दुनिया में लगातार बढ़ रही है कोरोना से मरने वाले पत्रकारों की संख्या

कोरोना ने ली 282 पत्रकारों की जान

कोविड-19 से दुनिया भर में मरने वाले पत्रकारों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है. अब तक केवल भारत में कोरोना से मरने वाले पत्रकारों की संख्या 275 हो चुकी है. इनमें से पांच की जान इसी महीने यानि अक्टूबर में चली गई है.

— सुषमाश्री

जेनेवा बेस्ड ग्लोबल मीडिया सेफ्टी एंड राइट्स बॉडी Press Emblem Campaign (PEC) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर Covid-19 के कारण मरने वाले पत्रकारों की संख्या लगातार बढती ही जा रही है, जहां मार्च 2020 से अब तक दुनिया के 83 देशों में कम से कम 1830 लेखकों ने नोवल कोरोना वायरस के सामने हार मान ली.

भारत में पिछले कुछ महीनों में हालात कुछ बेहतर हुए, लेकिन इस महीने एक बार फिर देश में कोरोना के कारण मरने वाले पत्रकारों की संख्या लगातार बढ रही है.

अधिक जनसंख्या वाले इस देश में कोरोना के कारण अक्टूबर के पहले हफ्ते में तीन पत्रकारों की जान चली गई. भुवनेश्वर के रहने वाले एक वरिष्ठ उडिया पत्रकार विवेकानन्द दास की 6 अक्टूबर को मौत हो गई. 70 वर्षीय दास जनतंत्र, संवाद, इस्टर्न टाइम्स, आर्गनाइजर जैसे कई अखबारों के लिए काम कर चुके थे. एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

इससे पहले कोच्चि के 83 वर्षीय कार्टूनिस्ट सी जे येसुदासन कोरोना के बाद की जटिलताओं के कारण उसी दिन 6 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए.

इससे पहले कोच्चि के 83 वर्षीय कार्टूनिस्ट सी जे येसुदासन कोरोना के बाद की जटिलताओं के कारण 6 अक्टूबर को इस दुनिया को अलविदा कह गए.

इससे पहले ओडिसा के एक अन्य लेखक 44 वर्षीय सत्यजीत मोहापात्रा भी 4 अक्टूबर को कोरोना से जंग हार गए.

कोविड के नए वेरिएंट को देखते हुए, पीईसी ने चेतावनी दी है कि 2021 के अंत तक कोविड -19 से मरने वाले पत्रकारों की संख्या 2,000 तक पहुंचने की संभावना है.

PEC के जनरल सेक्रेटरी ब्लेज लेम्पेन कहते हैं, ‘पत्रकारिता एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें जमीनी स्तर पर सबसे ज्यादा काम करना पडता है. जून के बाद से कोरोना के पंजीकृत पीड़ितों की संख्या में कमी आई है, लेकिन कई देशों में टीकाकरण की दर अब भी अपर्याप्त बनी हुई है.’

pressemblem.ch के मुताबिक मीडिया में मौजूद कुछ राजनीतिज्ञ कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बडे स्तर पर गलत खबरें फैला रहे हैं.

भुवनेश्वर के रहने वाले एक वरिष्ठ उडिया पत्रकार विवेकानन्द दास की 6 अक्टूबर को मौत हो गई.

अब तक ब्राजील में कोरोना और उसकी जटिलताओं के कारण 282 पत्रकार अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके ठीक पीछे यानि कोरोना से मरने वाले पत्रकारों की संख्या को देखें तो भारत दूसरे स्थान पर है. यहां अब तक 275 पत्रकारों की जान कोरोना ने ले ली है.

इसके बाद पेरू Peru (198), मैक्सिको Mexico (121), कोलंबिया Colombia (78), बांग्लादेश Bangladesh (66), अमेरिका USA (61), इटली Italy (60), वेनेजुएला Venezuela (55), एक्वाडोर Ecuador (51), अर्जेटिना Argentina (45), इंडो​नेशिया Indonesia (41), ईरान Iran, रूस Russia (33 each), यूके United Kingdom (31), डोमिनिकन रिपब्लिक Dominican Republic, टर्की Turkey (28 each), पाकिस्तान Pakistan (27), नेपाल Nepal (23), बोलिविया Bolivia (20), होन्डुरास Honduras (19), दक्षिण अफ्रीका South Africa (18), मिस्र Egypt, पनामा Panama (17 each), स्पेन Spain (16), उक्रेन Ukraine (15) जैसे देशों में कोरोना की वजह से मरने वाले पत्रकारों की संख्या है.

जुलाई, अगस्त और सितम्बर माह के दौरान भारत में कोरोना से मरने वाले पत्रकारों की संख्या पांच है. इनमें अगरतला के 70 वर्षीय गौतम दास और शिलांग के 67 वर्षीय सिंदूर सिंह साइम की जान कोरोना के कारण पिछले दो महीनों में गई है.

PEC के India के प्रतिनिधि नवा ठाकुरिया इस लिस्ट में तीन अन्य पत्रकारों के नाम जोडे हैं. इनमें इम्फाल के 45 वर्षीय लैरेन्जम बिजेन सिंह, कोलकाता के 59 वर्षीय राजीव घोष और कुमारघाट के 58 वर्षीय मानिक लाल दास की मौत जुलाई महीने में कोरोना के कारण हो गई.

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