गंगा में कारखानों के प्रदूषण का कारण भ्रष्टाचार – मार्क टली

बीबीसी के दो पुराने दिग्गजों राम दत्त त्रिपाठी और मार्क टली की बातचीत 

(मीडिया स्वराज़ डेस्क)

भारत में बीबीसी के पर्याय मार्क टली गंगा नदी में प्रदूषण, फ़ेक न्यूज़ ( फ़र्ज़ी ख़बरों) और गरीब मज़दूर वर्ग के प्रति सरकार एवं  भारतीय रेल के तौर तरीक़ों पर चिंता प्रकट की है. उनका यह भी कहना है कि सरकार, धनी और माध्यम  वर्गीय समाज में गरीब मज़दूरों के प्रति  हमदर्दी में कमी है.लोग क़ानून का पालन नहीं करते हैं.

मार्क टली ने यह सारी बातें बीबीसी में अपने पुराने सहयोगी राम दत्त त्रिपाठी के साथ लम्बी अनौपचारिक बातचीत में कहीं. चौरासी वर्ष के मार्क टली ऐसे बिरले पत्रकार हैं जिन्हें भारत और ब्रिटेन दोनों सरकारों ने पत्रकारिता में उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया. 

 वह लगभग पचपन सालों से भारत में हैं. दक्षिण एशिया में लंबे समय तक बीबीसी की पहचान रहे. उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और अब स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कभी – कभी लिखते हैं. मार्क ने स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता से कभी समझौता नहीं किया. इसीलिए क़रीब चार दशक पहले आपात काल में उन्हें भारत छोड़कर बरतें वापस जाना पड़ा था. 

यह बातचीत समाज  सेवा के लिए ट्रस्टीशिप के आधार पर चल रही न्यूज़ वेब साइट मीडिया स्वराज़  और यू ट्यूब चैनल मीडिया स्वराज़ की ओर से आयोजित की गयी. 

फ़र्ज़ी ख़बरों से चिंतित मार्क ने कहा, “देश में फेक न्यूज जिस तेजी से चल रही और उस पर कोई रोक नहीं लग रही है वह बहुत ही चिंताजनक है। पिछले दिनों तब्लीगी मरकज को लेकर जिस तरह नकारात्मक खबरें चलाई गई और इसके जरिए उत्तर प्रदेश के एक विधायक ने हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की वह बहुत ही गलत है।”

 बीबीसी पूर्व संवाददाता राम दत्त त्रिपाठी ने मार्क टली से जब इंटरनेट पर उनके नाम से जारी उन लेखों के बारे में पूछा जिसमें दावा किया गया है कि मार्क टली ने अपने लेखों में मोदी सरकार की तारीफ की है और कहा हैं कि मोदी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है।  इस पर मार्क टली कहते हैं “नहीं..नहीं..नहीं..जोकि नकली डिस्पैचेज है मेरे नाम में, वह एकदम नकली है और जिसमें बोला सब अच्छा है और उसमें सोनिया के खिलाफ है, मैं वह डिस्पैच कभी नहीं लिखता मैंने कोशिश की थी, मैंने लीगल लेटर भी भेजा था गूगल को, मैंने सब कुछ किया लेकिन सफलता प्राप्त नहीं किया, उसने (गूगल) ने कोई इंटेस्ट नहीं लिया”।

 अपने नाम पर फेक न्यूज चलाने के सवाल पर मार्क टली हंसते हुए कहते हैं कि “फेक न्यूज तो बहुत चल रहा है जितने जोर से फेक न्यूज के खिलाफ चल रहा है उतने ही जोर से फेक न्यूज चल रहा है, उसमें कोई रूकावट नहीं हुआ अभी तक। आप जानता हैं कि कितना फेक न्यूज तब्लीगी मरकज के बारे में चला, कितना गंदा नकली खबर चलाता था और अभी तक आपके यूपी में एक विधायक ने बोला ये मुसलमान सब्जी बेचने वाला अपनी सब्जी में  थूकता करता है,और आपके यूपी में ज्यादा फैलता है”।

मीडिया से नाराज़गी  

मीडिया से लोगों की बढ़ती नाराजगी के सवाल पर मार्क टली कहते हैं कि “मेरा ख्याल हैं कि  कुछ टीवी चैनल है, कोई है, सब नहीं है, जो बिल्कुल सरकार के हाथ में है और लोग उसमें भरोसा नहीं रख सकते है, लेकिन जैसे अखबार में और जैसा कुछ टीवी निष्पक्ष खबर दे रहा है, इसको कोई लोग बोलता है कि आज की मीडिया की हालत वैसी है जैसा इमरजेंसी में है,वह गलत बात है मैं इमरजेंसी में भारत में उपस्थित था, मुझे मालूम है कि उस जमाने में बहुत सख्त सेंसरशिप था आज कोई सेंसरशिप नहीं है कोई नरम सेंसरशिप है,प्रेशर है”।  

 गंगा प्रदूषण 

वरिष्ठ पत्रकार मार्क टली ने कोरोना और उसके चलते हुए लॉकडाउन को लेकर भी मीडिया स्वराज से बात की। मार्क कहते हैं कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में दिल्ली की हवा पूरी तरह साफ हो गई है। वह कहते हैं कि “मौसम साफ हो गया है, हवा साफ हो गया, लेकिन मैंने सुना कि गंगा और जमुना नहीं में पानी साफ है इसके मतलब ये है कि जो कारखाने गंगा के किनारे पर है वह गंदा पानी डालता है गंगा में, इसलिए सरकार को सिर्फ एक कार्रवाई करना चाहिए कि वो सब कारखाना बंद कर देता है और उसको तब खुलने देंगे जब वह देखा सकते है उनसे पॉल्यूशन फीड बंद कर दिया है”।   

गंगा कानपुर ड बकेश्वर घाट

मीडिया स्वराज से बातचीत में मार्क टली आगे कहते हैं कि “कानपुर प्रदूषण के लिए एक हॉटस्पॉट है . दिक़्क़त यह है  सारे हिंदुस्तान में सरकार कानून पास करते है, आदेश देता है वगैरह वगैरह लेकिन कोई नहीं पालन करता है, जो लोग जिम्मेदार है वह सब भ्रष्ट है इसलिए जब कारखाना मालिक पैसा देता है तो वह बोला है कि हा हा ठीक है एंटी पॉल्यूशन मेजर लगा दिया आपने.  यहीं दिखाता  है कि हिंदुस्तान में करप्शन ।

कामगारों का पलायन 

 करीब पांच दशक तक दक्षिण एशिया से लेकर भारत में हर बड़ी घटनाओं के कवर करने वाले और उसके साक्षी रहे मार्क टली वर्तमान में मजबूर मजदूरों के पलायन करने और उनके लगातार हादसे के शिकार होने से व्यथित नजर आते है। वह इसे सरकार और समाज की नाकामी बताते हुए कहते हैं कि इससे पता चलता है कि देश की सरकार और पैसे वाले लोगों की गरीबों के प्रति कोई हमदर्दी नहीं है। वह कहते हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को भी सुना लेकिन उसमें भी मजदूरों के प्रति कोई हमदर्दी नजर नही आई।     

ग़ाज़ियाबाद में श्रमिकों की भीड़

वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार शहरों से वापस घर जा रहे  मजदूरों को लेकर नाकाम नजर आती है। संकट के समय सरकार ने मदद करने की जगह अचानक से बिना बातचीत, मजदूरों की सुरक्षा में बने श्रम क़ानून और नियम बदल दिए।

उन्होंने श्रानिकों के लिए रेलवे के बंदोबस्त को भी ख़राब बताया. मार्क ने बताया की उन्होंने भारतीय रेल में बहुत सफ़र क्या और उसे बहुत पसंद करते थे. मार्क ने रेलवे पर डाक्यूमेंट्री भी बनायी.

कृपया इसे भी सुनें : https://mediaswaraj.com/ramdutt_tripathi_bbc_yashvant_singh/

 मार्क टली हनुमान भक्त हैं. बातचीत की शुरुआत करते हुए  जब राम दत्त त्रिपाठी ने इसकी याद दिलायी तो मार्क टली कहते हैं कि वह  जब ख़बरों के लिए सफ़र में  जाते हैं या मुश्किल संकट के समय संकट मोचक को याद करते है। वह कहते हैं कि अपने पत्रकारिता के करियर के दौरान भी वह मुश्किल के समय हनुमान जी को याद करते थे इसलिए उनको हनुमान चालीसा कंठस्थ है।

 सुनने के लिए कृपया क्लिक करें :  https://www.youtube.com/watch?v=AHRV84mLMKk&t=65s

Leave a Reply

Your email address will not be published.

9 − 6 =

Related Articles

Back to top button