जीवामृत खेत की मिट्टी के लिए अमृत समान है


जीवामृत खेत की मिट्टी के लिए अमृत समान है. प्रशिक्षण में किसानों को बनाना सिखाया गया . किसान जीवामृत, वर्मी कंपोस्ट, जैव उर्वरक व जैविक कीटनाशक भी खेत व घर मे ही बनाकर कम लागत में खेती को समृद्ध कर सकते हैं
क्षेत्रीय जैविक केंद्र, ममत्व सेवा संस्था व कृषि विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत जबलपुर विकासखंड के ग्राम कैलवासा में किसान प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान समय मे खेती की लागत बढ़ गई है रासायनिक खाद, कीटनाशक व खरपतवार नाशक सभी महंगे होने के साथ ही साथ मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।

संस्था के अध्यक्ष दीपक पचौरी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन काल में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहता था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। लेकिन वर्तमान में जैविक कृषि को अपनाकर मिट्टी में सुधार करके स्वास्थ्य में भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

जीवामृत, वर्मी कंपोस्ट, जैव उर्वरक व जैविक कीटनाशक भी खेत व घर मे ही बनाकर कम लागत में खेती को समृद्ध कर सकते हैं । कार्यशाला में जीवामृत बनाकर किसानों को जैविक केंद्र के ललित जी ने सिखाया जिसमें 10 किलो गौमाता का गोबर , 10 लीटर गौमूत्र, 2 किलो गुड़, 2 किलो दाल (चना या मूंग या उडद कोई भी ) , 180 लीटर पानी का ड्रम व एक डंडा घोल को हिलाने के लिए व तालाब की किनारे की जीवित मिट्टी को लेकर , प्रतिदिन 3 बार हिलाना है ये प्रक्रिया 7 दिनों तक करने के बाद 10 वे दिन जीवामृत तैयार हो जाता है फिर इसे खेतों में पानी की सहायता से किसान डाल सकते हैं.

इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कार्बन व अन्य तत्व बहुतायत में रहते हैं जो फसल को पोषण प्रदान करते हैं। सम्पूर्ण विधि की जानकारी देकर किसानों को जीवामृत बनाकर प्रदर्शन किया गया ।

कृषि विभाग के विस्तार अधिकारी एन एल चौधरी ने कृषकों को सरकार की योजनाओं व मिट्टी परीक्षण की जानकारी दी । ममत्व सेवा संस्था के अध्यक्ष दीपक पचौरी ने संस्था के द्वारा कृषक हितैषी कार्यक्रम , शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्यावरण में जैविक कृषि की उपयोगिता पर प्रकाश डाला व कार्यों की जानकारी कृषकों को दी कृषकों की समस्त समस्याओं के समाधान की बात भी कार्यक्रम में संस्था की ओर से कही गई।

कार्यक्रम में क्षेत्रीय किसान राजेन्द्र सिंह राजपूत, सरजू प्रसाद, प्रीतम लाल साहू, श्याम लाल, गणेश सिंह, सुरेंद्र लोधी, गोपाल प्रसाद पटेल, मिथलेश यादव, डब्बल प्रसाद, सदानंद पटेल, राजेश सिंह राजपूत, घनश्याम बर्मन, धनसिंह ठाकुर, राजेश यादव सहित अन्य लगभग 50 किसानों की उपस्थिति रही । 

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