नेपाल ने माध्यमिक शिक्षा कोर्स में किया भारतीय भूक्षेत्र पर दावा
लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी पर कब्जा का भारत पर आरोप
काठमांडू। नेपाल की ओली सरकार एक ओर भारत से वार्ता कर मधुर संबंध की दुहाई दे रही है, दूसरी ओर सीमा विवाद सुलझाने के वजाय उसे और उलझाए रखना चाहती है।
दोनों देशों के बीच लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी ताजा विवाद का मुद्दा है।
भारत ने इस भूभाग पर मानसरोवर मार्ग का निर्माण कर लिया है।
वहीं इस इलाके पर दावा करते हुए नेपाल सरकार ने जारी माध्यमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे अपना अभिन्न हिस्सा बताया है।
नेपाल सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने माध्यमिक शिक्षा के पुस्तक में संपूर्ण देश का क्षेत्रफल सार्वजनिक किया है।
इस क्षेत्रफल के दायरे में भारत के दावे वाला कालापानी आदि क्षेत्र आता है।
शिक्षा,विज्ञान तथा प्राविधि मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने “नेपाली भूभाग और संपूर्ण सीमा स्वाध्याय सामग्री”संबंधी पुस्तक को सार्वजनिक किया है।
यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा का पाठ्यक्रम है।
पुस्तक में देश का कुल क्षेत्रफल 1,47,641.28 वर्ग किमी.बताया गया है।
देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के लिपुलेख, लिंपियाधुरा व कालापानी का क्षेत्रफल 460.28 वर्ग किमी.है।
यदि यह भूभाग पाठ्यपुस्तक में दर्ज नेपाल के कुल क्षेत्रफल में न शामिल होता तो नेपाल का वास्तविक क्षेत्रफल1,47,181 वर्ग किमी.ही रहता।
लगाया भारत पर कब्जे का आरोप
पुस्तक में इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख है कि लिंपियाधुरा, लिपुलेख व कालापानी क्षेत्र में करीब 542 वर्गकिमी.क्षेत्रफल भारत द्वारा कब्जा किया गया है।
पुस्तक में लिपुलेख, लिंपियाधुरा व कालापानी के जिक्र पर नेपाल भारत संबंधों के जानकारों का कहना है कि इससे संभावित वार्ता पर असर पड़ सकता है।
भारत नेपाल तनाव के बीच नेपाल में भारत के राजदूत के साथ नेपाल विदेश मंत्रालय के सचिव समेत अन्य मंत्रालयों के सचिवों की बैठक हुई।
हालांकि इस बैठक में सीमा विवाद पर चर्चा नहीं हुई अलबत्ता नेपाल में चल रही भारतीय परियोजनाओं पर चर्चा हुई।
लेकिन सीमा विवाद सहित तनाव के अन्य मुद्दों पर वार्ता के लिए दोनों देशों के बीच दूसरी उच्च स्तरीय बैठक प्रस्तावित है।काठमांडू में होने वाली इस बैठक की तैयारी चल रही है।