किसानों से अरबों रूपये की लूट बंद हो -डॉ सुनीलम
किसान संघर्ष समिति ने की प्रधानमंत्री से सोयाबीन, मक्का की एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने की मांग
किसंस ने किया केंद्र सरकार का पर्दाफाश
किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने बताया कि सरकार द्वारा एमएसपी की घोषणा के बावजूद एमएसपी पर खरीद नहीं की जा रही है जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसान संघर्ष समिति द्वारा प्रधानमंत्री,कृषि मंत्री, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री को सोयाबीन, मक्का सहित सभी कृषि उत्पाद की एमएसपी पर खरीद करने की मांग को लेकर ज्ञापन पत्र भेजा गया है।
ज्ञापन पत्र में कहा गया है कि आपके तथा आपके कृषि मंत्री द्वारा बार-बार यह बयान दिया जा रहा है कि आपके द्वारा अनावश्यक तौर पर देश के किसानों पर थोपे गए किसान विरोधी कानूनों का मंडी में एमएसपी पर होने वाली खरीद पर कोई असर नहीं पड़ेगा ।
मध्य प्रदेश में सोयाबीन और मक्का का सर्वाधिक उत्पादन होता है। सोयाबीन की एमएसपी 3880 रूपये होने के बावजूद व्यापारियों द्वारा 2500 से 3000 रूपये के रेट पर खरीदी की जा रही है। जिससे किसानों को 800 से 1400 रूपये प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन का कुल उत्पादन 115 लाख टन होता है, इसका अर्थ यह है कि किसानों को केवल सोयाबीन की फसल पर अरबों रूपये का नुकसान हो रहा है ।
इसी तरह मक्का का एमएसपी 1760 है तथा मक्का 700 से 900 रूपये क्विंटल के रेट पर बिक रही है| देश भर में 272 लाख टन मक्का उत्पादन करने वाले किसानों की लाखों करोड़ की लूट हो रही है।
इस तरह केवल दो फसलों में अरबों रुपए की लूट किसानों से की जा रही है।
उक्त तथ्यों से स्पष्ट हो गया है कि मंडी समिति एपीएमसी कानून का अध्यादेश (कृषि, उपज,वाणिज्य एवं व्यापार, संवर्धन व सुविधा) अध्यादेश 2020, कानून के चलते किसानों की लूट बढ़ गई है।
देश के 250 किसान संगठनों द्वारा अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेतृत्व में मंडी समिति एपीएमसी कानून का अध्यादेश (कृषि, उपज,वाणिज्य एवं व्यापार, संवर्धन व सुविधा) 2020, ठेका खेती (मूल्य आश्वासन पर बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता कृषि सेवा अध्यादेश 2020 ,आवश्यक वस्तु कानून 1955 में संशोधन तथा विद्युत संशोधन बील 2020 को रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है परंतु आप और आपके कृषि मंत्री बार-बार यह कह रहे हैं कि एमएसपी पर खरीद होगी। जबकि यह सच नहीं है।
मध्यप्रदेश में इस समय गेहूं 1925 रुपये समर्थन मूल्य पर बिकने की जगह 1500 रुपये क्विंटल बिक रहा है।
हम आपका ध्यान कृषि विभाग की विसंगतियों को ओर आकृष्ट करना चाहते हैं । मध्यप्रदेश में सोयाबीन और मक्का की सर्वाधिक फसलें बोई जाने के बावजूद कृषि विभाग द्वारा इन फसलों का पंजीयन न कराकर सिर्फ तीन फसलें ज्वार, बाजरा एवं धान का पंजीयन 15 अक्टूबर तक कराने के निर्देश जारी किए गए हैं । यह किसानों से एमएसपी पर खरीद नहीं करने का एक षड्यंत्र हैं। किसानों के साथ धोखा है।
किसान संघर्ष समिति मांग करती है कि किसान विरोधी कानूनों को रद्द करें तथा तत्काल सोयाबीन मक्का सहित जिन कृषि उत्पादों की एमएसपी जारी की गई है
, उन सभी कृषि उत्पादों का पंजीयन कर जल्द से जल्द एमएसपी पर पूरी खरीद सुनिश्चित करने तथा एमएसपी से कम पर खरीद करने वाले व्यापारियों को जेल भिजवाने की कानूनी व्यवस्था तथा खरीद के लिए आवश्यक राशि केंद्र सरकार से राज्य सरकारों को उपलब्ध कराने का निर्देश दें ।
–डॉ सुनीलम
पूर्व विधायक एवं कार्यकारी अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति, 9425109770