स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय विश्वनाथ राय के 114 वें जन्मदिन पर उन्हें स्मरण किया गया
10 दिसंबर, मुसैला चौराहे पर पंचायत प्रतिनिधि महासंघ के तत्वाधान में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं आजाद भारत में 25 साल तक सांसद रहे स्वर्गीय विश्वनाथ राय के 114 वें जन्मदिन के अवसर पर उन्हें स्मरण किया गया और “नई कृषि नीति और किसान आंदोलन की चुनौतियां” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कारपोरेट के मुनाफा राज को खत्म कर इस देश के किसानों मजदूरों नौजवानों के लिए देश को संचालित करने को मुख्य कार्यभार के रूप में रेखांकित किया गया।
विषय प्रवर्तन करते हुए डॉक्टर चतुरानन ओझा ने विश्वनाथ राय के क्रांतिकारी जीवन और स्वाधीन भारत में 25 वर्षों तक सांसद रहते हुए देश के समाजवादी निर्माण के लिए किए गए उनके संघर्षों और सदन में लगातार उठाए जाने वाले प्रश्नों की तरफ से लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि 1972-73 में ही उन्होंने आर एस एस के साजिश को उजागर करने और अमेरिकी साम्राज्यवाद की साजिशों के पर्दाफाश करने का काम किया था।
वे भगत सिंह के सपनों का भारत बनाना चाहते थे और उसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संसद में भी पूरे हिंदुस्तान के समाजवादी नियोजन के लिए उन्होंने लगातार संघर्ष किया। उन्होंने किसानों को उद्योगों की तरह सरकारी सहायता दिलाने के लिए लगातार संघर्ष किया था।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए किसान नेता शिवाजी राय ने कहा कि भाजपा की सरकार को कारपोरेट जगत ने अपने एजेंडे पर काम करने के लिए नियुक्त किया है। इनकी नीतियां इस देश के किसानों मजदूरों के हित में ना होकर देशी – विदेशी पूंजीपतियों के भारी मुनाफे और लूट को तेज करने वाली हैं।
पंडित रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने अपने 50 सालों से अधिक से कांग्रेस के शीर्ष लोगों से जुड़े संस्मरण बताते हुए जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी और स्वर्गीय विश्वनाथ राय जी के साझे अनुभवों को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में नई आर्थिक आजादी की लड़ाई के लिए विश्वनाथ राय की तरह ही त्याग और करने की जरूरत है।
सर्वोदय मंडल के प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉ मधुसूदन उपाध्याय ने विश्वनाथ राय की सादगी और चुनाव प्रचार के उनके लोगों से सीधे संवाद करने वाले तरीके को रेखांकित किया और आज के नए कृषि कानून के खिलाफ संघर्ष में उनको याद करने को विशेष महत्वपूर्ण बताया। पंचायत आंदोलन के नेता जनार्दन शाही ने कहा कि विश्वनाथ राय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व इतना बड़ा है कि उस पर शोध परक कार्य किए जाने और कई स्मारक खड़े किए जाने की जरूरत है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे है पूर्व सांसद आस मोहम्मद जी ने कहा कि आज की नई कृषि नीति, नई शिक्षा नीति सहित कारपोरेट परस्त सभी नीतियों को ध्वस्त कर नए समाजवादी समाज के निर्माण के लिए काम करना ही आज सही अर्थों में विश्वनाथ राय जी और उनकी क्रांतिकारी विरासत को याद करने का मकसद होना चाहिए।
गोष्ठी को राष्ट्रीय दिव्यांग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, ग्राम प्रधान मोहन प्रसाद, विशंभर ओझा, सर्वेश्वर, सत्येंद्र मणि, राजेश कुमार, विकास आदि ने मुख्य रूप से संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन चतुरानन ओझा ने एवं आभार ज्ञापन अजय राय ने किया।