मोदी सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात

विश्वासघात दिवस पर आइपीएफ और मजदूर किसान मंच कार्यकर्ताओं ने किया विरोध

लखनऊ: संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर आज पूरे प्रदेश में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने विश्वासघात दिवस के अवसर पर विरोध प्रदर्शन किया। यह जानकारी प्रेस को देते हुए आइपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी और मजदूर किसान मंच के महामंत्री डा. बृज बिहारी ने बताया कि मोदी सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है।

किसान विरोधी तीन कानून, एमएसपी पर कानून बनाने, विद्युत संशोधन विधेयक वापस लेने के लिए विगत 13 माह तक चले किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए जो भी लिखित वायदे सरकार ने किसानों से किए थे, उनमें से एक भी पूरा नहीं किया गया। न तो एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए कमेटी का गठन हुआ और न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लादे गए मुकदमे वापस करने और शहीद किसानों को मुआवजा देने की दिशा में कोई कार्यवाही की गई है।

उलटे एसआईटी जांच में लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार में षड्यंत्र की बात आने के बावजूद केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को अभी तक मोदी सरकार ने नहीं हटाया। यही नहीं सरकार ने आस्ट्रेलिया से मुक्त व्यापार समझौते के तहत दुग्ध आयात का समझौता कर देश के डेयरी किसान के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। दरअसल, सरकार ने किसानों के विश्वास को तोड़ा है, जिसका खामियाजा उसे और भाजपा को उठाना पड़ेगा। आज प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजकर सरकार से किसानों से किए लिखित वायदों को पूरा करने की मांग की गई।

प्रदर्शन का नेतृत्व सीतापुर में मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, नागेश गौतम, गया प्रसाद, सोनभद्र आइपीएफ जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका, मजदूर किसान मंच के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, आगरा में आइपीएफ महासचिव ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में मजदूर किसान मंच जिला प्रभारी अजय राय, धमेन्द्र सिंह एडवोकेट, गोंड़ा में साबिर हुसैन, आरिफ, मऊ में आइपीएफ उपाध्यक्ष एकबाल अहमद अंसारी आदि ने प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। ये जानकारी आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने दी।

इसे भी पढ़ें:

किसानों का ‘विश्वासघात दिवस’ 31 जनवरी को

Leave a Reply

Your email address will not be published.

three × two =

Related Articles

Back to top button