लखनऊ में बेड के लिए भटकते रहे मरीज, आज 429 मामले, सीएमओ नपे

लखनऊ. राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी में शनिवार को 429 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो गया है। शनिवार को 429 पॉजिटिव केस सामने आने का बाद जिले में हड़कंप मच गया है। दूसरी तरफ प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 63,742 तक पहुंच गई है। वहीं, एक्टिव मरीजों की संख्या 22,452 है। आलम ये है कि मरीज बेड न मिलने से परेशान हैं और दर दर भटक रहे हैं। कोविड अस्‍पतालों में बेड की मारामारी जारी है। लोग मंत्री से लेकर अफसरों तक का फोन बेड का जुगाड़ करने के लिए करवा रहे हैं लेकिन बेडों की संख्‍या पर्याप्‍त न होने के चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं इस मामले में अब तक लापरवाह बने सीएओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल को शासन ने हटा दिया है।

जानकारी के मुताबिक जनपद में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम साबित हुए डॉ नरेंद्र अग्रवाल को शासन ने शनिवार को मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी के पद से हटा दिया है। उनकी जगह राजधानी स्थित डॉ दीन दयाल उपाध्‍याय चिकित्‍सालय (महानगर) में सीएमएस रहे डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह को लखनऊ का मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी बनाया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के लखनऊ में नियंत्रण के बाहर होने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) पर गाज गिरी है। लम्बे समय से लखनऊ के सीएमओ के पद पर जमे डॉ. नरेंद्र अग्रवाल को पद से हटा दिया गया है। लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ते प्रसार के बाद भी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल सक्रिय नहीं नजर आ रहे थे। कोरोना काल में लापरवाही के कारण फजीहत कराने वाले सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल को इसके बाद सरकार को हटाना ही पड़ा था। सूबे की राजधानी लखनऊ में कोरोना के सर्वाधिक एक्टिव केस हैं जबकि मई व जून में यहां पर स्थिति काफी बेहतर थी। लखनऊ में डॉ. नरेंद्र अग्रवाल की लगातार शिकायतें आ रही थीं। उन पर आम जनमानस का फोन न उठाने और जन समस्‍याओं की अनदेखी के आरोप लगे थे। इसलिए अब शासन द्वारा लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पद पर डॉ. राजेंद्र सिंह को तैनात किया गया है। डॉ. राजेंद्र सिंह लखनऊ में दीन दयाल उपाध्याय चिकितत्सालय (महानगर) में सीएमएस के पद पर तैनात थे। लखनऊ के सीएमओ पद से हटाए गए डॉ. नरेंद्र अग्रवाल को लोकबंधु अस्पताल भेजा गया है। वहीं शासन ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में निदेशक स्वास्थ्य सेवा डॉ. मधु सक्सेना को निदेशक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) हॉस्पिटल का निदेशक बनाया है। सिविल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी अब प्रदेश के महानिदेशक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा हैं। इसके साथ ही मुरादाबाद में जिला चिकित्सालय में मुख्य अधीक्षक डॉ. ज्योत्सना उपाध्याय पंत को लखनऊ में निदेशक स्वास्थ्य सेवा के पद पर तैनात किया गया है।

बेड की कमी से जूझ रहे लखनऊ के अस्‍पतालों के बारे में जब एडीएम प्रशासन एपी सिंह ने बात की तो उन्‍होंने बताया कि इस संबंध में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। जल्‍द ही बेडों की संख्‍या बढ़ा दी जाएगी। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है। वहीं जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने अस्‍पतालों की व्‍यवस्‍थाओं के निरीक्षण के लिए मजिस्‍ट्रेटों को नोडल अधिकारी नियुक्‍त किया है। हमारा प्रयास है कि किसी भी तरह की परेशानी मरीजों को न होने दी जाए।

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