पत्रकार पवन : जिंदगी की जंग हार गए

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लाॅक में प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में बच्चों को नमक-रोटी देने का मुद्दा उठाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल जिंदगी की जंग हार गए. सत्ता से टकराने की उन्होंने कीमत चुकाई थी लेकिन हार नहीं माने. उन्होंने हमारे सामने पत्रकारिता की मिशाल कायम की है. सच के साथ खड़ा होने की पत्रकारिता के वह उदाहरण हैं. वह हमेशा पत्रकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे.

मिर्जापुर जनपद के जमालपुर ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में नमक-रोटी दिए जाने की स्टोरी करने से वह चर्चित हुए थे. वह काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित थे. उनका इलाज अस्पताल में चल रहा था. पहले उनके स्वास्थ्य में सुधार की खबरें आई थीं लेकिन अंतत: वह मौत से हार गए.

वर्तमान समय में जब सत्ता की हनक के सामने लोग आत्मसमर्पण कर देते हैं, वह हमेशा सच के साथ खड़े रहे. जब उन्होंने मिड डे मिल की स्टोरी कवर की थी, तब प्रशासन ने उन्हें प्रताड़ित भी किया लेकिन किसी दबाव के सामने वह झुके नहीं. साहसिक पत्रकारिता के लिए उन्हें सलाम..! जिस सत्ता से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए लोग लालायित रहते हैं, उसी “सत्ता” को पत्रकार पवन जायसवाल ने चुनौती दी थी.

उनके करीबी मित्रों का कहना है कि पवन के इलाज में डाॅक्टरों ने लापरवाही बरती थी. कई बार उनका ऑपरेशन हुआ जिससे वह काफी कमजोर हो चुके थे. दो दिन से फेफड़े में भी संक्रमण के चलते वह वेंटीलेटर पर चले गए थे. अंतत: उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनके इलाज के लिए उनके मित्रों ने जितना संभव हो सका कोशिश की थी. उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि..!

सुरेश प्रताप सिंह , वाराणसी

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