काशी विश्वनाथ धाम में शिवभक्तों के लिये अब​ खुलेंगे मोक्ष के द्वार

काशीपुराधिपति के आंगन में बाबा के भक्तों के लिए हर रोज शाम को कलाकारों द्वारा शिव की कहानी के मंचन के साथ मनोरंजन और अध्यात्म का संगम भी देखने को मिलेगा। काशी विश्वनाथ धाम में देशभर के कलाकार शीश नवाने के समेत भक्तों को शिव लीला भी सुनाएंगे।

पुरातन समय से ही हिंदू धर्म में यह माना जाता रहा है कि काशी जाकर ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। ​भगवान भोलेनाथ के त्रिशूल पर बसी काशी नगरी में अब शिवभक्तों के लिये मोक्ष प्राप्ति की कल्पना से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का कायाकल्प किया है। 13 दिसंबर को लोकार्पण के बाद शिवभक्त एक बिल्कुल अलग और नये काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन कर पायेंगे। आप भी आइयेगा जरूर।

मीडिया स्वराज डेस्क

54 हजार वर्गमीटर में विकसित काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश करने के बाद दुनियाभर से आने वाले शिवभक्तों को अब किसी भी जरूरत के लिए भटकना नहीं होगा। काशी की पूरी परिकल्पना को साकार कर रहे इस धाम में अब जीवन से मोक्ष तक का धार्मिक प्रयोजन सहज ही मिल जायेगा।

गंगा व्यू गैलरी से कर सकेंगे बाबा विश्वनाथ की आराधना

बाबा के भक्तों के लिए खास सुविधाओं का ध्यान रखते हुये धाम को बिल्कुल अलग अंदाज में तैयार किया गया है। मंदिर चौक के पास बनाई गई गंगा व्यू गैलरी से बाबा विश्वनाथ की आराधना में भक्त जाह्नवी को साक्षी मान सकेंगे। यहां से एक तरफ गंगा और दूसरी तरफ काशी विश्वनाथ के दर्शन होंगे। मंदिर परिसर के चारों मुख्य द्वार पर भी शिवभक्त भगवान भोलेनाथ के रूपों के दर्शन कर पाएंगे। काशी विश्वनाथ में तैयार भवन अब भक्तों को गंगा स्नान से महादेव के दर्शन तक और उसके बाद की सुविधाओं का भी एहसास कराएंगे।

हर रोज शाम को होगा शिव लीला का मंचन

काशीपुराधिपति के आंगन में बाबा के भक्तों के लिए हर रोज शाम को कलाकारों द्वारा शिव की कहानी के मंचन के साथ मनोरंजन और अध्यात्म का संगम भी देखने को मिलेगा। काशी विश्वनाथ धाम में देशभर के कलाकार शीश नवाने के समेत भक्तों को शिव लीला भी सुनाएंगे। स्थानीय कलाकार भी बाबा के समक्ष हर दिन अपनी प्रस्तुति देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों विश्वनाथ कॉरिडोर भक्तों को समर्पित होने के बाद ये आयोजन शुरू हो जाएंगे।

मंदिर चौक बनेगा सांस्कृतिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र

श्री काशी विश्वनाथ धाम के मंदिर चौक को सांस्कृतिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। इसमें अनवरत देश के नामचीन कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकार भी बाबा के चरणों में स्वरांजलि अर्पित करेंगे। धार्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक आयोजनों की वृहद श्रृंखला देश भर के श्रद्धालुओं को प्राचीन के साथ नवीन काशी का एहसास कराएगी।

तीन दिनों बाद भक्तों के लिये खुले काशी विश्वनाथ के द्वार, 13 को लोकार्पण के लिये पहुंचेगे पीएम मोदी
गुरुवार से काशी विश्वनाथ मंदिर के पट मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए खुल गए, मगर सौंदर्यीकरण के काम के चलते फिलहाल कुछ दिन और भक्तों को झांकी दर्शन ही मिलेंगे।

शिवभक्तों को एक ही परिसर में मिलेंगी सारी सुविधायें

काशी विश्वनाथ धाम में दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधायें एक ही परिसर में मिल जाएंगी। गंगा से जल लेकर मंदिर तक पहुंचने के बीच शिवभक्त कई अनुभवों से गुजरेंगे। इसमें गंगा स्नान के पहले से लेकर दर्शन के बाद तक की सभी सुविधायें शिवभक्त धाम में ही प्राप्त कर पाएंगे।

संग्रहालय में सहेजी गईं महादेव की स्मृतियां

काशी विश्वनाथ धाम में संग्रहालय भी बनाया गया है। इसमें सिटी गैलरी में वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहरों को जगह दी जाएगी। जबकि वाराणसी गैलरी में अधिग्रहीत भवनों की चाबी, ऐतिहासिक व विशेष मूर्तियां, जिन्हें खंडित होने के कारण स्थापित नहीं किया गया और पुराने भवनों के दरवाजे खिड़कियां आदि को भी सहेजा जाएगा। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर से काशी विश्वनाथ धाम तक की पूरी कहानी भी देखने को मिलेगी।

मां वैष्णो देवी यात्रा की तर्ज पर होंगी यात्री सुविधायें

मां वैष्णो देवी यात्रा की तर्ज पर काशी विश्वनाथ धाम में भी तीन प्रवेश द्वारों पर यात्री सुविधा केंद्र तैयार किये गये हैं। अब सामान सहित भक्त विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर पाएंगे। यात्री सुविधा केंद्र में प्रसाधन के साथ ही मोबाइल, बैग सहित अन्य सामान भी रखा जा सकेगा। यहां से भक्त गंगा घाट और विश्वनाथ मंदिर तक आसानी से पहुंच पाएंगे।

अब सामान रखने के लिए भटकने की जरूरत नहीं

फिलहाल भक्तों को मोबाइल सहित अन्य सामान रखने के लिए स्थान खोजना पड़ता है। देशभर के शिवभक्तों की सहूलियत के लिए काशी विश्वनाथ धाम में सभी प्रदेशों के पर्यटन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। ताकि प्रत्येक प्रदेश के भक्तों को स्थानीय भाषा सहित अन्य पर्यटन का लाभ मिल सके। इसके लिए यात्री सुविधा केंद्र में ही सभी प्रदेशों के लिए स्थान आवंटित किया जाएगा।

काशी विश्वनाथ में कैसे शिव हुए ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित, जानिए...
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए बहुत ही खास है और इससे जुड़ी कितनी ही पुरानी मान्यताएं भी हैं।

धाम परिसर में भक्त कर सकेंगे विश्राम

काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले भक्तों को दर्शन पूजन के अलावा फूड कोर्ट, पुस्तकालय सहित अन्य सुविधाएं
भी मिलेंगी। श्रद्धालुओं के लिए 18 कमरों का अतिथि गृह बनाया गया है। मंगला आरती में शामिल होने वाले भक्त यहां रात्रि विश्राम कर ब्रह्म मुहूर्त में आसानी से दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही दो डोरमेट्री में 30 से ज्यादा भक्तों के ठहरने की व्यवस्था भी होगी।

अब धाम में पूरी होगी मोक्ष की कामना

काशी विश्वनाथ धाम यानि काशी में मोक्ष की परिकल्पना भी अब साकार होगी। काशी विश्वनाथ धाम में बनाए गए मुमुक्षु भवन में दो तलों पर 48 लोगों को ठहरने की व्यवस्था होगी। इसे नो प्राफिट नो लॉस की तर्ज पर चलाने की तैयारी है। इसमें फिलहाल 15 दिनों तक ठहरने का प्रस्ताव होगा। हालांकि मंदिर प्रशासन इसके लिए टेंडर जारी कर सेवा का अवसर देगा। बता दें कि फिलहाल अस्सी घाट पर मुमुक्षु भवन का संचालन किया जाता है।

विशेष मौकों पर नहीं लगेगी सड़क पर कतार

सावन सहित विशेष मौकों पर अब बाबा के भक्तों की कतार शहर की सड़कों पर नहीं दिखाई देगी। काशी विश्वनाथ धाम परिसर में बने मंदिर चौक और यात्री सुविधा केंद्रों में अब हजारों भक्त एक साथ शामिल हो सकते हैं। अब तक की व्यवस्था में विशेष अवसरों पर लक्सा और मैदागिन तक लंबी कतार लगती रही है, लेकिन लोकार्पण के बाद कुंभ का पलट प्रवाह और उसके बाद महाशिवरात्रि पर मंदिर प्रशासन की पहली परीक्षा होगी।

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13 को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद भक्तों को यहां मौजूद सभी सुविधायें मिलनी शुरू हो जायेंगी।

पूरे शहर में गूंजेगा हर-हर महादेव का नारा

काशी विश्वनाथ धाम मंदिर के लोकार्पण से पहले शहर का माहौल शिवमय किया जाएगा। इसके लिए नौ दिसंबर से शहर में प्रभात फेरियां निकलनी शुरू हो जाएंगी। मोहल्लों में सुबह से लेकर शाम तक हर हर महादेव का नारा गूंजेगा। इसके लिए स्थानीय लोगों के साथ ही सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन सहित अन्य लोगों से संवाद किया जा रहा है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद प्रसाद वितरण और पुस्तिका पहुंचाने की तैयारी भी शुरू कराई गई है।

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