पत्रकारिता की शिक्षा : सही भाषा सरल सम्पादन
पत्रकारिता की शिक्षा आज देश के कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में दी जा रही है। इसके बावजूद जो छात्र यहां से पढ़ कर निकल रहे हैं उनमें प्रिंट, इलेक्ट्रानिक या डिजिटल मीडिया में काम करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण नहीं दिया जाता।
लेखन शैली सुधारने या भाषा पक्ष पर तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वजह है कि आजकल समाचार पत्रों में ढेरों अशुद्धियां दिखती हैं।
इसी विषय पर वरिष्ठ पत्रकार आदर्श प्रकाश सिंह ने एक पुस्तक लिखी है। ‘सही भाषा सरल सम्पादन’ नामक पुस्तक लेखक ने अपने 36 साल के पत्रकारीय अनुभव के आधार पर लिखी है। उन्होंने हिन्दी के कई प्रमुख दैनिक पत्रों में डेस्क पर काम किया है। इसलिए डेस्क के काम काज को पुस्तक में बेहतर ढंग से समझाया गया है।
हाल ही में 11 दिसंबर को इस पुस्तक का विमोचन विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधान भवन के टंडन हाल में किया।
उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मीडिया में कदम रखने वाले युवाओं के लिए मार्ग दर्शक का काम करेगी। लेखक ने पुस्तक में इंट्रो हेडिंग आदि के अलावा भाषाई गलतियों पर ध्यान दिलाया है।
पत्रकारिता के विद्यार्थी निश्चित रूप से इससे लाभान्वित होंगे।
गाजियाबाद के केएल पचौरी प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है।
मूल्य 250 रुपये है।