जल यात्रा : ग्राम स्वराज के संकल्प को पूरा करने का आवाहन

जल यात्रा का चौथा दिन . जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को सजग और संवेदनशील बनाने के लिए 20 मई को स्वराज विद्यापीठ प्रयागराज से शुरू की गई जल यात्रा अपने चौथे दिन सोमवार दिनांक 23 मई, 2022 को कोरांव विकासखंड के छापर गांव पहुंची,जहां लोगों ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया।

सभा कर लोगों को जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। सभा में स्वप्निल श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे गांव प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के सबसे ज्यादा करीब रहे हैं । प्रकृति के साथ सामंजस्य बना कर चलना लोगों के रोजमर्रा जीवन का अंग रहा है। लोग जल संचयन के परंपरागत तरीके सदियों से प्रयोग करते आ रहे हैं। छापर में जल स्वराज के अभियान की शुरुआत उसी दिन हो गई थी जब 11 अगस्त 2019 को गांव के लोगों ने आपसी सहयोग से निर्मित तालाब का लोकार्पण किया था। जल स्वराज की यह संकल्पना ग्राम स्वराज के रास्ते पर चलने की पहली सीढ़ी है।

प्रो. सुनीत सिंह जी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रो. सिंह ने छापर में सामुदायिक खेती एवम् सामुदायिक व्यापार के साथ ही साथ जिस साझा संस्कृति का सपना देखा था और गांववासियों के साथ उस रास्ते का सूत्रपात भी किया था उसे पूरा करने के लिए हम सभी को संकल्पबद्ध होना होगा। गांव के लोगों ने ग्राम स्वराज के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। पीजीएस के जिला समन्वयक सूबेदार सिंह जी ने जलयात्रा के उद्देश्यों की जानकारी दी और गांव में जलसंचयन संरचनाओं के विकास के लिए मनरेगा कानून ,सरकारी और सामुदायिक योजनाओं का सहयोग लेने को कहा। उन्होंने श्रमदान से कई बड़े बड़े तालाबों बांधों और जलाशयों के बनाए जाने के उदाहरण दिए। इस अवसर पर रोशनलाल एडवोकेट, विजय शंकर, सरोज, राम सरन आदि लोग उपस्थित रहे।

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