कृषि मंत्री बोले, पराली जलाने वाले किसानों पर नहीं होगा केस दर्ज, अब घर लौटें किसान

कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा है कि कानून वापसी के बाद अब किसान आंदोलन खत्म करके घर वापस लौट जाएं। उन्होंने कहा, एमएसपी को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए पीएम ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है। इसमें आंदोलनरत किसानों को भी शामिल किया जाएगा।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज देश को संबोधित करते हुये कहा कि किसानों पर पराली जलाने पर अब कोई केस दर्ज नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के बयान के बाद अब किसान आंदोलन का कोई मतलब नहीं रह जाता है। बड़े मन का परिचय देते हुए पीएम मोदी की अपील को मानें और किसान घर वापस लौटें।

तीनों कृषि कानूनों को खारिज करने के बाद अब भारत सरकार ने किसानों की एक और अहम मांग मान ली है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने किसानों द्वारा पराली जलाने को अपराध से मुक्त करने की मांग की थी, जिसे भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है.

उन्होंने आगे कहा कि पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का फैसला केंद्र ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से दो दिन पहले किया है. इससे पहले तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने फसल विविधीकरण, शून्य-बजट खेती, और एमएसपी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति गठित करने की घोषणा की है. इस कमेटी में किसान संगठनों के प्रतिनिधि होंगे. उन्होंने कहा कि इस समिति के गठन से एमएसपी पर (MSP) किसानों की मांग पूरी हुई.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के संदर्भ में कहा कि इससे जुड़ा विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन (29 नवंबर को) संसद में पेश किया जाएगा. तोमर ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखने का कोई मतलब नहीं है. मैं किसानों से आंदोलन समाप्त करने और घर जाने का आग्रह करता हूं.

आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों पर भी बोले तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले के बाद मैं समझता हूं कि अब किसान आंदोलन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. मैं किसान संगठनों से आग्रह करता हूं कि वह आंदोलन समाप्त करें. प्रधानमंत्री ने जो घोषणा की है, उसका सम्मान करते हुए किसानों को घर लौटना चाहिए. वे बड़े मन का परिचय दें. किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को लेकर तोमर ने कहा ‘जहां तक आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों का संबंध है, यह राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है और वे निर्णय लेंगे. राज्य सरकारें अपनी राज्य नीति के अनुसार मुआवजे के मुद्दे पर भी निर्णय लेंगी.’

कृषि मंत्री की नई घोषणा के बाद किसान आंदोलन से जुड़े किसान आज एक बार फिर से बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद यह तय किया जायेगा कि उनकी आगे की रणनीति क्या हो?

Leave a Reply

Your email address will not be published.

six + 3 =

Related Articles

Back to top button