया गया।

https://khabar.ndtv.com/news/india/mehbooba-mufti-on-jammu-kashmir-article-370-said-have-to-take-back-what-was-snatched-2309828?pfrom=home-topstories

उसमें वह कह रही हैं, ‘मैं आज एक साल से भी ज्यादा अरसे के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फैसला, हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा और मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी। हममें से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अब हम सबको इस बात पर यादा करना होगा कि जो दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को गैर-आयनी, गैर-जम्हूरी, गैरकानूनी तरीके से हमसे छीन लिया, उसे वापस लेना होगा। बल्कि उसके साथ-साथ मसले कश्मीर, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों ने अपनी जानें न्योछावर कीं, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मैं मानती हूं कि ये राह कतई आसान नहीं होगी लेकिन मुझे यकीन है कि हम सबका हौसला और अजम, ये दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मौवीन होगा।’

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा, ‘आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए.’

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने कें संदर्भ में महबूबा समेत कई नेताओं को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत नजरबंद किया गया था।

29 सितंबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि महबूबा मुफ्ती को कितने समय तक के लिए कस्टडी में रखा जा सकता है।

कोर्ट ने इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था। यह मियाद खत्म होने से पूर्व महबूबा को रिहा कर दिया गया।

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