बा-बापू प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र में जीवन दर्शन एवं चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
देश के जाने माने रक्षा वैज्ञानिक तथा डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डा.रामगोपाल ने अपने वक्तव्य में परम्परा, वैज्ञानिकता और अभ्यास को महत्व देने पर ज़ोर दिया! डा.रामगोपाल ने कहा कि प्रकृति के सभी स्वाभाविक कार्य वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं! उसे सीख कर जीवन के कई जटिलताओं को सुलझाया जा सकता है!
छत्तरपुर: मनुष्य एक प्राकृतिक जीव है! उसके स्वास्थ्य का रहस्य भी प्रकृति में ही छिपा है ! रोग चाहे जुकाम हो या कैंसर उसका स्थाई एवं मुक्कमल उपचार प्रकृति में ही सम्भव है ! देश के जाने माने प्राकृतिक एवं होमियोपैथिक चिकित्सक तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त जनस्वास्थ्य वैज्ञानिक डा.ए.के.अरुण ने मध्यप्रदेश गांधी स्मारक निधि, छत्तरपुर के बा-बापू प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र में आयोजित प्राकृतिक जीवन दर्शन एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में बोलते हुए यहाँ के प्रकृतिक उपचारों का आह्वान किया कि वे आधुनिक रोगों के उपचार के लिये खुद को प्रशिक्षित करें ।
डा.ए.के. अरुण दिल्ली सरकार के जनस्वास्थ्य सलाहकार भी हैं ने शिविर में उपस्थित सभी बुद्धिजीवियों को आह्वान किया कि वे स्वयं को प्राकृतिक चिकित्सक के रूप में दीक्षित कर समाज के पीड़ितों की सेवा में आगे आएँ ! डा.अरुण ने विस्तार से प्राकृतिक जीवन और प्राकृतिक चिकित्सा की बारिकियों को समझाया !
देश के जाने माने रक्षा वैज्ञानिक तथा डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डा.रामगोपाल ने अपने वक्तव्य में परम्परा,वैज्ञानिकता और अभ्यास को महत्व देने पर ज़ोर दिया ! डा.रामगोपाल ने कहा कि प्रकृति के सभी स्वाभाविक कार्य वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं ! उसे सीख कर जीवन के कई जटिलताओं को सुलझाया जा सकता है !
प्रशिक्षण शिविर में बाहर से पधारे अतिथियों का स्वागत करते हुए मध्यप्रदेश गांधी स्मारक निधि की सचिव सुश्री दमयंती पाणी ने कहा कि यह प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र आप सब की सेवा का एक उत्कृष्ट केन्द्र बने इसके लिये निधि पूरा प्रयास करेगी !
शिविर में प्राकृतिक जीवन शैली से उपचार करने वाले शहर के प्राकृतिक चिकित्सक व आम नागरिक मुख्य से भागीदारी कर रहे हैं। इसके साथ प्राकृतिक चिकित्सा सीखकर अपने डॉक्टर स्वं बनने के जिज्ञासु लोग भी पहुंच रहे है।
शिविर में संजय चौधरी, प्रभात तिवारी, बॉबी तिवारी, अरुणा परमार, सीमा चौधरी, निदा रहमान, सुमत प्रकाश जैन, नीलम पांडे, निशी सिंह, मोहनलाल साहू, भैरव सोनी, सरिता सिंह, रेहान अंसारी, नीरजा श्रीवास्तव, गोलू मिश्रा, विकास मिश्रा, श्वेता तिवारी, श्रीजा सिंह, हुकुम अग्रवाल, अरविंद खरे, विनीत अग्रवाल सहित लगभग 35 लोग भागीदारी कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन अंकित मिश्रा ने किया।
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