नीतीश को 15 साल बाद आया बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का खयाल
जिन लोगों ने नरेंद्र मोदी जी के प्रति वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वायदे पर कभी सवाल नहीं उठाया, आज वही लोग तेजस्वी के दस लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी की इस यात्रा में बिहार के नौजवानों को दो करोड़ रोजगार देने वाले उनके वादे पर सवाल पूछना चाहिए।
सबसे ज्यादा गरीब और बेरोजगार बिहार में बसते हैं। बिहार को जानबूझकर उपनिवेश बना कर रखा गया है।
अगर बिहार भी महाराष्ट्र, गुजरात या पंजाब-हरियाणा की तरह समृद्ध होता तो उन राज्यों को सस्ते में बिहारी मजदूर कैसे मिलते!
पंद्रह वर्षों से बिहार पर शासन कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश जी को अब बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का ख्याल आ रहा है।
पिछले विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन के नेता के रुप में नीतीश जी ने भारतीय जनता पार्टी को भारतीय जुमला पार्टी कहा था।
अब स्पष्ट हो गया है कि संगति के प्रभाव में नीतीश जी को अब बिहार को आत्मनिर्भर बनाने का ख्याल आ रहा है।
अभी उन्होंने कहा था कि बिहार समुद्र तट पर नहीं है, इसलिए पिछड़ गया है।
अगले पांच वर्षों में नीतीश जी क्या बिहार को समुद्र तट पर पहुँचा देंगे या समुद्र को ही खींच कर बिहार के किनारे ले आ देंगे!
बातों की खेती करने वाले इन दोनों नेताओं को बिहार के युवा अच्छी तरह पहचान गए हैं।
अब इनके किसी भी वादे को अतीत में किए गए इनके कामों की कसौटी पर ही परखेंगे।