कोविड 19 महामारी में नयी चुनौतियां : गुर्दे का संक्रमण और डायलिसिस
कोविड-19 महामारी ने पूरे विश्व में चिकित्सा समुदाय के सामने नवीन चुनौतियां प्रस्तुत की हैं , विशेषतया उन मरीजों की चिकित्सा के संदर्भ में जिन्हें गुर्दे का संक्रमण है और जो डायलिसिस पर हैं।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग में ऐसे अनेक मरीजों के लिए ,जिनकी हफ्ते में दो या तीन बार डायलिसिस होती थी और जो कोविड-19 संक्रमण से भी ग्रस्त हो गये थे, डायलिसिस की एक अलग व्यवस्था की आवश्यकता थी। दूसरी और राजधानी कोरोना अस्पताल में भर्ती अनेकों संक्रमित मरीजों को गुर्दे की विषम समस्याएं उत्पन्न हो रही थी और उन्हें तुरंत डायलिसिस की आवश्यकता थी ।
संस्थान के नेफ्रोलॉजी विभाग ने इस चुनौती को पूरी गंभीरता के साथ स्वीकार किया और राजधानी कोरोनाे अस्पताल से ही डायलिसिस सेवाएं देना प्रारंभ करने की व्यवस्था की। इस समय विभाग औसतन 30 से 35 ऐसे मरीजों को भर्ती कर पा रहा है जो कोविड-19 संक्रमित हैं और जिन्हें डायलिसिस की तुरंत आवश्यकता है। स्थिर अवस्था के मरीजों को आइसोलेशन में और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को आईसीयू में रखने की व्यवस्था है।
इस समय विभाग की तरफ से राजधानी कोरोना अस्पताल में डायलिसिस की 10 मशीनें लगाई गई हैं । डायलिसिस के लिए RO treated शुद्ध पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए पीजीआई के अन्य विभागों से portable RO मशीन भी मंगाकर राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में लगाई गई हैं जिससे डायलिसिस सेवाएं सुचारू रूप से चलाई जा सके।
राजधानी कोरोना अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 10 से 12 डायलिसिस की जा रही हैं । अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए चार डायलिसिस नर्सेज और टेक्नीशियन पूरी मुस्तैदी से अपने काम में जुटे हैं। मार्च 2020 से अब तक लगभग यहाँ 450 डायलिसिस हो चुकी हैं।
राजधानी कोरोना हॉस्पिटल में आगरा, मेरठ, झांसी, इलाहाबाद इत्यादि शहरों से भी डायलिसिस की आवश्यकता वाले मरीजों बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। लगभग सभी मरीज जो अन्य शहरों से उपचार हेतु यहां आए थे, उपचार प्राप्त कर और कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट लेकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं।
अभी तक राजधानी कोविड हॉस्पिटल में गुर्दे के संक्रमण से ग्रस्त लगभग 100 मरीजों को भर्ती किया गया है और एक बहुत बड़ी संख्या में मरीज ठीक हो कर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं।
इस कोरोना संकट के काल में नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक, सीनियर रेजिडेट, तकनीशियन, नर्सेज और अन्य सभी स्टाफ पूरी क्षमता और समर्पण के साथ सभी चुनौतियां स्वीकार करने को तैयार है।
प्रोफ़ेसर डा अमित गुप्ता,
अध्यक्ष, नेफ़रोलोजी विभाग,
एस जी पी जी आई, लखनऊ